ओमिक्रॉन बीए 2 को नहीं पहचान पाएगा एंटीजन टेस्ट, वैज्ञानिकों ने फिर जताई चिंता

कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट के बारे में सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यही है कि यह खुद को लगातार म्यूटेट कर सकता है। इसके नए संस्करण के बारे में चिंता जताई जा रही है कि इसे रेपिड एंटीजन टेस्ट नहीं पकड़ पाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड से मिला ओमिक्रॉन का यह नया वर्जन दक्षिण अफ्रीका से आए एक यात्री में पाया गया है। चित्र : शटरस्टॉक

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा ओमिक्रॉन वेरिएंट को वेरिएंट ऑफ़ कंसर्न ( variant of Concern )  की श्रेणी में पहले ही रखा गया था। जिसके बाद इस नए वेरिएंट को लेकर कई बातें सामने आईं। एक तरफ इसके हल्के लक्षणों के कारण डॉक्टर इसके प्रति ज्यादा चिंतित नहीं हैं, वही वैज्ञानिक इसके नए संस्करण बी 2 को लेकर परेशान हैं। जिसे पकड़ पाना एंटीजन टेस्ट के वश की बात नहीं है। शोधकर्ता अब भी इस नए वेरिएंट पर रिसर्च कर रहे हैं। साथ ही वैक्सीनेटेड लोगों पर इसके प्रभाव के बारे में भी लगातार अध्ययन जारी हैं। जानते हैं ओमिक्रॉन के नए संस्करण के बारे में विस्तार से। 

कहां मिला ओमिक्रॉन का यह नया वर्जन?

कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट का नया वंश ऑस्ट्रेलिया के क्वीन्सलैंड में कई सैंपलों में पाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड से मिला ओमिक्रॉन का यह नया वर्जन दक्षिण अफ्रीका से आए एक यात्री में पाया गया है। इस वंश में मौलिक ओमिक्रॉन करीब आधे जीन विविधता लिए हुए हैं।

बीए 2 है ओमिक्रोन का नया वंश

कोरोना के म्यूटेंट के 2 लीनेज (new lineage of omicron) के बारे में जानकारी सामने आई है। जिसको बीए 1 (B1) और बीए 2 (B2) का नाम दिया गया है। इसमें मौलिक ओमिक्रॉन बीए 1 के रूप में जाना जाता है। दोनों में ही म्यूटेशन लगभग एक जैसे हैं। 

वैज्ञानिकों का कहना है कि तेजी से म्यूटेशन होने की वजह से यह नया वेरिएंट डेल्टा, डेल्टा प्लस और बाकी वेरिएंट से खतरनाक है। चित्र : शटरस्टॉक

ऑस्ट्रेलिया के एक वैज्ञानिकों के अनुसार ओमिक्रॉन का नया संस्करण यानी बीए 2 को सामान्य ( रैपिड एंटीजन टेस्ट ) जांच में पकड़ना मुश्किल है। हांलाकि आरटी-पीसीआर जांच में दोनों ही वंश के लिए पॉजिटिव परिणाम मिलेगा। बस कौन सा वंश है, इसे पकड़ पाना मुश्किल होगा। 

डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस ने दी चेतावनी 

विश्व स्वास्थ संगठन द्वारा एक बार फिर से शुरुआती डाटा के आधार पर लोगों को इस नए वेरिएंट से सचेत रहने का आग्रह किया गया है। संगठन द्वारा इस बात को साफ कर दिया गया है कि यह उन लोगों को भी आसानी से शिकार बना सकता है, जो पहले से संक्रमित हो चुके हैं। संगठन का कहना है, कि डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले इसमें बीमारी हल्की रहेगी, लेकिन थोड़ी सी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है।


हाल ही में की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विश्व स्वास्थ संगठन के प्रमुख डॉ. टेड्रोस ने कहा कि किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए हमें काफी ज्यादा डाटा की जरूरत होती है। हमने सभी देशों से गुजारिश की है कि वs इस नए वेरिएंट पर अपनी नजर बनाए रखें। ताकि हमें इसके व्यवहार के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि भले ही ओमिक्रॉन से संक्रमित लक्षणों की गंभीरता कम हो, लेकिन बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। किसी भी लापरवाही से जान जा सकती है।

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लेखक के बारे में
अक्षांश कुलश्रेष्ठ

सेहत, तंदुरुस्ती और सौंदर्य के लिए कुछ नई जानकारियों की खोज में ...और पढ़ें

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