तंबाकू का सेवन करने वालों के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकता है ओमिक्रोन वैरिएंट

अगर आपको अपने जीवन से प्यार हैं और ओमिक्रोन के बढ़ते संक्रमण से खुद को बचाना चाहती हैं, तो आज ही स्मोकिंग छोड़ दें।
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स्मोकिंग करने वालो पर ज्यादा है ओमीक्रोन का ख़तरा। चित्र : शटरस्टॉक
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देश में कोरोना वायरस संक्रमण के नए वैरिअंट ओमिक्रोन के मामले बढ़कर 1200 के पार हो गए हैं। विश्व स्वास्थ संगठन ने पहले ही ओमिक्रोन को वैरिएंट ऑफ कंसर्न की सूची में डाल दिया था। अभी तक संक्रमण के भारी या बड़े लक्षण देखने को नहीं मिल रहे थे। हालांकि इस नए वैरिएंट से भारत में दो मौतें होने के बाद दहशत का माहौल बन गया है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की चिंता भी तीसरी लहर को लेकर काफी बढ़ चुकी है। ऐसे में यदि आप धूम्रपान या किसी भी तंबाकू युक्त सामग्री का सेवन करती हैं, तो आपके लिए जोखिम औरों से बहुत ज्यादा है। 

कोरोना और स्मोकिंग 

विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार स्मोकिंग करने की आदत जिन लोगों को होती है, उनके फेफड़े को काफी ज्यादा नुकसान पहुंच चुका होता है। दूसरी लहर में हमने देखा कि कोरोना वायरस संक्रमण के डेल्टा वेरिएंट ने सीधा फेफड़ों पर प्रहार किया। 

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स्मोकिंग करने वाले लोगों का कोरोना से मौत का जोखिम 50% से तक बढ़ जाता है। चित्र : शटरस्टॉक

ऐसे में स्मोकिंग करने वाले लोगों का कोरोना से मौत का जोखिम 50% से तक बढ़ जाता है। फिलहाल ओमिक्रोन वैरिएंट में सांस से जुड़े कोई लक्षण नहीं हैं। फिर भी यदि ओमिक्रोन और डेल्टा वैरिएंट का कॉम्बीनेशन यानी डेल्मीक्रोन भारत में अपनी पकड़ बनाता है, तो धूम्रपान वालों के लिए स्थिति नाजुक हो सकती है।

धूम्रपान करने वालों को चेतावनी दे चुका है डब्ल्यूएचओ 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डा. टेड्रोस ने 28 मई 2020 को कहा था कि धूम्रपान करने वालों में कोरोना की गंभीरता और इससे मौत होने का जोखिम 50 प्रतिशत तक ज्यादा होता है। इसलिए कोरोनावायरस के जोखिम को कम करने के लिए धूम्रपान पूरी तरह त्याग देना ही बेहतर है। धूम्रपान की वजह से कैंसर, दिल की बीमारी और सांस की बीमारियों का जोखिम भी बढ़ जाता है।

क्यों करोना वायरस को और भी जटिल बनाता है धूम्रपान? 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार तंबाकू का धुआं सांस की नली से होते हुए फेफड़ों तक जाता है जो। Covid-19 के  ACE2  रिसेप्टर्स को बढ़ावा देता है। जिससे व्यक्ति में संक्रमण काफी तेजी से फैलता है और हालात इतने खराब कर देता है कि वेंटिलेटर पर जाने की नौबत आ जाती है।

इम्यूनिटी कमजोर करता है तंबाकू 

अल्फा से लेकर ओमिक्रोन वैरिएंट तक सभी इम्यूनिटी पर सीधा प्रहार करते हैं। ऐसे में हमें अपनी इम्युनिटी बढ़ाने पर जोर देना चाहिए। वैक्सीन का भी उद्देश्य शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाने का है। वहीं दूसरी ओर जो लोग तंबाकू का सेवन करते हैं, उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। 

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तंबाकू Covid-19 के ACE2 रिसेप्टर्स को बढ़ावा देता है। चित्र : शटरस्टॉक

दरअसल तंबाकू उत्पाद या सिगरेट का सेवन करने से ज्यादा लार बनना शुरू होती है। जिससे थूकने पर संक्रमण के प्रसार का खतरा तेजी से बढ़ जाता है। यह इम्यूनिटी कमजोर करती है।

भारत में 27 करोड़ लोग करते हैं तंबाकू का सेवन 

ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे के अनुसार देश में 29 फीसद यानी करीब 27 करोड लोग तंबाकू का सेवन करते हैं। इसमें खैनी, गुटखा, सुपारी, तंबाकू, जर्दा, बीड़ी, सिगरेट और हुक्का जैसे उत्पाद शामिल हैं। यदि आप कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकोप से बचना चाहती हैं, तो धूम्रपान व तंबाकू छोड़ने का फैसला करना होगा।

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