अब हमें कोविड-19 के साथ आगे बढ़ना होगा, इसकी लड़ाई अभी लंबी चलेगी : WHO

अब हम कोविड-19 की लड़ाई खत्म होने का इंतजार नहीं कर सकते, हमे आगे बढ़ना होगा। WHO हमें याद दिलाता है कि अभी मंजिल कितनी दूर है। 
क्या कोरोना का युद्ध वास्तव में अभी खत्म नहीं हुआ है ? चित्र सौजन्य: शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 14 Jun 2020, 18:16 pm IST
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अब हम कोविड-19 की लड़ाई खत्म होने का इंतजार नहीं कर सकते, हमें आगे बढ़ना होगा। WHO हमें याद दिलाता है कि अभी मंजिल कितनी दूर है। 

इससे पहले कि आप उन देशों की लिस्ट बनाने लग जाएं जो कोविड-19 नेगेटिव आ रहे हैं। थोड़ा रुकिए! ज़रा सोचिए, विश्व स्तर पर इस महामारी के आंकड़ों में सबसे बड़ी दैनिक तेज़ी अभी नहीं आई है और सेंट्रल-अमेरिका अभी भी अपने पीक से दूर है, WHO दुनिया से आग्रह कर कह रहा है कि कोविड-19 के आंकड़ों पर अभी भी ख़ुशी मत मनाइये। 

कोविड -19 का युद्ध खत्म हो चुका है ?

एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में, WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेबियस ने कहा: “महामारी में हमे छह महीने से अधिक हो गया है, यह किसी भी देश के लिए पेडल से अपना पैर हटाने का समय नहीं है।”

हाल ही में दुनिया भर में सिंगल हाईएस्ट ग्लोबल कोविड-19 के 136,000 से अधिक नए मामलों की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। दिलचस्प बात यह है कि बढ़ोतरी का लगभग 75% अमेरिका और दक्षिण एशिया से है।

ग्वाटेमाला सहित मध्य अमेरिकी देशों में SARS-CoV-2 के मामले अभी भी बढ़ रहे हैं, WHO ने इस जटिल महामारी से लड़ने वाले देशों के लिए मजबूत सरकारी नेतृत्व और अंतरराष्ट्रीय समर्थन का आग्रह किया है।

सतर्क रहिए ! आपको पता है ना सोशल डिस्टैन्सिंग ही केवल एक विकल्प है! चित्र सौजन्य: शटरस्टॉक

जबकि दुनिया भर में 7 मिलियन से अधिक लोगों को कोरोनोवायरस से संक्रमित बताया गया है और 400,000 से अधिक इस महामारी से अपनी जान गंवा रहे हैं, WHO निदेशक ने घोषणा की: “अंत अभी बहुत दूर है।” 

हमारे देश ने UNLOCK 1.0 के साथ अपने लॉकडाउन के प्रतिबंधों में ढील देने का फैसला लिया। प्रश्न यह है कि हम WHO के इस कथन को कितनी गंभीरता से लेते हैं? प्रतिबंधों में ढील देने का मतलब सावधानियों के प्रति लापरवाह होना नहीं है। 

हालांकि अब भी बहुुुत कुछ बचा है

हालांकि बढ़ते आंकड़ों के कारण चिंता होना लाज़मी है, WHO कि नई घोषणा निश्चित रूप से हमें उम्मीद देगी। सिंगापुर में जो मामले सामने आए उनमें से आधे मामलों में वायरस के कोई लक्षण नहीं थे। यानी वे असिम्‍प्‍टोमेटिक थे। WHO ने कई देशों में कांटेक्ट ट्रेसिंग के जरिए असिम्‍प्‍टोमेटिक मरीज़ो की तलाश करनी शुरू कर दी।

WHO ने साझा किया, “हालांकि कई देशों ने असिम्‍प्‍टोमेटिक मामलों की पहचान की थी, लेकिन यह लोग वायरस के आगे फैलाने का कारण नहीं बने। केराखोव ने कहा कि “यह बहुत दुर्लभ है” हमें वह उम्मीद नज़र आये जिसकी हम सभी को चाह है।

हालांकि हमें अभी तक वह दिन नज़र नहीं आ रहा, जिसमें हम इस महामारी को खत्म होता देख सकें। लेकिन धैर्य और शालीनता के साथ निश्चित रूप से हम वहां तक पहुंच जायेंगे। 

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असिम्‍प्‍टोमेटिक मरीज़ कोरोना वायरस नहीं फैलातेे, हालांकि अभी इस बारे में आंकड़े जुटाए जाने बाकी हैं। चित्र: शटरस्टॉक

हम क्या समझें ?

हम सब इस महामारी के समाप्त होने का इंतजार कर  ही रहे हैं। धैर्य और सावधानी हमें वहांं तक पहुंंचने में मदद नहीं करेगी। हम सभी को वायरस को रोकने के लिए आवश्यक सावधानियों का पालन करते रहना चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग का अनुसरण करते हुए एहतियातन मास्क पहनना ही समझदारी होगी।

हमे शिकायतें नहीं करनी चाहिए, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि हम उम्मीद का दामन ना छोड़े। अस्थमा रोगियों के जैसी अपनी आस-पास की सकारात्मक खबरों को स्वीकार करते हुए, आइए हम आशा की मशाल को जीवित रखें और अंत तक इस महामारी से लड़ें।

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