scorecardresearch

भारत में 66% लोगों की मौत का कारण हैं नॉन कम्युनिकेबल डिजीज, चौंकाने वाले हैं आंकड़े

अगर आपको लगता है कि कोरोना महामारी ने आपसे आपके बहुत से अपनों को छीन लिया, तो आप बिल्कुल गलत हैं। संक्रामक रोगों की तुलना में गैर संक्रामक रोग मौत का बड़ा कारण बनते हैं।
Updated On: 20 Oct 2023, 09:35 am IST
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
noncommunicable-disease-risks
भारत में 66% लोगों की मौत गैर संचारी रोगों से होती है। चित्र शटरस्टॉक

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि भारत में सिर्फ संक्रामक रोग ही नहीं, बल्कि गैर संक्रामक रोग भी गंभीर स्वास्थ्य चिंता का कारण हैं। आंकड़े बताते हैं कि भारत में 66% लोगों की मौत नॉन कम्युनिकेबल डिजीज यानी गैर संचारी रोगों की वजह से होती है। इनमें अधिकतर बीमारियां लाइफस्टाइल से संबंधित हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन का यह भी कहना है कि ये मौतें रोकी जा सकती हैं, बशर्ते कि जीवनशैली में जरूरी बदलाव किए जाएं।

WHO ne high covid risk rogiro ke liye antibody treatment ko bataya kaargar
NCD में डायबिटीज और कैंसर शामिल हैं। चित्र शटरस्टॉक

असल में, इन नॉन कम्युनिकेबल डिजीज में डायबिटीज, दिल की बीमारियां, सांस से जुड़ी गंभीर बीमारियां और कैंसर आदि शामिल हैं।

गैर संचारी रोग बढ़ा देते हैं अन्य बीमारियों का जाेखिम

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट, जिसका शीर्षक ‘Invisible numbers’ है, में 194 देशों में एनसीडी की व्यापकता का जायजा लिया गया है। फिर इसकी रिपोर्ट को 21 सितंबर को जारी किया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस रिपोर्ट में यह भी बताया है कि ये तमाम बीमारियां व्यक्ति को सेंसिटिव बनाते है और कॉमरेडिडिटीज करती है। जिससे दूसरी संक्रामक बीमारियां रोगी को जल्दी अपनी चपेट में ले लेती हैं। इससे भी मौत का खतरा बढ़ता है।

जानिए क्या है भारतीयों को होने वाली विभिन्न बीमारियों की दर

22% तक बढ़ जाता है असमय मृत्यु का खतरा

डायबिटीज, दिल की बीमारियां, सांस से जुड़ी गंभीर बीमारियां और कैंसर ये वो रोग हैं, जो कि असमय मृत्यु के खतरे को 22% तक बढ़ाते हैं। दूसरे शब्दों में, भारत में 30 साल या उससे ज्यादा उम्र के सभी लोगों में से 22% लोग 70 साल की उम्र से पहले मर जाते हैं। इसकी वैश्विक संभावना 18% है।

यह भी पढ़े- सबको सूट नहीं करता नारियल पानी, यहां जानिए इससे होने वाले स्वास्थ्य जोखिम

28% लोगों की होती है हृदय रोग से मौत

भारत में 28% मौतों के लिए हृदय रोगों जिम्मेदार होते हैं। जिसमें अधिकतर लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी होती है और यही कई हृदय रोगों की वजह बनता है। 30-79 आयु वर्ग के सभी लोगों में से कम से कम 31% लोग हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त होते हैं। लेकिन इससे भी ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि 63% लोगों में हृदय रोग का इलाज नहीं हो पाता है और इसलिए वे अपनी स्थिति से अनजान होते हैं।

CBD-linked-heart-attack
हृदय संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकता है इमोशनल ब्रेकडाउन। चित्र: शटरस्टॉक

12% लोग पुरानी सांस की बीमारियों से मरते हैं

पुरानी सांस की बीमारियों का नॉन कम्युनिकेबल डिजीज मौतों में दूसरा सबसे बड़ा योगदान है, जो कुल मौतों का 12% है। सबसे आम पुरानी सांस की बीमारियां अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) हैं। भारत की प्रत्येक 100,000 आबादी में से 113 लोग सीआरडी से मर जाते हैं। यह दुनिया में सबसे ज्यादा है।

Pollपोल
प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

10% लोगों की होती है कैंसर से मौत

कैंसर की वजह से करीब 10% लोगों की मौत होती है। इसमें महिलाओं में सर्वाइल कैंसर से तो वहीं पुरुषों में माउथ कैंसर और लंग कैंसर से सबसे ज्यादा मौत होती है।

तंबाकू और खराब खानपान बढ़ा देता है जोखिम

80 लाख लोगों की जान तंबाकू ले रहा है। इनमें से 10 लाख लोग पैसिव स्मोकिंग (किसी दूसरे की सिगरेट के धुंए के शिकार) से मारे जा रहे हैं। 80 लाख लोग हर साल खराब खाने, कम खाने या अधिक खाने के कारण से मारे जा रहे हैं।

वहीं, यदि डायबिटीज की बात करें तो, भारत में हर 28 व्यक्तियों में से एक की मौत डायबिटीज की वजह से हो जाती है। तो, अपनी जीवनशैली सही करें, मोटापे पर कंट्रोल करें और इन बीमारियों से बचें।

यह भी पढ़े- बॉडी पॉलिशिंग में भी काम आ सकता है नारियल तेल, जानिए कैसे करना है इस्तेमाल

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
निशा कपूर
निशा कपूर

देसी फूड, देसी स्टाइल, प्रोग्रेसिव सोच, खूब घूमना और सफर में कुछ अच्छी किताबें पढ़ना, यही है निशा का स्वैग।

अगला लेख