scorecardresearch

सामने आया कोरोना वायरस का नया वेरिएंट, 30 बार तक म्यूटेट कर सकता है ओमिक्रॉन स्ट्रेन

एक तरफ बच्चों के बोर्ड एग्जाम ऑफलाइन मोड से हो रहे हैं, दफ्तर खुलने लगे हैं, वही कोरोना संक्रमण के नए वेरिएंट के सामने आने की खबर ने फिर से सभी को परेशान कर दिया है।
Updated On: 28 Nov 2021, 04:36 pm IST
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
disease x corona se 20 guna adhik ghatak hoga.
डिज़ीज़ एक्स (Disease X) के रूप में अगली महामारी 5 करोड़ से अधिक लोगों की जान ले सकती है। चित्र : शटरस्टॉक

भारत ही नहीं दुनिया भर को कोरोनावायरस (Coronavirus) ने घुटनों पर ला दिया है। जैसे ही दुनिया वापस पटरी पर लौटने लगती है, वायरस का एक नया प्रारूप (New Variant) सामने आ जाता है। इस बार चिंता की वजह कोरोनावायरस का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन (Coronavirus New Variant Name Omicron) है। जो 30 बार तक म्यूटेट हो सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय भी इसे लेकर चिंता मैं है, क्योंकि इस पर वैक्सीन की प्रभावशीलता की पुष्टि भी अभी तक नहीं हो पाई है। बताया जा रहा है कि डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) का जितना प्रसार 100 दिन में हुआ था, ओमिक्रॉन उतना 15 दिन में फैल चुका है।

दुनिया भर में तबाही मचा चुका है कोरोनावायरस 

कोरोना संक्रमण ने कई चीजों पर प्रभाव डाला, जिसमें अर्थव्यवस्था से लेकर शिक्षा के क्षेत्र तक भारी नुकसान देखने को मिला। दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के नए नए वेरिएंट ने काफी तबाही मचाई। भारत में भी दूसरी लहर के दौरान काफी मौतें दर्ज की गई थी।

हालांकि अब हालात थोड़ा काबू में हैं। लेकिन कोरोना वायरस का एक और नया रूप सामने आने से हड़कंप मच गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वेरिएंट को ‘ओमिक्रॉन’ (Omicron) नाम दिया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि तेजी से म्यूटेशन होने की वजह से यह नया वेरिएंट डेल्टा, डेल्टा प्लस और बाकी वेरिएंट से खतरनाक है। डेल्टा वेरिएंट का जितना प्रसार सौ दिन में हुआ था, ओमिक्रॉन उतना 15 दिन में ही फैल चुका है। 

क्या है कोरोना का यह नया वेरिएंट और कहां से आया है?

वैज्ञानिकों की मानें तो कोरोना वायरस संक्रमण का यह नया वेरिएंट काफी तेजी से म्यूटेट होता है, जो पुराने वेरिएंट से कहीं ज्यादा है। ये वेरिएंट तेज़ी से 30 बार म्यूटेट होता है, जो किसी भी देश के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है। वैज्ञानिकों द्वारा इस नए वेरिएंट की पैदाइश की वजह और जगह तलाश की जा रही है। 

हालांकि लंदन स्थित यूसीएल जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के एक वैज्ञानिक का कहना है कि यह पहली बार कहां से आया इसकी पुष्टि करना मुश्किल है। लेकिन अंदाज लगाया जा रहा है कि किसी एचआईवी मरीज के इम्यूनो कंप्रोमाइज्ड शख्स से क्रोनिक इन्फेक्शन हुआ हो। अफ्रीकी देशों में इसके कुछ मामले मिले हैं। 

Pollपोल
प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

आठ देशों में पहुंचा चुका है ओमिक्रॉन 

दक्षिण अफ्रीका में कोरोनावायरस का यह नया वेरिएंट 24 नवंबर को सामने आया था। तब से अब तक यह दुनिया भर के आठ देशों में फैल चुका है। इजराइल, हॉन्गकॉन्ग, बोत्सवाना, बेल्जियम, जर्मनी, चेक रिपब्लिक, ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका  शामिल हैं। रविवार को ही ओमिक्रॉन के ब्रिटेन में दो मामले सामने आए हैं।

भारत में फैलने से परिणाम हो सकते हैं खतरनाक

फिलहाल ये वेरिएंट भारत में नहीं है, लेकिन भारत के लिए इस वेरिएंट का तीसरी लहर में होना काफी ज्यादा नुकसानदायक साबित होगा। इसका सबसे पहला कारण वैरिएंट पर वैक्सीन के असर की पुष्टि न होना है। वहीं दूसरी ओर भारत में टीकाकरण अभियान अभी 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए रफ्तार नहीं पकड़ पाया है। 

इस बार बोर्ड परीक्षाएं ऑफलाइन मोड पर हो रहीं हैं। अगर यह वेरिएंट भारत में आ जाता है, तो 18 साल से कम उम्र वाले बच्चों के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है। 

इस वैरिएंट में लक्षण कैसे हैं ?

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण के इस नए रूप के लक्षण बाकी वेरिएंट से काफी अलग हैं। इसमें खांसी, बुखार जैसे लक्षण नहीं पाए गए। हालांकि जोड़ों के दर्द की शिकायत और कमजोरी पाई गई है।

coronavirus third wave
सोशल डिस्टेंसिंग – ध्यान रहे कि कोविड – 19 का खतरा अभी टला नहीं है! भले ही आपने मास्क पहना हो और वैक्सीन लगवा चुके हों, फिर भी 6 फीट की दूरी रखना ज़रूरी है। बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग ज़रूर सिखाएं और उनसे कहें कि लोगों और अपने दोस्तों को छूकर बात न करें। भले ही वे स्कूल जा रहें हों या बहार खाना खाने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाएं और खुद भी करें

कुछ मामलों में कोई भी लक्षण देखने को नहीं मिला। इस नए वेरिएंट में डेथ रिस्क काफी ज्यादा है। डॉक्टरों के अनुसार कभी-कभी संक्रमित मरीजों में कोई लक्षण देखने को नहीं मिलता है। जबकि संक्रमण की पहचान एक्स-रे व सिटी स्कैन के दौरान तब होती है, जब यह अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुका होता है।

बचना है तो न करें लापरवाही 

कोरोना वायरस संक्रमण के सभी वेरिएंट से बचाव जरूरी है। इसके लिए आप  :

  1. मास्क लगाएं।
  2. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
  3. हाथ साफ रखें।
  4. सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
  5. हल्के संकेत होने पर खुद को आइसोलेट करें।
  6. इम्युनिटी मजबूत रखें और स्वस्थ आहार का पालन करें।

यह भी पढ़े : नए अध्ययन के मुताबिक एस्पिरिन लेना बन सकता है हार्ट फेलियर का कारण

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
अक्षांश कुलश्रेष्ठ
अक्षांश कुलश्रेष्ठ

सेहत, तंदुरुस्ती और सौंदर्य के लिए कुछ नई जानकारियों की खोज में

अगला लेख