पेन किलर को भी बेअसर कर सकता है कोविड-19 का नया वैरिएंट, दस हज़ार से ज्यादा केस हुए दर्ज

अगर आप यह सोच रहीं हैं कि वैक्सीन लगने के बाद आप कोविड-19 से पूरी तरह सुरक्षित हैं, तो यह आपकी भूल हो सकती है। कोविड का ओमिक्रॉन वैरिएंट जल्दी-जल्दी म्यूटेट होकर अपने सब वैरिएंट तैयार करने में सक्षम है। इस बार यह तेज सिरदर्द का कारण भी बन रहा है।
korona variant hai khtrnaak
एक्सपर्ट ओमिक्राेन के इस सब वैरिएंट को और भी ज्यादा खतरनाक मान रहे हैं, जिसके सामने पेनकिलर भी बेअसर साबित हो रही हैं। चित्र : एडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 17 Apr 2023, 12:51 pm IST
  • 125

पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामले में तेज़ी से उछाल देखा जा रहा है। भारत में कोविड-19 के 10,158 एक्टिव मामले सामने आ हो चुके हैं। इन ज्यादातर मामलों में मरीज तेज सिर दर्द की शिकायत कर रहे हैं। एक्सपर्ट ओमिक्राेन के इस सब वैरिएंट को और भी ज्यादा खतरनाक मान रहे हैं, जिसके सामने पेनकिलर भी बेअसर साबित हो रही हैं। इसलिए जरूरी है कि आप कोविड-19 वायरस के दोबारा फैलने के कारणों और बचाव के उपायों (reason and precautions for corona cases) के बारे में जानें।

प्राइमस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के एचओडी (पल्मोनरी) डॉ. एस के छाबड़ा चेतावनी दे रहे हैं कि थोड़ी-सी भी असावधानी बरतने से दोबारा कोरोना के मामले बढ़ने लगते हैं। कोरोना के मामले में तेजी की एक वजह कोरोना का वैरिएंट भी हो सकता है। हमें विशेष सावधानियां बरतनी होगी।

जानिए कोरोना वायरस के ताजा आंकड़े (Covid 19 Status) 

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) के अनुसार, भारत में 3% की डेली पॉजिटिविटी रेट के साथ कोविड मामलों में वृद्धि दर्ज की जा रही है। आईएमए ने आगाह किया है कि यह वृद्धि कोविड-19 के दिशा निर्देशों के पालन में कोताही बरतने, कम परीक्षण दरों और एक नए कोविड वैरिएंट के कारण हो सकती है। भारत ने पिछले 24 घंटों में कुल 10,158 नए कोविड मामले दर्ज किए हैं। कोविड मामलों में मौजूदा वृद्धि एक्स बी बी (XBB.1.16) वैरिएंट के कारण हो रही है, जो ओमिक्रॉन का एक सब वैरिएंट है।

क्या है इसके इतनी तेजी से फैलने का कारण (reason for Corona Cases) 

डॉ. एस के छाबड़ा, इस वृद्धि में कोविड-19 (COVID-19) वायरस की प्रकृति को काफी हद तक डेल्टा वैरिएंट के एमरजेंस और व्यापक संचरण के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है। इसका संचरण तेज़ी से होता है। यह वायरस अस्पताल में बहुत अधिक भर्ती दरों से भी जुड़ा हुआ है। वायरस म्यूटेट करना जारी रखता है। इससे नए संस्करण भी उभर सकते हैं, जो कोविड पेन्डेमिक को और अधिक जटिल बना सकते हैं।

वैक्सीनेशन के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन करना और वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए तेजी से परीक्षण ही एक मात्र उपाय है।

corona variant hain bahut khatarnaak
वायरस म्यूटेट करना जारी रखता है। इससे नए संस्करण भी उभर सकते हैं, जो कोविड पेन्डेमिक को और अधिक जटिल बना सकते हैं। चित्र : एडोबी स्टॉक

जरूरी है सावधानी बरतना (Precautions) 

डॉ. एस के छाबड़ा कहते हैं, ‘दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट बहुत अधिक है, लेकिन घबराने की कोई जरूरत नहीं है। कोविड-19 संक्रमणों की बढ़ती संख्या एक रिमाइंडर है। अर्थातत इस महामारी से निपटने के अपने प्रयासों में ढील नहीं देनी चाहिए, बल्कि सतर्कता जरूरी है। इसके लिए मुख्य रूप से ओमिक्रॉन वैरिएंट के XBB.1.16 सब वैरिएंट ही जिम्मेदार हैं, जो इम्युनिटी से बचने में सक्षम है।

सिर्फ वैक्सीन लगवाना काफी नहीं

कहने का मतलब है कि वैक्सीन के कारण व्यक्ति के शरीर के अंदर जो इम्युनिटी विकसित हुई है, उस अभेद्य दीवार में भी सेंध लगा सकता है यह वैरिएंट। इसके कारण व्यक्ति में तेज सिर दर्द (पेन किलर का दर्द पर कम प्रभाव) , चक्कर आना, जी मिचलाना, कमजोरी लगना हार्ट बीट अधिक होना जैसे लक्षण दिख रहे हैं। हालांकि वैक्सीन और बूस्टर डोज (वैक्सीनेशन के बाद बनी एंटीबॉडी) की वजह से मरीज ठीक भी हो रहे हैं।

प्रत्येक नए मामले के साथ, एक व्यक्ति, एक परिवार या एक समुदाय प्रभावित होता है। इसलिए यह हमारा कर्तव्य बनता है कि हम सार्वजनिक स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन करें। टीका लगवाएं और सामाजिक दूरी (Social Distancing) का पालन करें। मास्क पहनना जारी रखकर ही वायरस के प्रसार को धीमा कर कर सकते हैं

होम आइसोलेशन में भी मरीज को अकेला न छोड़ें

डॉ. छाबड़ा कहते हैं, ‘जिन लोगों की जांच में कोविड (COVID-19) का पता चल गया है और उन्हें होम आइसोलेशन में रहने को कहा गया है। परिवार के सदस्यों को उन पर विशेष नजर रखनी चाहिए। ऐसा नहीं करने पर उनकी तबियत और बिगड़ सकती है और वे गंभीर रूप से भी बीमार हो सकते हैं।”

“कोविड-19 वाले कई लोग जटिलताओं के बिना ठीक हो जाते हैं। वहीं दूसरी ओर, कुछ लोगों में गंभीर बीमारियों का विकास हो जाता है और उन्हें अस्पताल में भर्ती या गहन देखभाल की जरूरत पड़ जाती है। इसलिए होम आइसोलेशन में रह रहे व्यक्तियों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि उनके लक्षणों की बारीकी से निगरानी करते रहें।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें
Home isolation ke dauran apko kuch cheezo ka dhyan rakhna chahiye
होम आइसोलेशन में रह रहे व्यक्ति पर परिवार के सदस्यों को विशेष नजर रखनी चाहिए। चित्र: शटरस्टॉक

यदि उनकी स्थिति बिगड़ती है, तो चिकित्सा पर ध्यान दें। बिगड़ने से बचाने के लिए हेल्थ केयर प्रोवाइडर दूर से भी निगरानी और देखभाल कर सकते हैं। इनके लिए भी टीकाकरण, मास्क पहनना और अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय अपनाना जरूरी होता है।”

यह भी पढ़ें :-फिर से बढ़ने लगा है कोरोनावायरस का प्रकोप, जानिए बचाव के लिए क्या सलाह दे रहे हैं विशेषज्ञ

  • 125
लेखक के बारे में

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।...और पढ़ें

हेल्थशॉट्स वेलनेस न्यूजलेटर

अपने इनबॉक्स में स्वास्थ्य की दैनिक खुराक प्राप्त करें!

सब्स्क्राइब करे
अगला लेख