कोरोना वायरस की दूसरी लहर पहले के मुकाबले ज्यादा जानलेवा साबित हो रही है। इस लहर ने देशवासियों में भय पैदा कर दिया है। इस बार कोविड – 19 का वायरस ट्रिपल म्युटेंट के साथ और भी शक्तिशाली और आक्रामक रूप ले चुका है।
ऐसे में गौर करने वाली बात यह है कि इस नये प्रारूप के लक्षण पहले से ज्यादा घातक हैं और टेस्ट करवाने पर भी रिपोर्ट्स नेगेटिव आ रही हैं। कोरोना के सभी लक्षण महसूस करने के बावजूद RT-PCR टेस्ट भी नेगेटिव आ रहें, जिसका सीधा अर्थ यह है कि कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन अनडिटेक्टेबल है।
RT-PCR टेस्ट को अभी तक सबसे बेहतर समझा जा रहा था, लेकिन नये म्युटेंट ने इस प्रक्रिया को और जटिल बनाकर लोगों को परेशानी में डाल दिया है। टेस्ट के परिणाम इसलिए भी गलत आ रहे हैं, क्योंकि हो सकता है कि स्वैब स्टिक सही से अंदर तक न डाली गयी हो। ऐसे में लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि क्या करें और क्या नहीं!
बुखार आने से पहले भी कई लोग इन लक्षणों को महसूस करते हैं। ये लक्षण लंबे समय तक शरीर में रहते हैं और कोविड – 19 से उबरने के बाद भी आप इनका सामना कर सकते हैं। इसलिए, जब आपको मीठे और नमकीन स्वाद का पता न चले, तो आपको यह समझना चाहिए कि यह कोरोना के लक्षण हैं।
कोविड – 19 के नये लक्षण सामने आएं हैं, जिसमें पेट में दर्द, ऐंठन, उल्टी, दस्त और जी मिचलाना शामिल है। ये सभी लक्षण तेज़ी से लोगों में देखने को मिल रहे हैं। आपको इनसे सावधान रहने की ज़रुरत है।
अकसर आपके गले में खराश हो सकती है, लेकिन कोरोनाकाल में इस लक्षण को बिल्कुल भी नज़रंदाज़ न करें। कई लोगों को लग सकता है कि यह कोल्ड या फ्लू के कारण है। मगर आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोविड – 19 की वजह से हुई खराश काफी कष्टदायक हो सकती है।
बुखार कोविड के सबसे सामान्य लक्षणों में से एक है। अगर आप देख रहे हैं कि दर्द से राहत देने वाली दवाओं के बाद भी बुखार कम नहीं हो रहा है और ठंड लगना जारी है। तो यह कोविड – 19 का संकेत हो सकता है।
बुखार और खांसी के अलावा, कोरोना पॉजिटिव रोगियों को अक्सर बेहद थका हुआ और कमजोर महसूस करने की शिकायत होती है। जबकि थकान अन्य वायरल संक्रमणों का संकेत भी है। मगर कोविड – 19 वाली थकान से निपटना मुश्किल हो सकता है।
सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण है कि आप खुद को आइसोलेट करें और दूसरों के संपर्क में आने से बचें।
इन लक्षणों पर ध्यान दें और पल्स ऑक्सीमीटर की मदद से अपने रक्त ऑक्सीजन के स्तर को जांचते रहें।
अगर लक्षण बने हुए हैं तो 2 से 3 दिन के भीतर डॉक्टर की सलाह लें।
आरटी पीसीआर टेस्ट करवाएं और यदि रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो, डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ की सलाह पर ही सीटी स्कैन करवाएं।
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