अक्सर हम कहते हैं कि बाज़ार से सामान खरीदते समय उनके इनग्रीडिएंट्स को चेक करना जरूरी है। केमिकल इनग्रीडिएंट्स की बजाय नेचुरल इनग्रीडिएंट्स वाले प्रोडक्ट का चुनाव करते हैं। पर क्या किसी प्रोडक्ट को इसलिए नहीं खरीदना चाहिए कि उसमें केमिकल मौजूद है। केवल प्राकृतिक अवयव वाले सामान को ही खरीदना चाहिए। दरअसल इसका सही अर्थ हम नहीं जानते हैं। यह एक मिथ है कि केमिकल इनग्रीडिएंट्स वाले सामान को नहीं खरीदना (chemical or natural) चाहिए। आइये एक एक्सपर्ट से जानते हैं कि इस मिथ के पीछे के फैक्ट को।
फिटनेस एक्सपर्ट और सोशल इन्फ्लुएंशर डॉ. सिद्धांत भार्गव बताते हैं, ‘ अक्सर लोग कहते हैं, मैं केमिकल की बजाय नेचुरल प्रोडक्ट को तवज्जो देता हूं। दरअसल वे फ़ूड में मौजूद केमिकल और उनकी बायोलॉजी का सही मतलब नहीं जानते हैं।
यदि आप भी कुछ ऐसा सोचती हैं, तो जान लें बड़ी संख्या में केमिकल नेचुरल खाद्य पदार्थ में मौजूद रहते हैं। कभी आप केला फल में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में जानकारी हासिल करेंगी, तो उसमें बड़ी संख्या में मौजूद केमिकल के बारे में जान पाएंगी। दरअसल ये सभी केमिकल केले के कांस्टीटूएंट्स (Constituents) हैं, जो प्राकृतिक रूप से उसमें मौजूद हैं।
डॉ. सिद्धांत बताते हैं, दुनिया की सभी चीज़ केमिकल से बने हैं। हम दिन भर में जो कुछ भी खाते हैं, उनमें केमिकल मौजूद होता है। ये केमिकल नेचुरल रूप में हैं। इसलिए नेचुरल केमिकल के बराबर है। लैब में जो प्रोडक्ट बनाये जाते हैं, उनमें प्रयोग किये जाने वाले केमिकल का अत्यधिक क्वालिटी कंट्रोल किया जाता है। किसी भी तरह की उसमें मिलावट नहीं की जाती है।
हम सिर्फ केमिकल और नेचुरल में कंफ्यूज कर जाते हैं। केमिकल बनाम
नेचुरल के मिथ को हमें बस्ट करना चाहिए।
अगर किसी प्रोडक्ट की खरीदारी कर रही हैं, तो केमिकल लिखा हुआ देखकर घबराएं नहीं। यदि प्रोडक्ट नेचुरल के रूप में लेबल किया गया है, तो कुछ बातों का ध्यान रखें। यह जांच करें कि इसमें कोई आर्टिफीशियल सामग्री तो नहीं है। इसमें अतिरिक्त रंग (Added colour side effects) तो नहीं मिलाई गई है। एडेड कलर का स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है। यह जरूर जांच लें कि लिए जा रहे फ़ूड को न्यूनतम रूप से प्रोसेस किया गया हो। फ़ूड प्रोसेसिंग के दौरान जिन केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, वह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है।
फूड लेबल पढ़ने और जानने की बात आती है, तो कुछ चीज़ों के बारे में जानना जरूरी है। सबसे पहले सर्विंग साइज़ (Serving Size) चेक करें। यह जांचें कि पैकेज में कितनी सर्विंग्स हैं।खाद्य पदार्थ में फाइबर की कितनी मात्रा मौजूद है।
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कस्टमाइज़ करेंहर दिन कम से कम 5-10 ग्राम फाइबर का सेवन करना जरूरी है। प्रोटीन, कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट, कुल वसा, सैचुरेटेड फैट, ट्रांस फैट के बारे में जानना जरूरी है। यह जान लें कि खाद्य आहार के लेवल पर दर्शाए गये मिनरल्स भी केमिकल ही हैं। ये सारे मिनरल्स शरीर में रसायनिक प्रतिक्रियाओं को ही अंजाम देते हैं।
प्राकृतिक और ऑर्गेनिक बिल्कुल एक जैसे लगते हैं। वास्तव में वे बहुत अलग होते हैं।नेचुरल का अर्थ है कि उत्पाद का रासायनिक उपचार नहीं किया गया है। जैविक या ऑर्गेनिक का अर्थ है कि फसलों को सिंथेटिक कीटनाशकों (Pesticides) या उर्वरकों (Fertilizers) के उपयोग के बिना उगाया गया।
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