गंदगी, बरसात और घर की सफाई ठीक से न होने से मच्छर जमा होना शुरू हो जाते हैं। कई बार इन्हीं में डेंगू मच्छर भी पनपने लगते हैं। मादा मादा एडीज़ मच्छर के काटने से हम डेंगू फीवर का शिकार हो जाते हैं। यह गर्म प्रदेशों में अधिक फैलता है। यह समस्या इतनी तेजी से फैल रही है कि अब सिर्फ बरसात के मौसम में ही नहीं, बल्कि गर्मियों में भी इसका जोखिम कम नहीं होता। जानकारी और जागरुकता के अभाव में अकसर लोग डेंगू फीवर होने पर कुछ गलतियां कर देते हैं। नेशनल डेंगू डे (National Dengue Day) पर हेल्थ शॉट्स पर जानें डेंगू फीवर (Dengue Fever) से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां।
डेंगू फीवर (Dengue Fever) सबसे पहले आपके प्लेटलेट को प्रभावित करता है और आपके शरीर को पूरी तरह से कमजोर कर देता है। प्लेटलेट (Platelets) के गिरते स्तर से स्किन और त्वचा सहित अन्य जगहों पर ब्लीडिंग स्पॉट नजर आना शुरू हो जाते हैं। इसके अलावा प्लाज्मा लीकेज का खतरा भी बढ़ जाता है। डेंगू किस तरह फैलता है, डेंगू बुखार कितने दिन चलता है और कौन से दिन इसके सबसे कठिन होते हैं, यह जानने के लिए हेल्थ शॉट्स पर हमारे साथ हैं डॉ एसएस मुद्गिल।
हर साल 16 मई को नेशनल डेंगू डे के रूप में मनाया जाता हैं। इस दिन का मुख्य मकसद लोगों के बीच डेंगू के लक्षण, कारण और बचाव के प्रति जागरूकता फैलाना है। सभी हॉस्पिटल, कॉलेज, स्कूल और अन्य चिकित्सा संस्थानों में डेंगू को लेकर अलग-अलग तरह के प्रोग्राम चलाए जाते हैं। ताकि लोग इस बीमारी की गंभीरता को समझें।
डेंगू के प्रारंभिक लक्षण की बात करें तो 104 तक तेज बुखार, आंखों में दर्द, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, शरीर पर चकत्ते मतली और उल्टी होने की समस्या होती है। इसके अलावा कई बार नाक व मसूढ़ों से रक्त प्रवाह, उल्टी में खून आना, सांस लेने में दिक्कत या तेज सांस, थकान, बैचैनी, चक्कर आना, घबराहट महसूस होना, शरीर पर काले या गहरे भूरे चकत्ते निकलना खासकर पीठ पर वहीं कभी-कभी कंपकपी हो सकती है, जिससे मलेरिया का भ्रम हो सकता है।
यह समस्या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती हैं। यदि आप डेंगू से प्रभावित किसी व्यक्ति के संपर्क में आ रही हैं तो इस स्थिति में आपको डेंगू नहीं होगा। डेंगू से प्रभावित व्यक्ति अन्य मच्छरों को संक्रमित कर देते हैं। इस स्थिति में जब इन्फेक्टेड मच्छर दूसरों को काटते हैं तो उन्हें डेंगू डिटेक्ट होता है।
डेंगू वायरस ब्लड सिस्टम में सर्कुलेट होते हैं साथ ही रिप्रोड्यूस भी करते हैं। इस स्थिति में एक व्यक्ति डेंगू को मच्छरों के माध्यम से दूसरे स्टेट से लेकर दूसरे देश तक में फैला सकता है। यह जरूरी है कि आसपास सफाई रखें ताकि मच्छर न पनपें। साथ ही यदि किसी को डेंगू है, तो उनके कमरे में न जाएं क्योंकि उनके आसपास के मच्छर संक्रमित हो सकते हैं।
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ज्यादातर मरीज यह सवाल पूछते हैं की डेंगू का बुखार कितने समय तक रहता है और डेंगू फीवर का कौन सा दिन सबसे खतरनाक होता है। आमतौर पर, इस समस्या की शुरुआत अचानक से होती है और 7-10 दिनों तक रहती है। शुरुआत के तीसरे दिन से लेकर सातवें दिन तक मरीजों की हालत काफी खराब रहती है।
यह अवधि बीमारी की सबसे खतरनाक अवस्था होती है, जो कई बार लापरवाही वरतने के कारण जानलेवा बन जाती है। डेंगू बुखार के शुरूआती चरण काफी सामन्य लक्षणों के साथ शुरू होते हैं और बाद में गंभीर लक्षणों में बदल जाते हैं।
एंटीबॉडी नामक प्रोटीन के लिए ब्लड की जांच की जाती है, जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को वायरस और अन्य कीटाणुओं से लड़ने के लिए तैयार करती हैं। डेंगू से लड़ने के लिए आपके शरीर को विशिष्ट एंटीबॉडी बनाने के लिए समय चाहिए होता है। इसलिए, इस टेस्ट को सबसे प्रभावी माना जाता है। यह टेस्ट लक्षण शुरू होने के चार दिन या उससे अधिक समय के बाद किया जाता है। इससे पता लगया जाता है की आपका शरीर डेंगू वायरस से लड़ने के लिए तैयार है या नहीं।
20,000 से कम प्लेटलेट वाले व्यक्ति उच्च जोखिम पर होते हैं। रक्तस्राव के जोखिम वाले रोगियों को तत्काल प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता होती है। प्लेटलेट काउंट 21,000 से 40,000 तक होने पर व्यक्ति मध्यम जोखिम में होते हैं इस स्थिति में प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता केवल तभी होती है जब किसी व्यक्ति को पहले से किसी प्रकार का ब्लड डिजीज रहा हो।
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