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डब्ल्यूएचओ के अनुसार हृदय की बीमारी से पहले की तुलना में अब ज्यादा लोगों की हो रही है मौत

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के अनुसार दुनिया भर में सबसे ज्‍यादा लोगों की मौतों का कारण बनने वाली बीमारियों में सात गैर संचरित बीमारियां हैं।
भाषा
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आपके हृदय स्वास्थ्य का ख्याल रखता है। चित्र:शटरस्टॉक

कोविड-19 जैसी संक्रामक बीमारी के दौर में भी गैर संचरित बीमारियों का खतरा बना हुआ है। इनमें जहां पहले केवल चार बीमारियां सबसे ज्‍यादा खतरनाक मानी जाती थीं, उनकी संख्‍या बढ़कर अब सात हो गई है। इनमें सबसे ज्‍यादा खतरा हृदय संबंधी समस्‍याओं का है। इससे दुनिया भर में मौतों का आंकड़ा बढ़ा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार हृदय की बीमारी से पहले की तुलना में अब ज्यादा लोगों की मौत हो रही है और पिछले 20 वर्षों से वैश्विक स्तर पर मौत की वजह बनने में यह बीमारी सबसे आगे है।

डब्ल्यूएचओ ने बताया कि मधुमेह और मनोभ्रंश (डिमेंशिया) दुनिया में शीर्ष 10 ऐसी बीमारियों की सूची में शामिल है जिससे सबसे ज्यादा लोगों की मौत होती है।

डब्ल्यूएचओ की 2019 ग्लोबल हेल्थ एस्टिमेट्स रिपोर्ट (वैश्विक स्वास्थ्य आकलन) बुधवार को जारी की गई और इसमें बताया कि जिन 10 बीमारियों से विश्व में सबसे ज्यादा लोगों की मौतें होती हैं, उनमें से सात गैर संचारी बीमारियां हैं। 2000 में यह चार थी। इस नए आंकड़ें में 2000 से 2019 की अवधि का आंकड़ा है।

स्वास्थ्य संगठन ने बताया, ”पिछले 20 वर्ष में हृदय की बीमारी वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा मौतों का कारक बनी हुई है। इससे पहले की तुलना में ज्यादा लोगों की मौतें हो रही हैं।

आंकड़ों के अनुसार सभी कारकों की वजह से होने वाली मौतों में से 16 फीसदी मौत हृदय की बीमारी से होती है और इससे कुल मौत का आंकड़ा 2000 में 20 लाख ज्यादा बढ़कर 2019 में 90 लाख हो गया।

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तेजी से बढ़ रहे हैं अल्जाइमर और डिमेंशिया

अल्जाइमर की बीमारी और डिमेंशिया के विभिन्न रूपों वाली बीमारियां भी दुनिया भर में मौत के सबसे ज्यादा बड़े कारकों की सूची में शामिल है। यह 2019 में अमेरिका और यूरोप में तीसरे स्थान पर थी और इससे महिलाओं की मौत ज्यादा हो रही है। वैश्विक स्तर पर अल्जाइमर और डिमेंशिया के अन्य रूपों वाली बीमारियों से मरने वालों लोगों में 65 फीसदी महिलाएं हैं।

वहीं 2000 से 2019 के बीच मधुमेह से मरने वालों की संख्या 70 फीसदी तक बढ़ गई और पुरुषों में तो यह 80 फीसदी तक बढ़ गई।

डायबिटीज से ग्रस्‍त लोगों की संख्‍या भी बढ़ती ही जा रही है। चित्र: शटरस्‍टॉक
डायबिटीज से ग्रस्‍त लोगों की संख्‍या भी बढ़ती ही जा रही है। चित्र: शटरस्‍टॉक

वहीं एचआईवी/एड्स वैश्विक स्तर पर मृत्यु के कारक वाली बीमारियों की 2000 की आठवीं बड़ी वजह से निकलकर अब 2019 में 19वें स्थान पर आ गई है। वहीं क्षयरोग भी अब 10 कारक में से बाहर होकर अब 2019 में 13वें स्थान पर आ गया। 2000 में यह सातवें स्थान पर था।

नए आंकड़ों में यह दर्शाया गया है कि लोग अब ज्यादा समय तक जीवित रह रहे हैं लेकिन वे ज्यादा बीमार हो रहे हैं।

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