पर्यटन, घुमक्कड़ी और विदेश यात्राओं के शौकीन लोगों के लिए अब भी समय खासा मुश्किल भरा है। कोरोनावायरस महामारी के बाद मंकीपॉक्स के आगमन ने लोगों को डरा दिया है। असल में इस बीमारी के प्रसार का तरीका और लक्षण भी काफी हद तक कोरोनावायरस महामारी जैसे ही हैं। इसलिए विदेश से आने और जाने वाले लोगों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अगर आप भी हाल-फिलहाल में विदेश यात्रा प्लान कर रहीं हैं, तो मंकी पॉक्स (Monkeypox) के मद्देनजर आपको कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
दुनियाभर में मंकीपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यूनाइटेड किंगडम, स्पेन, पुर्तगाल सहित कुल 12 देशों में इसके 92 मामलों की पुष्टि की जा चुकी है। साथ ही अन्य 28 लोग संदिग्ध बताए जा रहे हैं। फिलहाल इससे किसी की मृत्यु की खबर नहीं हैं।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की तरफ से जारी 21 मई की रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोप के यूनाइटेड किंगडम. स्पेन, पुर्तगाल में सबंसे अधिक 21 से 30 के बीच मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं आस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, स्वीडेन, यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरीका में 1 से 5 तक मामले पाए गए है। इन सभी को मिलाकर कुल 92 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। संदिग्ध मामलों पर नजर डालें, तो कनाडा में 10 से 20, स्पेन में 6 से 10, फ्रांस और बेल्जियम में 1 से 5 के बीच मामले संदिग्ध हैं।
लगातार बढ़ रहे मंकीपॉक्स के मामलों को देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने सभी देशों को सतर्क रहने की हिदायत दी है। जिसका पालन करते हुए फ्लाइट समेत विभिन्न मार्गों से अपने देश वापस लौट रहे या दूसरे देशों का रुख कर रहे लोगों की पोर्ट व एयरपोर्ट पर सावधानी बढ़ा दी गई है। स्थानीय सरकारों ने भी मंकीपॉक्स को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार की तरफ से मंकीपॉक्स को लेकर देश में प्रमुख स्वास्थ संबंधी संस्थानों को निर्देश जारी कर दिया गया है। जिसमें नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) को इस स्थानिक (Endemic) संक्रमण के प्रकोप को लेकर कड़ी नजर बनाए रखने का आदेश दिया गया है। फिलहाल देश में मंकीपॉक्स से जुड़ा एक भी मामला मिलने की सूचना नहीं है। लेकिन बढ़ते संबंधित मामलों को देखते हुए सरकार आगामी कुछ दिनों में प्रभावित देशों से आने वाले लोगों की रैंडम स्क्रीनिंग शुरू कर सकती है।
फिलहाल लोगों को कोरोना वायरस और मंकीपाक्स वायरस के संक्रमण के प्रति सावधानियों को नजरअंदाज नहीं करना है। और उन्हें चाहिए कि एयरपोर्ट पर किसी भी शख्स में मंकीफॉक्स के लक्षण यानी उसे चेहरे हथेलियों व पंजों पर चकत्ते, बुखार, सिरदर्द, पीठ दर्द, मुंह के भीतरी भागों में सफेद चकत्ते, लिंफ नोड में सूजन, मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी महसूस, आंख और जननांग प्रभावित महसूस हो, तो ऐसे लोगों खुद घर में लोगों से अलग क्वारेंटाइन हो जाना चाहिए।
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जिस देश में भी आप जा रहीं हैं, पहले उसके बारे में सही जानकारी हासिल कर लें।
ऐसी किसी भी जगह पर जाने से परहेज करें, जहां इस तरह के मामले बढ़ रहे हों।
मंकीफॉक्स के संक्रमण को लेकर जागरुकता बढ़ाना और अफवाहों से बचना जरूरी है।
सोशल डिस्टेंसिंग और हाइजीन का ख्याल रखना बहुत जरूरी है।
यह बीमारी पशुओं से मनुष्यों में फैलती है, इसलिए ऐसी किसी भी जगह पर भोजन न करें, जहां सुरक्षा और स्वच्छता के प्रति आपको संदेह हो।
हो सके तो नॉनवेज खाने से परहेज करें।
असुरक्षित यौन संबंध बनाने से बचें।
अगर लक्षण नजर आते हैं, तो खुद को आइसोलेट कर लेना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
डॉक्टर की सलाह और जरूरी निर्देशों का पालन करना आपको इसके गंभीर जोखिम से बचा सकता है।
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