दुनिया भर में 29 जून को माइग्रेन और हेडेक अवेयरनेस डे (Migraine and headache awareness day) के रूप में मनाया जाता है। 29 जून का यह दिन लंबे समय से माइग्रेन से जूझ रहे लोगों की सहायता के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस दिन माइग्रेन से पीड़ित मरीजों के बीच अवेयरनेस फैलाने और उनके समर्थन में जो कुछ भी बन पाए वह करने की पूरी कोशिश की जाती है। माइग्रेन पूरे विश्व में कॉमन बीमारियों में तीसरे नंबर पर है, परंतु यह समस्या किसी भी व्यक्ति के पूरे जीवन काल को अपने चपेट में ले सकती है।
जून का पूरा महीना माइग्रेन के प्रति अवेयरनेस को समर्पित है। इस दौरान कई तरह के डिबेट्स, मीटिंगस होती हैं और कई अवेयरनेस प्रोग्राम भी चलाए जाते हैं। खासकर हॉस्पिटल्स में माइग्रेन से जुड़ी कई तरह की एक्टिविटीज के साथ इस समस्या को समझने और उपचार के लिए प्रयास किए जाते हैं। बहुत से ऐसे आर्गेनाइजेशन भी हैं, जो माइग्रेन पीड़तों के लिए काम कर रहे हैं।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा प्रकाशित एक डेटा के अनुसार सिरदर्द नर्वस सिस्टम की एक सामान्य समस्या है। डब्लूएचओ (WHO) के मुताबिक प्रत्येक 7 में से 1 एडल्ट माइग्रेन से पीड़ित है। साथ ही पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह समस्या में तीन गुना ज्यादा देखने को मिलती हैं। तो चलिए एक्सपर्ट से जानते है माइग्रेन से जुडी कुछ महत्वपूर्ण बातें।
माइग्रेन एक प्रकार का सिर दर्द है जो कि ज्यादातर सिर के एक हिस्से में पनपता है। माइग्रेन में होने वाले सिर दर्द के दौरान नाॅसिया और उल्टी आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही यह लाइट और तेज आवाज में अधिक संवेदनशील हो जाता है। माइग्रेन अटैक घंटे भर से लेकर पूरे दिन तक रह सकता है। ऐसे में आपको असहनीय दर्द महसूस होगा, जिसकी वजह से आपकी पूरी दिनचर्या प्रभावित हो सकती है।
माइग्रेन बच्चे और बड़े किसी को भी अपनी चपेट में ले सकता है। अलग-अलग व्यक्ति में माइग्रेन के अलग-अलग लक्षण देखने को मिलते हैं। हालांकि माइग्रेन एक ऐसी समस्या है, जो जीवन भर के लिए आपको परेशानी में डाल सकती है। ऐसे में दवाइयों की मदद से इसके दर्द को कंट्रोल किया जाता है। वहीं जीवनशैली में भी कुछ जरूरी परिवर्तन करने से इसमें सुधार देखने को मिलेगा।
न्यूट्रीफाई बाई पूनम डाइट एंड वैलनेस क्लिनिक एंड अकैडमी की डायरेक्टर पूनम दुनेजा कहती हैं, कि यह समस्या एक प्रकार की न्यूरोलॉजिकल समस्या है। इसमें सिर के दोनों तरफ असहनीय दर्द महसूस होता है, जिसके कारण अक्सर उल्टी, घबराहट, आंखों में दर्द और थकान जैसी अन्य समस्याएं सामने आती है। ऐसे में बिना घबराए इसका उपचार ढूंढने की कोशिश करें।”
वे आगे सुझाव देती हैं, “कई ऐसी योग मुद्राएं हैं, जो वास्तव में गंभीर से गंभीर माइग्रेन पीड़ितों को ठीक कर सकती हैं। इन योगासनों में शामिल है – अधोमुख श्वानासन, प्रसार पदोत्तानासन, शिशुआसन (बाल मुद्रा), जानुशिरासन (सिर से घुटने की मुद्रा), हस्तपादासन और कुछ सांस लेने की तकनीक।”
इसके साथ ही डाइटिशियन पूनम जुनेजा कहती है, कि खानपान की आदत और दिनचर्या में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करके इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।
दो मील्स के बीच लंबा अंतराल न रखें, कुछ कुछ देर पर हल्का हल्का भोजन लेती रहें। वहीं अधिक मात्रा में कैफ़ीन, रेड वाइन, पनीर, चॉकलेट, मोनो सोडियम ग्लूटामेट, आर्टिफिशियल स्वीटनर्स, और खट्टे फल माइग्रेन की समस्या को और ज्यादा बढ़ा सकते हैं। इसलिए माइग्रेन के सभी मरीज इन खाद्य पदार्थों से जितना हो सके उतनी दूरी बनाए रखें।
साथ ही शांत और स्वच्छ वातावरण में रहें। सुबह उठकर प्रकृति के बीच कुछ समय व्यतीत करने की कोशिश करें, यह आपके माइग्रेन अटैक को संतुलित रहने में मदद करेगा।
यदि कभी आपको माइग्रेन अटैक आता है तो ऐसे में सबसे पहले खुद को शांत रखने का प्रयास करें। माइग्रेन सिरदर्द के दौरान ब्लड वेसल्स फैल जाती हैं, जिस वजह से सिर का ब्लड फ्लो काफी ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे में लेट जाएं और अपने सिर को छाती से ऊपर रखने का प्रयास करें, इसके लिए टॉवल और ब्लैंकेट को रोल करके अपने सिर के नीचे रख सकती हैं।
अपने रूम का माहौल शांत और डार्क रखें, क्योंकि अंधेरा आपके दिमाग को शांत रहने में मदद करता हैं। अपने सर और गले के आसपास आइस पैक या फिर हॉट हीटिंग पैड की मदद से सिकाई करें, यह मसल्स को रिलैक्स और आपके दर्द को कम करने में मदद करेगा। साथ ही साथ गर्म पानी में शॉवर लेना भी फायदेमंद हो सकता है।
शिशु आसन आपके शरीर और दिमाग को शांत रहने में मदद करती है। साथ ही यह आपके पूरे शरीर के स्ट्रेचिंग के लिए भी काफी फायदेमंद है।
सबसे पहले बज्रासन की स्थिति में बैठ जाएं। अब सांस लेते हुए दोनों हाथों को सिरके सीधे ऊपर की ओर उठाएं इसके साथ ही सांसों को धीरे धीरे छोड़ते हुए हाथों को आगे की ओर झुकते हुए माथे को जमीन से सटाएं, इस दौरान अपने हाथों को बिल्कुल सीधा रखें। इस पोजीशन में 1 मिनट तक रहने का प्रयास करें उसके बाद धीरे-धीरे सीधी मुद्रा में बैठ जाए। इसी चीज को कुछ देर तक दोहराते रहने का प्रयास करें।
जानुशिरासन डाइजेशन की समस्या को संतुलित रखता है। साथ ही ब्लड सर्कुलेशन को इंप्रूव करने के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि यह ब्लड सरकुलेशन को नियंत्रित रखता है, इसलिए माइग्रेन के मरीज इस योगासन को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते।
अपने दोनों पैरों को फैलाकर सीधा फर्श पर बैठ जाएं और दोनों हाथों को अपने साइड में रखें।
पीठ पूरी तरह सीधी होनी चाहिए। दाहिने पांव को घुटने से मोड़कर पांव के तलवे को दूसरे पैर के जांघ से लगा लें। अब दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और फिर आगे की ओर झुकते हुए बाएं पैर को हाथों से पकड़ने की कोशिश करें। अपनी नाक को धीरे-धीरे झुकाते हुए बाएं पैर के घुटने पर लगाएं।
इसी तरह से दूसरे पैर के साथ भी ऐसा ही करें। सिर को नीचे की ओर झुकाते वक्त सांस को अंदर की ओर लें और उठते वक्त धीरे-धीरे सांस को छोड़ना है।
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