मासिक धर्म चक्र के वे पांच दिन बहुत सारी परेशानियों के साथ आते हैं। जिन्हें संभाल पाना हर लड़की के लिए चुनौतीपूर्ण होता है। पर कुछ स्त्रियों के पीरियड्स में इतनी ज्यादा ब्लीडिंग होती है कि उन्हें हर घंटे पैड बदलना पड़ता है। असल में हैवी ब्लीडिंग की यह स्थिति सामान्य नहीं है। मेडिकल भाषा में इसे मेनोरेजिया (Menorrhagia) कहा जाता है। आइए जानते हैं इस स्थिति के बारे में सब कुछ।
अगर आपको पीरियड्स के दौरान एक दो घंटे के अन्दर पैड बदलना पड़ रहा है या आपके पीरियड्स एक हफ्ते से ज्यादा समय तक रहते है, तो यह हैवी ब्लीडिंग मानी जाएगी। अक्सर फाइब्रायड, रसौली, ट्यूमर जैसी बीमारियों के कारण पीरियड्स (Periods) में हैवी ब्लीडिंग (Bleeding) होती है। कुछ लड़कियों में हैवी ब्लीडिंग का कारण कुछ समय के लिए हार्मोन में होने वाला बदलाव भी होता है।
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महिलाओं को पीरियड्स के दौरान पेट में तेज दर्द और हैवी ब्लीडिंग की शिकायत होती है। कई बार यह स्थिति असामान्य हो जाती है। इस असामान्य स्थिति को मेनोरेजिया कहते हैं। मेनोरेजिया में ब्लीडिंग इतनी तेज होती है कि हर घंटे पैड बदलने की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा मेनोरेजिया में पूरे समय पेट में दर्द रहता है और रोज के काम करने में भी दिक्कत महसूस होती है। आइए जानते हैं इसके लक्षण और इसे संभालने का तरीका।
अगर आपको हर एक घंटे में पैड चेंज करना पड़ रहा है।
रात में सोने के दौरान भी पैड चेंज करने की जरूरत महसूस होती है।
कई बार हैवी ब्लीडिंग को रोकने के लिए एक समय में दो पैड लगाने की जरूरत होती है।
दर्द की वजह से कोई भी काम करने में दिक्कत है।
ब्लीडिंग में खून के थक्के आते हैं और 7 दिनों से ज्यादा हैवी ब्लीडिंग के साथ पीरियड्स चलते हैं।
इस दौरान पूरे समय थकान रहती है और सांस लेने में भी दिक्कत होती है।
कभी-कभी मेनोपॉज के बाद भी ब्लीडिंग होती है।
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यूट्रस की परत में पॉलीप्स बढ़ने लगता है, जिससे ब्लीडिंग बढ़ जाती है। इसके अलावा यूट्रस में फाइब्रॉएड ट्यूमर होने की वजह से भी महिलाओं को बहुत दिनों तक हैवी ब्लीडिंग हो सकती है।
जब फर्टिलाइज्ड एग यूट्रस के बाहर बढ़ने लगता है, तो इसे एक्टोपिक प्रेगनेंसी कहते हैं। इस तरह की प्रेगनेंसी में कई तरह की समस्याएं आती हैं। इन समस्याओं में से हैवी ब्लीडिंग एक प्रमुख समस्या है।
ऐसा बहुत कम होता है, लेकिन गर्भाशय या ओवरी कैंसर की वजह से भी कुछ महिलाओं में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने लगती है।
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शरीर में सूजन और जलन कम करने वाली दवाओं की वजह से भी हैवी पीरियड्स होते होने लगते हैं।
महिलाओं के यूट्रस में हर महीने एक परत बनती है, जो पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग के जरिए शरीर से बाहर आ जाती है। हार्मोन का स्तर बिगड़ जाने पर ये परत बहुत मोटी हो जाती है, जिसकी वजह से बहुत हैवी ब्लीडिंग होती है। ओव्यूलेट न हो पाने की स्थिति में भी शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है और इससे हैवी ब्लीडिंग होती है।
अगर आपको पीरियड के दौरान हैवी फ्लो है, तो आपको एनीमिया सहित और भी कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। एनीमिया की वजह से शरीर में खून की कमी हो जाती है और सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है। इसके अलावा हैवी फ्लो से और भी कई गंभीर समस्याएं होती हैं।
अगर आपको पीरियड में हैवी फ्लो रहता है, तो ये घरेलू नुस्खे कर सकते हैं आपकी मदद
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आपको कुछ दिनों के लिए हैवी फ्लो रहता है, तो आपमें खून की कमी हो सकती है। ऐसे में सामान्य से 4-6 कप ज्यादा पानी पिएं। इलैक्ट्रोलाइट सोल्यूशन का इस्तेमाल करें, ज्यादा पानी को संतुलित करने के लिए आहार में नमक की मात्रा बढ़ाएं। मगर इसे तय सीमा से ज्यादा न रखें।
एक कप उबलते पानी में दालचीनी की एक स्टिक द्वारा तैयार चाय पीरियड्स (Periods) में होने वाली हैवी ब्लीडिंग के लिए बहुत ही प्रभावी घरेलू उपाय है। आप वैकल्पिक रूप से इसमें दालचीनी की छाल से निकली कुछ बूंदों को भी मिला सकती हैं। दिन में दो बार इसका इस्तेमाल हैवी ब्लीडिंग को रोकने में मदद करता है।
कुछ मिनट पानी में अदरक को उबालकर तैयार मिश्रण पीरियड्स में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग (Bleeding) को रोकने में मदद करता है। इस मिश्रण को आप चीनी या शहद की मदद से मीठा भी कर सकती हैं। इस मिश्रण को आप भोजन करने के बाद दिन में तीन बार ले सकती हैं।
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विटामिन सी से भरपूर चीजें खाएं. यह विटामिन शरीर में आयरन को सोखने में मदद करता है। आप नींबू, आंवला, संतरा और अंगूर जैसे खट्टे फल और सब्जियां खा सकती हैं। कीवी, ब्रोकली, टमाटर और स्ट्रॉबेरी में भी विटामिन सी होता है।
रोजाना एक वक्त का खाना लोहे के बर्तन में पकाकर खाएं। ताकि आयरन की प्रचुर मात्रा शरीर के अंदर जा सके।
धनिया महिलाओं में पीरियड्स (Periods) संबंधी समस्याओं को दूर करने में बहुत मदद करता है। अगर पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग (Bleeding) नॉर्मल से ज्यादा हो तो आधा लीटर पानी में लगभग 6 ग्राम धनिया के बीज डालकर उबालें और इसमें शक्कर मिला लें। पीरियड्स के दौरान इस काढ़े का सेवन हैवी ब्लीडिंग को रोकने के सबसे अच्छे घरेलू उपचारों में से एक है।
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गर्भ निरोधक गोलियां – हैवी ब्लीडिंग के कुछ मामलों में डॉक्टर्स गर्भनिरोधक गोलियां लेने की सलाह देते हैं। इन दवाओं की वजह से शरीर में हार्मोन का संतुलन बदलता है, जिससे हैवी ब्लीडिंग कम होने लगती है। डॉक्टर्स हैवी पीरियड्स को रोकने के लिए कुछ और दवाएं भी लिख सकते हैं। ये दवाएं आपको पीरियड्स के दौरान ही लेनी होंगी।
सर्जरी- अगर आपके शरीर में पॉलीप्स या फाइब्रॉएड है, तो डॉक्टर आपको सर्जरी कराने की भी सलाह दे सकता है। सर्जरी के बाद हैवी ब्लीडिंग की समस्या रुक जाएगी।
गर्भाशय की सफाई- डॉक्टर यूट्रस से परत हटाकर सफाई भी कर सकते हैं। इसकी सबसे आसान प्रक्रिया डाइलेशन और क्यूरेटेज है। इससे भी हैवी ब्लीडिंग रूक जाती है। कुछ महिलाओं को ये एक बार से ज्यादा करवाना पड़ता है।
हिस्टेरेक्टॉमी- हैवी ब्लीडिंग के गंभीर मामलों में इस सर्जरी की जरूरत पड़ती है। इसमें गर्भाशय को निकालने की जरूरत पड़ती है। इसके बाद आपको पीरियड्स नहीं होंगे। हालांकि इसके बाद फिर प्रेगनेंसी संभव नहीं है। इसलिए सोच समझकर ही कोई भी निर्णय लें।
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