लोहड़ी 13 जनवरी (Lohri 13 January) को भारत के उत्तरी भागों में बहुत उत्साह के साथ मनाई जाती है। खेती और किसानों का ये त्योहार सभी को रेवड़ी, गज्जक, तिल, गुड़ और पॉपकॉर्न की याद दिलाता है। परर बोनफायर के बिना तो लोहड़ी अधूरी है। पवित्रता, गर्मी, रोशनी और ऊर्जा का प्रतीक मानी जाने वाली अग्नि में त्रिचोली की आहूति के साथ सभी अपनी और अपने परिवार की सलामती की दुआ करते हैं। लेकिन सुरक्षित लोहड़ी के लिए आग के पास जश्न मनाते समय आपको सावधानी बरतने की ज़रूरत है। यहां हम उन 5 चीजों के बारे में बता रहे हैं, जिनका आपको बोन फायर के पास जाते समय ध्यान रखना है। क्योंकि जरा सी असावधानी लोहड़ी की खुशियों में खलल डाल सकती है।
लोहड़ी पूजा के दौरान आग के पास कई लोग इकट्ठा होते हैं। यदि आप बहुत पास हैं, तो इससे आपकी त्वचा जल भी सकती है। जिससे आपकी त्वचा लाल, धब्बेदार और सफेद हो सकती है। फफोले भी हो सकते हैं, “सुनिश्चित करें कि आप लोहड़ी की आग से पर्याप्त दूरी पर खड़े हों ताकि आपका स्किन आग के संपर्क में ज्यादा न आए जिससे उसके जलने का जोखिम कम हो।
ये भी पढ़े- तिल और गुड़ दोनों हैं हेल्दी, पर क्या वेट बढ़ा सकती है रेवड़ी? आइए चेक करते हैं
बोनफायर के दौरान लकड़ी के धुएं के उत्सर्जन से दिल के दौरे, अस्थमा और यहां तक कि खांसी जैसा समस्या हो सकती है। इन गंभीर प्रभावों के अलावा, यह आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है। आग के धुएं से आपके फेफड़ों में सूजन और जलन हो सकती है, जिससे फेफड़ों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। लोहड़ी की आग के दौरान ही नहीं, पूरी सर्दियों में बोनफायर के पास खड़े होने या बैठने से बचें।
आग के बहुत करीब जाने से बचें क्योंकि यह आपके शरीर के तापमान को बढ़ाकर आपको ज़्यादा गरम और घुटन महसूस करा सकता है। नतीजतन, आपको सांस की तकलीफ, नम और पीली त्वचा के साथ-साथ थकावट और कमजोरी जैसे लक्षण महसुस हो सकते हैं। सबसे खराब स्थितियों में से एक हीट स्ट्रोक है।
ये भी पढ़े- उम्र भी लंबी करती हैं मूंगफलियां, जानिए क्या है इन्हें खाने का सबसे हेल्दी तरीका
आग के धुएं में महीन कण, जिन्हें अक्सर PM2.5 या फाइन पार्टिकल के रूप में जाना जाता है, मौजूद होते हैं। इन कणों में आपकी आंखों को परेशान करने और जलाने की क्षमता होती है। यह आगे चलकर आंखों को लाल कर सकता है या आंख से पानी आने का कारण बन सकता है।
दिवाली की तरह लोहड़ी पर भी हमें अपने कपड़ों का चुनाव बहुत ध्यान से करना है। हालांकि इन अवसरों पर हम सभी एथनिक पहनना पसंद करते हैं। पर सूती कपड़े सबसे अच्छा विकल्प होते हैं। ये सिंथेटिक कपड़ों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित होते हैं। ये हीट के संपर्क में आने पर पिघलते या चिपकते नहीं हैं। जबकि सिंथेटिक कपड़े आग के संपर्क में आने पर त्वचा से चिपक जाते हैं, जिससे स्किन बर्न को जोखिम और भी ज्यादा बढ़ जाता ह।
ये भी पढ़े- आपकी हार्ट हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है दही-चिवड़ा, एक्सपर्ट से जानिए सेहत पर इसका प्रभाव