बर्ड फ्लू यानि एवियन इन्फ्लुएंजा का खतरा अब पालतू जानवरों में भी बढ़ने लगा है। इसे नज़रअंदाज़ करना इंसानों के लिए जोखिम कारक साबित हो सकता है। अब तक इसका प्रभाव पक्षियों की आबादी पर दिख रहा था, मगर हाल ही में आई रिसर्च के अनुसार पालतू पशु भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। वे पालतू पशु जो दिन भर किसी न किसी प्रकार से इंसानों के संपर्क में रहते हैं और उनके घर पर रहते हैं (Pets linked with bird flu surveillance) । इससे घर में संक्रमण के फैलने की संभावना बढ़ रही है। ऐसा ही एक मामला पिछले दिनों पश्चिम बंगाल में मिला, जहां 4 साल की बच्ची बर्ड फ्लू से संक्रमित पाई गई।
यूसी डेविस स्कूल ऑफ वेटिरीनरी मेडिसिन के रिसर्च के अनुसार संक्रमित पक्षियों को खाने से इसका खतरा गाय और सूअर में बढ़ने लगता है। सूअर में पाई जाने वाली वायरल मिक्सिंग वैसल बर्ड फ्लू के संक्रमण को तेज़ी से बढ़ाता है। वहीं गाय में भी इंपरफे्क्ट वैसल्स पाई जाती है। वहीं सीडीसी की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार 2022 में एच 5 एन 1 इन्फ्लूएंजा स्ट्रेन के कारण होने वाले बर्ड फ्लू ने 90 मिलियन से ज्यादा मुर्गियों, 9,000 जंगली पक्षियों और 36 डेयरी जानवरों को प्रभावित किया है।
रिसर्च के अनुसार पाया गया कि इसी तरह की 48 से अधिक अन्य मैमल स्पीशिज़ (mammal species) यानि स्तनपायी प्रजातियां भी हैं जो संक्रमित पक्षियों (infected birds) को खाने से संक्रमित हो गई हैं और फिर मर गई हैं। कई प्रकार से जानवरों से संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी होने उम्मीद जताई जा रही है।
कुत्ते और बिल्ली जैसे पेटस में उनके साथी जानवरों से संक्रमण का खतरा बढ़ने लगता है। घर से बाहर निकलने के बाद पालतू जानवर (pet animals) अन्य जानवरों के संपर्क में आते हैं, जिससे इंफे्क्श बढ़ जाता है।
मृत पक्षियों को खाने और उनके पूप के संपर्क में आने से भी पेट्स में बर्ड फ्लू के मामले बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
पालतू पशुओं को रॉ मीट और रॉ मिल्क दिया जाता है। इसे खिलाने से भी उनमें बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ने लगता है।
पेट्स के लिए रॉ मीट खरीदने के बाद उसे रेफ्रिजरेट करें और खिलाने से पहले उसे माइक्रोवेव में गर्म करें। इसके अलावा बचे हुए खाने को फेंक दें या फिर दोबारा रेफ्रिजरेट करें।
पेट्स को किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाए रखने के लिए उन्हें बाहर निकलने से बचाएं और उन्हें घर के अंदर रखने का प्रयास करे।
बर्ड फ्लू के संकेतों को पहचानें और उनके अनुसार फौरन जांच के लिए लेकर जाएं।
पॉल्टरी फूड को अन्य खाद्य पदार्थों से दूर रखें।
सन् 1996 में चीन में बर्ड फ्लू का सबसे पहला मामला प्रकाश में आया था। इस संक्रमण से साल् 1997 में एक शख्स की मौत हुई थी। वहीं 2022 में पक्षियों में इस संक्रमण की पुष्टि की गई थी। देखते ही देखते पिछले साल बर्ड फ्लू के मामलों की तादाद लाखों में पहुंच गई।
हाल ही में पश्चिम बंगाल में मिले बर्ड फ्लू के एक मामले से कुछ दिन पहले मैक्सिको में एक व्यक्ति की इस संक्रमण से मौत हो गई थी। एक के बाद एक संक्रमण के मामलों के पाए जाने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी विष्वभर में इस संक्रमण को लेकर अलर्ट जारी कर लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है।
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