Sneezing : क्या आपको पता है कि हमें छींक क्यों आती है? जानिए छींक के बारे में कुछ मजे़दार तथ्य

छींक आने वाली फीलिंग कैसी होती है? हम सभी अच्छे से जानते हैं। स्नीजिंग यानी छींक की फीलिंग आमतौर पर आपकी नाक में एक अजीब सी गुदगुदी के साथ शुरू होती है जो नाक और मुंह से एक सेटिस्फाइंग ब्लास्ट में बदल जाती है और उसके बाद हमें अच्छा फील होता है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर हम छींकते क्यों है?
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जाने छींक आने का क्या है कारण, छींकते समय हमारे शरीर में क्या होता है। चित्र : अडोबी स्टोक
संध्या सिंह Updated: 8 Jan 2023, 14:31 pm IST
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कभी-कभी सर्दी के आने का पता छींक से लगता है। छींक संक्रमण और ठंड लगने की भी दस्तक देती है। वहीं जब आप बारिश में भीगते हुए छींकती हैं, तो एक कप गर्म चाय की तलब हो उठती है। यानी छींक शरीर का एक सिग्नल है, जो विभिन्न तरह के संकेत देता है। पर वास्तव में छींक (Sneezing) आती क्यों है? यह जानने के लिए हमने कुछ रिसर्च की और सामने आए छींक के बारे में कुछ मज़ेदार (Facts about Sneezing) तथ्य।

छींक (Sneezing) के जरिए हमारी नाक अपने आप को साफ करने की प्रक्रिया करती है। जब कोई गंदगी (Dust) , पोलन (Polan), धुआं (Smoke) या धूल (Dirt) जैसे बाहरी पदार्थ नॉस्ट्रिल्स में जाते है तो नाक में इर्रिटेशन हो सकती है। जब ऐसा होता है, तो नाक को साफ करने के लिए हमें छींक आती है। छींक आपके शरीर में बैक्टीरिया के खिलाफ सुरक्षा कवच का करते है।

जब आपकी नाक में कोई गंदगी या बाहारी पदार्थ प्रवेश करता है तो नाक की नाजुक परत को ये अनुभव होता है, तो यह आपके मस्तिष्क को एक विद्युत संकेत (electric signal) भेजता है। यह संकेत आपके दिमाग को बताता है कि नाक को खुद को साफ करने की जरूरत है। जिसके परिणास्वरूप हमें छींक आती है।

मस्तिष्क आपके शरीर को संकेत देता है कि यह छींक का समय है और आपका शरीर छींकने के लिए खुद को तैयार करके प्रतिक्रिया करता है। ज्यादातर मामलों में, आंखें जबरदस्ती बंद हो जाती हैं, जीभ मुंह के ऊपर चली जाती है और मांसपेशियां छींक के समय सिकुड़ जाती हैं। यह सब कुछ ही सेकेंड में हो जाता है।

क्या है छींक की मेडिकल टर्म

छींक, जिसे मेडिकल टर्म में स्टर्नटेशन (sternutation) कहा जाता है, एक तेज फोर्स के साथ आपकी नाक से पानी, बलगम और हवा निकालता है। छींक अपने साथ कई रोगाणुओं को ले जा सकती है, जो फ्लू जैसी बीमारियों को फैला सकते हैं।

इसलिए सीडीसी (Centers for Disease Control and Prevention) हमें छींकने के बाद और पूरे दिन साबुन और पानी से हाथ धोने की सलाह देता है। खासकर बाथरूम का उपयोग करने के बाद और खाने से पहले। यदि साबुन और पानी उपलब्ध नहीं है, तो अपने हाथों को साफ करने के लिए अल्कोहल-बेस्ड हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें। जिसमें कम से कम 60 प्रतिशत अल्कोहल हो।

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हम छींकते हुए हमेशा आंखें क्यों बंद कर लेते हैं? चित्र : अडोबी स्टोक

मगर हमें छींक आती क्यों है

छींक भी शरीर में एक और महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 2012 में, पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि छींक नाक को “रीसेट” करने का प्राकृतिक तरीका है।

अध्ययन में पाया गया कि सिलिया, सेल्स जो नाक के अंदर टिश्यू (tissue) की रेखा बनाती हैं, छींक के साथ रिबूट हो जाती हैं। आसान तरीके से समझे तो, एक छींक पूरे नाक के वातावरण को रीसेट कर देती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि छींकने का उन लोगों पर “रीसेट” जैसा कोई प्रभाव नहीं होता है, जिन्हें साइनसाइटिस जैसी पुरानी नाक की समस्या है।

क्या छींकते समय दिल धड़कना बंद कर देता है?

यह एक भ्रामक अवधारणा है कि जब आप छींकते हैं, तो आपका दिल थोड़ी देर के लिए धड़कना बंद कर देता है। सच यह है कि जब हम छींकते हैं, तो आपकी छाती में दबाव बदल जाता है। ये परिवर्तन रक्त प्रवाह को बदल सकते हैं, जिससे आपके दिल की धड़कन की लय भी बदल सकती है। जब आप छींकते हैं तो आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आपका दिल “नहीं धड़क रहा है”, लेकिन ऐसा नहीं है।

हम छींकते हुए हमेशा आंखें क्यों बंद कर लेते हैं?

छींकते समय अपनी आंखें खुली रखना लगभग असंभव सा होता है । वैज्ञानिकों का कहना है कि जब हम छींकते हैं, तो हमारा मस्तिष्क हमारी आंखें बंद करने का संदेश भेजता है। यह एक ऐसी चीज है जिसे आप नहीं करना चाहते फिर भी होती है।

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क्या छींक को रोकना बुरा है?

यदि आपको लगता है कि छींक आ रही है, और आप इसे रोकने का प्रयास कर रहे है तो  यह महत्वपूर्ण है कि इसे रोक कर न रखें। छींकें शक्तिशाली होती हैं। यह आपका नाक, कान आंख सभी जगह पर जोर डालती है, यदि आप इसे रोकते है, तो इससे आपके नेजल मार्ग में दबाव बढ़ सकता है और आपकी आंखों, नाक या कान के पर्दों में ब्लड वेसल्स (blood vessels) को नुकसान हो सकता है।

छींक से जुड़ी कुछ और मजे़दार बातें

कुछ संस्कृतियों में, छींक सौभाग्य का संकेत है या इसे शुभ माना जाता है, लेकिन एक पुरानी कहानी कहती है कि जब आप किसी के साथ हों तो छींकना अशुभ माना जाता है।

कुछ एशियाई संस्कृतियों में, जब आप छींकते हैं तो इसका मतलब है कि कोई आपकी पीठ पीछे आपके बारे में बात की जा रही है या कोई आपके बारे में बुराई कर रहा है।

छींकने पर “God bless you” कहने के बारे में भी कुछ मान्यताएं प्रचलित है कि जब लोग छींकते हैं, तो उनकी आत्मा  उनके शरीर से बाहर निकल जाती है। अन्य लोग उन्हें सुरक्षित रखने के लिए “God bless you” कहते हैं।

एक अन्य सिद्धांत के अनुसार प्राचीन रोम में, ब्यूबोनिक प्लेग फैला था जैसे अभी कोरोना के ब्यूबोनिक के दो लक्षण खांसी और छींक थे। तत्कालिन पोप ग्रेगोरी VII ने छींक के बाद लोगों को बीमार पड़ने से बचाने के लिए “God bless you” कहने की सिफारिश की।

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लेखक के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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