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जानिए क्या है NeoCoV वायरस और क्यों नहीं हैं इससे घबराने की जरूरत

एक और नया वायरस NeocoV इन दिनों चर्चा में है। वैज्ञानिकों की खोज के बावजूद स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे लेकर ज्यादा परेशान न होने की सलाह दे रहे हैं।
कोरोना का नया वैरिएंट नहीं है नियोकोव। चित्र : शटरस्टॉक
अक्षांश कुलश्रेष्ठ Published: 29 Jan 2022, 17:00 pm IST
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बीते कुछ सालों में कोरोना वायरस संक्रमण ने हमें अपने कई रूप दिखाए हैं। अल्फा वैरिएंट से लेकर डेल्टा वैरिएंट और अब ओमिक्रोन सभी ने दुनिया की नाक में दम कर दिया। भारत में ओमिक्रोन और डेल्टा के मामले कम नहीं हैं। ऐसे में एक वायरस NeoCoV काफी तेजी से सुर्खियां बटोर रहा है। इस वायरस की सूचना वुहान यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा दी गई है। आइए जानें क्या है ये वायरस और क्या है विशेषज्ञों की इस बारे में राय। 

जानिए क्या है NeoCoV? 

NeoCoV कोई नया कोरोना वायरस संक्रमण का वैरिएंट नहीं है! इसकी चर्चा वुहान यूनिवर्सिटी के चीनी वैज्ञानिकों द्वारा की गई एक स्टडी के बाद तेज हुई। दरअसल NeoCoV, MERS-CoV से जुड़ा एक संक्रमण है। और MERS-CoV कोरोना वायरस संक्रमण के परिवार से ताल्लुक रखता है। यह इंसान को भी संक्रमित करने में सक्षम है। 

नियोकोव चमगादड़ में पाया गया। चित्र : शटरस्टॉक

साल 2010 में MERS-CoV सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया में बड़े प्रकोप का कारण बना था। MERS-CoV पर विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इस संक्रमण से संक्रमित करीब 35% रोगियों की मृत्यु हो चुकी है। NeoCoV विशेष कोरोनावायरस का एक संभावित रूप है।

सिर्फ जानवरों में है NeoCoV 

इस वायरस ने अभी तक किसी भी इंसान को अपनी चपेट में नहीं लिया है और न ही इस वायरस के कारण किसी व्यक्ति की जान गई है। यह वायरस मात्र जानवरों के बीच में फैल रहा है। अगर यह इंसानों में नहीं फैल रहा है, तो चेतावनी क्यों दी गई? इस सवाल का जवाब जानने के लिए  चलिए पहले जानते हैं कि आखिर क्या है NeoCoV?

क्या है वायरस पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय 

ट्विटर पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कोचिन के पूर्व प्रेजिडेंट डॉ राजीव जायादेवन ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि NeocoV कोई नया वायरस नहीं है। यह साल 2013 में चमगादड़ों में पाया गया था। इसने अभी तक किसी भी मनुष्य की जान नहीं ली है। 


अपने एक अन्य ट्वीट में जयादेवन कहते हैं ,चमगादड़ कई कोरोना वायरस ले जाते हैं। उनमें से अधिकांश मनुष्य के पास नहीं जाते। इस क्षेत्र के वैज्ञानिक यह देखने के लिए उनका अध्ययन करते हैं कि वे कैसे व्यवहार करते हैं, वे कोशिकाओं से कैसे जुड़ते हैं और क्या वे MERS CoV जैसे खराब वायरस के पूर्वज थे, जिन्होंने 10 साल पहले 866 लोगों को मार डाला था, मृत्यु दर 34% थी।

नही है इस वायरस से घबराने की जरूरत 

NeoCov से घबराने की जरूरत इसलिए भी नहीं है क्योंकि चीन के शोधकर्ताओं द्वारा की गई रिसर्च Covid-19 के संदर्भ में है ही नहीं। और न ही यह कोरोना वायरस संक्रमण का कोई नया वैरिएंट है।

वुहान यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा की गई रिसर्च में सिर्फ इतना ही पाया गया कि NeoCoV अभी तक खोजा गया MERS-CoV का निकटतम रिश्तेदार है और यह चमगादड़ में पाया जाता है।

नियोकोव नहीं है कोविड-19 का हिस्सा। चित्र : शटरस्टॉक

NeoCoV संक्रमण पैदा करने के लिए कुछ प्रकार के बैट ACE2 (एक प्रकार की कोशिका जिसे जीव विज्ञान में रिसेप्टर्स कहा जाता है) का कुशलतापूर्वक उपयोग कर सकता है। NeoCoV T510F उत्परिवर्तन के बाद मानव ACE2 कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है।

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