हेल्दी लाइफ के लिए जरूरी है सही पोषण, जानिए पोषण के मूलभूत अधिकार के बारे में

देश के एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में हमें भी खानपान की स्वस्थ आदतों का पालन करने और वंचित आबादी के बीच पोषण के महत्व की जागरुकता बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।
healthy food hi apki better life me helpful ho sakta hai
स्वस्थ जीवन के लिए जरूरी है कि आप पौष्टिक और संतुलित आहार ग्रहण करें। चित्र : अडोबी स्टॉक
Published by Dr. Meghana Pasi
Published On: 10 Dec 2022, 12:00 pm IST
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एलिस वाटर्स ने कहा है, ‘‘अच्छा आहार एक अधिकार होना चाहिए, न कि एक सुविधा’’। हमारे वेदों में भी कहा गया है कि ‘‘हर व्यक्ति को खानपान की समान पहुंच का अधिकार है”। पर्याप्त भोजन और अच्छे पोषण से न केवल भूख मिटती है, बल्कि अल्पपोषण, बीमारी, खाने से होने वाली बीमारियां और डायबिटीज़ एवं कैंसर जैसी क्रोनिक डिजनरेटिव समस्याएं भी कम होती हैं। जीवन की हर अवस्था में वृद्धि, विकास, शारीरिक कार्यों के संचालन और चुस्त व सक्रिय रहने के लिए स्वस्थ आहार (Nutrition for healthy life) जरूरी है।

विश्व मानवाधिकार दिवस 

10 दिसंबर को हर साल पूरे विश्व में मानवाधिकार दिवस (human rights day) मनाया जाता है। इसी दिन सन 1948 में संयुक्त राष्ट्र की आम सभा ने ‘मानवाधिकारों पर सार्वभौम घोषणापत्र’ (Universal Declaration of Human Rights यूडीएचआर) अपनाया था। यूडीएचआर ने अनुच्छेद 25 में भोजन के अधिकार को मान्यता दी है।

जिसमें कहा गया है, ‘‘हर किसी को ऐसा जीवनस्तर पाने का अधिकार है, जो उसके एवं उसके परिवार के स्वास्थ्य व सेहत के लिए पर्याप्त हो। इसमें खाना, कपड़े, घर और मेडिकल इलाज एवं आवश्यक सामाजिक सेवाएं शामिल हैं।’’

Healthy life ke liye kuchh chizo ke mahatv ko samajhna zaruri hai
अपने परिवार और समाज के लिए सबसे पहले पोषण की आवश्यकताओं पर ध्यान देना जरूरी है। चित्र: शटरस्‍टॉक

आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अधिकार समिति (ईएससीआर) ने सन 1999 में अपनी आम टिप्पणी 12 में पर्याप्त भोजन के अधिकार को उस स्थिति के रूप में परिभाषित किया है, जिसमें समाज के हर व्यक्ति को खाना और उसे खरीदने के साधनों की भौतिक एवं आर्थिक पहुंच उपलब्ध हो।

मूलभूत आवश्यकता है अच्छा पोषण 

हमारा भारतीय संविधान एक गरिमापूर्ण जीवन के मौलिक अधिकार की गारंटी देता है। जिसमें जीवित रहने का अधिकार शामिल है। भूख मिटाने के लिए खाने की जरूरत जीवन की मूलभूत आवश्यकता है, इसलिए भोजन का अधिकार जीवन के अधिकार के तहत संरक्षित है।

संयुक्त राष्ट्र (WHO) का सदस्य होने और ईएससीआर के अंतर्राष्ट्रीय अनुबंध का सदस्य होने के नाते, भारत पर वे सभी नियम व कानून लागू होते हैं, जो इन अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के तहत बनाए गए हैं।

जानिए क्या है राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम

भारतीय संविधान के अलावा, भारत की संसद ने एक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (2003) बनाया, जो भोजन के अधिकार अधिनियम नाम से मशहूर है। इस अधिनियम के तहत भारत की दो तिहाई आबादी को अनाज रियायती दरों पर प्रदान किया जाता है।

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प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

यह देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार का प्रयास था। इस अधिनियम के अंतर्गत हमारे देश में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, आईसीडीएस ICDS योजना और जन वितरण प्रणाली जैसी अनेक योजनाएं शुरू की गईं हैं।

इसके अलावा हर राज्य की सरकार के अपने नागरिकों के प्रति राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों के नाम से कुछ कर्तव्य भी हैं। भोजन का अधिकार इन कर्तव्यों में निहित है। अपने नागरिकों का पोषण और जीवन स्तर बढ़ाना राज्यों का दायित्व है।

Ye zaruri hai ki aap ek balanced diet ka palan karen
ये जरूरी है कि आप एक बैलेंस्ड डाइट का पालन करें। चित्र: शटरस्टॉक

भुखमरी का उन्मूलन करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठन और हमारी भारतीय सरकार क्या कर रही है, यह जानने के बाद, देश के एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में हमें भी खान पान की स्वस्थ आदतों का पालन करने और वंचित आबादी के बीच पोषण के महत्व की जागरुकता बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।

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गैर संचारी रोगों से बचाता है सही पोषण 

यह भी ध्यान देने वाली बात है कि पोषण की जरूरत पूरे जीवन एक सी नहीं रहती है। उम्र, लिंग, शारीरिक संरचना और शारीरिक गतिविधि के आधार पर यह बदलती है। यदि पोषण की जरूरत को पूरा नहीं किया जाए, तो इससे बच्चों में प्रोटीन ऊर्जा कुपोषण, किशोरों में पोषक तत्वों का कुपोषण, और वयस्कों में गैरसंचारी बीमारियां (एनसीडी) जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, दिल के रोग एवं कैंसर आदि हो सकते हैं।

एनसीडी का मुख्य कारण मैक्रोन्यूट्रिएंट (सैचुरेटेड फैट, शुगर) अत्यधिक मात्रा में लेना और सब्जियों, फलों, अनाज, और फलियों से मिलने वाले फाईबर और माईक्रोन्यूट्रिएंट कम मात्रा में लेना है।

संपूर्ण पोषण के लिए अपने आहार में शामिल करें ये फूड्स 

  1. अनाज और साबुत अनाज – कार्बोहाईड्रेट, फाईबर, विटामिन बी और मिनरल्स का उत्तम स्रोत।
  2. फलियां/दालें/मांस/मछली/अंडे – प्रोटीन और मिनरल्स का अच्छा स्रोत।
  3. फल व सब्जियां – विटामिन और मिनरल्स एवं फाईबर और एंटी ऑक्सीडैंट से भरपूर।
  4. दूध एवं दूध के उत्पाद – अच्छी क्वालिटी के प्रोटीन, कैल्शियम एवं अन्य मिनरल्स का अच्छा स्रोत।
  5. नट्स और सुपर सीड्स  – स्वस्थ फैट, मिनरल्स और प्रोटीन के बेहतरीन स्रोत।

कुपोषण को दूर कर स्वस्थ व रोगमुक्त जीवन के लिए संतुलित आहार जरूरी है, जिसमें हर तरह का आहार पर्याप्त मात्रा में शामिल हो।

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लेखक के बारे में
Dr. Meghana Pasi
Dr. Meghana Pasi

Dr. Meghana Pasi is the Nutrition Expert at ArogyaWorld India Trust for the MyThali program. Previously, she served as a Documentation Consultant with Marag NGO; as a Sponsorship and Documentation coordinator with SnehSamuday NGO; as a Monitoring and Evaluation Manager at Counter Part International and as a CSR coordinator at L&T Ltd. She has worked with Government Organizations, NGO sectors, Universities and other institutions particularly in areas of Maternal Child Health and Nutrition, Infant and Young Child Feeding, Behavior Change Communication, Nutrition Counselling, Qualitative and Quantitative Research, Training, Writing and Documentation, Monitoring and Evaluation and Project Management. She has also been a part of the Foods and Nutrition Dept. MSU, Baroda as a lecturer for a year during her Doctoral Research.

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