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आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है टी बैग वाली चाय, जानिए क्या कहता है शोध 

टी बैग्स से झटपट तैयार होने वाली चाय कहीं आपके स्वास्थ्य को प्रभावित तो नहीं कर रही है। यदि इसका इस्तेमाल बहुत अधिक कर रही हैं, तो सावधान हो जाएं।
Published On: 10 Aug 2022, 08:00 am IST
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tea bags ke nuksan
टी बैग्स का ज्यादा सेवन सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है। चित्र: शटरस्टॉक

अक्सर हम चाय उबालने के बाद फैली गंदगी और समय बचाने के चक्कर में होल टी लीफ या लूज टी लीफ की बजाय टी बैग्स (Tea bags) के इस्तेमाल का चलन बढ़ा है। टी बैग्स न सिर्फ चाय बनाने में प्रयोग किए जा रहे हैं, बल्कि इनका इस्तेमाल मेंटल हेल्थ, स्किन केयर, हेयर ग्रोथ और गट हेल्थ के लिए भी किया जा रहा है। यह लीफ टी का एक बढ़िया विकल्प है, पर क्या आप जानती हैं कि चाय के रूप में इनका ज्यादा इस्तेमाल आपके स्वास्थ्य (Tea bags health hazards) को नुकसान पहुंचा सकता है? 

जानिए क्या कहते हैं इस बारे में रिसर्च

वर्ष 2019 में मैकगिल यूनिवर्सिटी, कनाडा में लूज टी लीफ और टीबैग्स पर स्टडी की गई। स्टडी के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि प्लास्टिक टीबैग आपके कप में हार्मफुल पार्टिकल्स को छोड़ सकता है। इसमें गुड बैक्टीरिया को प्रभावित करने की भी क्षमता देखी गई।

गाजियाबाद की किचन बेस्ड वेट लॉस ऐंड वेलनेस सेंटर एनएच 24 की न्यूट्रीशनिस्ट और डायटीशियन कृति श्रीवास्तव बताती हैं, ‘अति सर्वत्र वर्जयेत। किसी भी चीज की अति स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होती है। यदि आप लीफ टी की बजाय हमेशा टी बैग्स का प्रयोग करती हैं, तो इससे मिलने वाले फायदे कम हो सकते हैं।’  

 आइए जानते हैं चाय पीने का सही तरीका क्या है?

चाय पीने का सबसे सही तरीका पारंपरिक रूप से तैयार कर चाय पीना ही है। बाजार में ग्रीन टी, ब्लैक टी या किसी दूसरे प्रकार के ऑर्गेनिक टी सभी लूज रूप में उपलब्ध रहते हैं। पानी में चाय की पत्ती डालें और उसे कप में डालकर पीएं। आपको यह जरूर जानना चाहिए कि ज्यादातर टी बैग्स में जिन स्टेपल पिन का उपयोग होता है, वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।   

यहां हैं टी बैग्स से होने वाले 5 स्वास्थ्य जोखिम 

1 कम हो सकते हैं एंटी ऑक्सीडेंट्स 

होल लीफ टी के विपरीत टी बैग्स में आमतौर पर सीटीसी या क्रश-टियर-कर्ल उत्पादन की विधि के द्वारा बनाई गई टूटी हुई पत्तियां, डस्ट और पत्तियों के माइक्रो पार्टिकल्स होते हैं। पत्तियों को बड़ी रोलिंग मशीनों में रखा जाता है, जो पूरी पत्तियों को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ देती हैं। 

इन पत्तियों को टी बैग्स में फिट कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया से हेल्दी कंपाउंड एल-थीनाइन और एंटीऑक्सिडेंट भी प्रभावित हो जाते हैं, जो डिटॉक्स करने और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में मददगार होते हैं।

2 डायबिटिक पेशेंट के लिए हैं हानिकारक

कृति श्रीवास्तव बताती हैं, टी बैग्स के माध्यम से लिया गया एक्स्ट्रा कैफीन ब्लड ग्लूकोज लेवल को डिस्टर्ब कर सकता है। हालांकि टर्मरिक टी, हिबिस्कस टी, सिनामन टी, कैमोमाइल टी जैसे हर्बल टी एंटी डायबिटिक होते हैं। इसके बावजूद कैफीन वाले टी बैग्स का अत्यधिक प्रयोग डायबिटीज के पेशेंट के लिए नुकसानदेह है।

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3 ब्लीच्ड टी बैग्स का प्रयोग

टी बैग्स में कई बार ब्लीच का भी प्रयोग किया जाता है, जो चाय के साथ आपके शरीर में प्रवेश कर सकता है। जब केमिकल का प्रयोग कर इन्हें ब्लीच किया जाता है, तो इसके स्वाद और पौष्टिकता दोनों प्रभावित होते हैं। यदि किसी भी टी बैग को काटकर आप प्रयोग करना चाहती हैं, तो यह सही नहीं है। इससे स्वाद और फायदा दोनों कम हो जाता है। खरीदते समय ब्लीच्ड और अनब्लीच्ड का टैग जरूर देखें।

4 नहीं मिल पाता चाय का असली स्वाद 

चाय की पत्तियां पानी में जब अच्छी तरह घुलती हैं, तो स्वाद में निखार आता है। टी बैग्स के लिए पत्तियों को बहुत छोटे रूप में तोड़ा और संकुचित कर दिया जाता है। इस प्रतिबंधित रूप में वैसा स्वाद नहीं आ पाता है, जैसा संपूर्ण पत्तियों की चाय का स्वाद होता है।

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यदि आपके पास पर्याप्त समय है, तो पारंपरिक रूप से तैयार चाय का ही स्वाद लें। चित्र: शटरस्टॉक

इसका यह मतलब नहीं है कि टी बैग्स स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह नुकसानदेह होते हैं। जब भी आपका मन करे, टी बैग्स की चाय का आनंद जरूर लें, लेकिन बार-बार इसे पीना नुकसान भी पहुंचा सकता है।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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