देश में कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार भले ही अब धीमी पड़ने लगी हो। लेकिन संक्रमण के नए वैरिएंट ओमिक्रोन में बदलाव लगातार देखने को मिल रहे हैं। यह वाकई एक चिंता का विषय है। कोरोना वायरस संक्रमण परिवार का ओमिक्रोन, एक ऐसा वैरिएंट है जो हर किसी के शरीर में अलग प्रकार के लक्षण दिखा रहा है। हाल ही में कुछ मरीजों में कुछ असामान्य लक्षण ऐसे देखने को मिले जो नए थे।
जहां एक तरफ ओमिक्रोन से संक्रमित कुछ मरीज हल्के सर्दी जुखाम,बुखार के लक्ष्मण बता रहे हैं वही कुछ गंभीर लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं। जिस पर विश्व स्वास्थ संगठन WHO और अन्य संगठनों द्वारा किए गए अध्ययन लक्षणों और उनके पीछे के कारणों की व्याख्या करते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक बड़ी संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मारिया वान केरखोव के अनुसार, जो भी ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमित हैं उनमें कई प्रकार के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। कुछ ऐसे हैं जिनमें कई लक्षण है लेकिन मामूली है, कुछ ऐसे हैं जिनमें कोई भी लक्षण देखने को नहीं मिल रहा। और कुछ ऐसे हैं जिनको गंभीर समस्याएं ओमिक्रोन के संक्रमण के दौरान हो रही हैं, इस स्थिति में मौत का खतरा भी शामिल है। यही कारण है कि ओमिक्रोन का स्थिति में रहना हमेशा चिंताजनक होगा।
यूके के किंग्स कॉलेज लंदन द्वारा प्रदान किए गए वैज्ञानिक विश्लेषण के साथ स्वास्थ्य विज्ञान कंपनी ZOE के ने एक Covid एप तैयार किया था, जिसने हाल ही में एक अध्ययन किया और अध्ययन बताता है कि ज्यादातर ओमिक्रोन मामलों में गले में खराश, शरीर में तेज दर्द, थकान, गंभीर सिरदर्द जैसे ठंड जैसे लक्षणों की रिपोर्ट कर रहे हैं।
ओमिक्रोन से संक्रमित मरीजों में कुछ नए लक्षण भी दर्ज किए जा रहे हैं। जो मध्य से गंभीर हैं। बहुत से लोग ऐसे हैं जिनको गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों की भी शिकायत कर रहे हैं। जिसमें दस्त, भूख न लगना, खाना न खा पाना और पेट दर्द, शामिल है।
ओमिक्रोन के सबसे असामान्य लक्षण बेहद ही चुनिंदा मामलों में देखने को मिले हैं। हालांकि ऐसे ही कुछ लक्षण डेल्टा वैरिएंट में पाए गए थे। जिसमें खांसी, बुखार और गंध की कमी शामिल है।विशेषज्ञों का कहना है कि इन व्यापक लक्षणों के कारण रोग का निदान करना अधिक कठिन हो गया है।
अध्ययन कहता है कि यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं है कि ओमिक्रोन के कारण होने वाले लक्षण पिछले वर्ष की तुलना में हल्के होते हैं। लेकिन लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में विभिन्न होते हैं जो उनके टीकाकरण की स्थिति, प्रतिरक्षा और कुछ अन्य चीजों पर निर्भर करता है।
डब्ल्यूएचओ के अधिकारी ने भी पुष्टि की, उन व्यक्तियों में बहुत महत्वपूर्ण अंतर है जिन्हें एक खुराक, दो खुराक और कुछ लोगों को तीन खुराक का टीका लगाया गया है। “टीका लगाने वालों में अस्पताल में भर्ती होने और मौतों में उल्लेखनीय कमी आई है।”
वैन केरखोव ने कहा, “यह ओमिक्रॉन से है, वैरिएंट ऑफ़ कंसर्न,और मुझे लगता है कि यह सबसे बड़े कारकों में से एक है जो वास्तव में महत्वपूर्ण है, वास्तव में महत्वपूर्ण है कि लोग वहां सुनते हैं,” इसलिए जब आपकी बारी आती है तो टीका लगाया जाता है और बढ़ाया जाता है।
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