मेनोपॉज के बाद महिलाओं में बढ़ जाता है हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा, एक्सपर्ट बता रहे हैं क्यों

क्यों मेनोपॉज के बाद महिलाओं को हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए विशेष देखभाल की सलाह दी जाती है? आज हम लेकर आए हैं आपके इन्हीं सवालों के उचित जवाब।
menopause me hot flashes samanya lakshan hai
हॉट फ्लैशेस से राहत पाने के लिए कॉटन के कपड़े पहनें व गर्म तासीर वाली चीजें खाने से बचें। चित्र- अडोबी स्टॉक
अंजलि कुमारी Updated: 18 Oct 2023, 10:07 am IST
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पीरियड, प्रीमेनोपॉज और मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में होने वाले हार्मोनल बदलाव की वजह से उनमें हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, आजकल की लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से हृदय रोग बेहद कम उम्र में ही लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। इस स्थिति में में मेनोपॉज के बाद हृदय रोग का खतरा और अधिक बढ़ जाता है। आखिर ऐसा क्यों होता है? क्यों मेनोपॉज के बाद महिलाओं को हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए विशेष देखभाल की सलाह दी जाती है? आज हम लेकर आए हैं आपके इन्हीं सवालों के उचित जवाब।

हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, वैशाली के कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर डॉक्टर गौरव मिनोचा से बात की। डॉक्टर ने मेनोपॉज के बाद महिलाओं में हृदय रोग के बढ़ते खतरे के कारण बताए हैं, साथ ही उन्होंने बताया कि आखिर किस तरह इस खतरे को कम किया जा सकता है (heart attack risk after menopause)।

क्या है मेनोपॉज और हार्ट हेल्थ का कनैक्शन (heart attack risk after menopause)

मेनोपॉज, एक महिला के जीवन में एक प्राकृतिक चरण है, जो आमतौर पर 40 की उम्र के अंत से 50 की उम्र की शुरुआत में होता है। इसे प्रजनन वर्षों के अंत की प्रतिक्रिया कहते हैं। यह स्थिति महत्वपूर्ण हार्मोनल बदलावों को ट्रिगर करती है, विशेष रूप से एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट लाती है। एस्ट्रोजन, केवल प्रजनन भूमिका नहीं निभाता, बल्कि, हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाता है।

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ह्रदय स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है मेनोपॉज का पीरियड। चित्र : एडॉबीस्टॉक

जानिए क्यों मेनोपॉज के बाद महिलाओं में बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा

1 बढ़ता कोलेस्ट्रॉल है बड़ी वजह

हार्मोनल परिवर्तन हृदय को कई तरह से प्रभावित कर सकता है। मेनोपॉज अक्सर कोलेस्ट्रॉल के स्तर में प्रतिकूल परिवर्तन की ओर ले जाती है, जिसमें “खराब” एलडीएल कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि और “अच्छे” एचडीएल कोलेस्ट्रॉल में गिरावट होती है। यह असंतुलन कोरोनरी आर्टरी रोग के विकास में एक प्रमुख योगदान देता है। दिल के दौरे या दिल की शिथिलता के जोखिम को कम करने के लिए लिपिड स्तर की नियमित निगरानी आवश्यक हो जाती है।

2 ब्लड प्रेशर है ह्रदय रोग का सबसे बड़ा कारण

मेनोपॉज के दौरान और बाद में हार्मोनल उतार-चढ़ाव के परिणामस्वरूप ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। ऐसे में व्यायाम, नमक प्रतिबंध, वजन घटाने आदि जैसे जीवनशैली में बदलाव के अलावा दवाओं की आवश्यकता ले सकती हैं।
मेनोपॉज में अक्सर हॉट फ्लैशेज और नाईट स्वेट के लक्षण देखने को मिलते हैं, जो बिल्कुल दिल के दौरे के लक्षण जैसा नजर आता है।

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3 धूम्रपान और शराब भी है कारण

शराब और धूम्रपान का सेवन करने वाली महिलाओं के लिए, इसे छोड़ना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। धूम्रपान और शराब का सेवन दोनों ही हृदय रोग में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

इन उपायों को अपनाने से और हृदय स्वास्थ्य को सबसे आगे रखते हुए महिलाओं को मेनोपॉज के बाद होने वाले हृदय संबंधी समस्या से निपटने में सशक्त बनाया जा सकता है। इससे मेनोपॉज के बाद हृदय-संरक्षित और स्वस्थ जीवन सुनिश्चित हो सकता है।

Heart Healthy foods
यहां जानें हार्ट फ्रेंडली फूड्स के बारे में। चित्र : एडॉबीस्टॉक

जानिए मेनोपॉज के बाद कैसे रखना है हृदय स्वास्थ्य का ख्याल

मेनोपॉज के दौरान और बाद में हृदय स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए, सैचुरेटेड और ट्रांस फैट, अतिरिक्त शुगर और सोडियम को कम करते हुए फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और कम फैट वाले डेयरी उत्पादों से भरपूर हृदय-स्वस्थ आहार को अपनाना महत्वपूर्ण है।

हफ्ते में कम से कम 5 दिन 30 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाले व्यायाम के लक्ष्य के साथ नियमित शारीरिक गतिविधि में भाग लेने की कोशिश करें। इससे न केवल स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद मिलती है, बल्कि ब्लड प्रेशर भी कम होता है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार होता है।

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इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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