अगर आपका वजन आपके कद के अनुरूप बहुत ज्यादा है तो आप एक नहीं, कई गंभीर बीमारियों के जोखिम में हैं। हम समझ सकते हैं कि पिछले कई महीनों से घरों में कैद होने के कारण आपके वजन में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है। यहां हम वज़न में थोड़े बहुत उतार- चढ़ाव की बात नहीं कर रहे, बल्कि ज़रुरत से ज्यादा वज़न बढ़ने की बात कर रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि इसे अभी संभाल लिया जाए।
मोटापा यानी ओबेसिटी कई बीमारियों का कारण बन सकता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार अमेरिका की 40% आबादी मोटापे से जूझ रही है। ये आपके स्वास्थ्य को कई स्तरों पर नुकसान पहुंचता है जैसे:
अधिक वजन या मोटापे की वजह से स्ट्रोक का खतरा काफी बढ़ जाता है, क्योंकि इसके कारण रक्त आपके मस्तिष्क तक नहीं पहुंच पाता। जिससे मोटापा आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डाल सकता है। इसकी वजह से लोग अवसाद, एंग्जायटी और लो सेल्फ-एस्टीम जैसी मेंटल हेल्थ समस्याओं के प्रति ज्यादा जोखिमग्रस्त हो सकते हैं।
मोटापा आपके श्वसन तंत्र पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। ये गर्दन के चारों ओर वसा को इकठ्ठा कर सकता है, जिससे वायु मार्ग बहुत छोटा हो सकता है। ऐसे में रात में सांस लेना मुश्किल हो सकता है और सिर्फ चलना भी भारी काम लग सकता है। मोटापे की वजह से हुई इस समस्या को स्लीप एपनिया कहा जाता है। स्लीप एपनिया वाले लोगों में वास्तव में थोड़े समय के लिए सांस रुक सकती है।
मोटापा गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) के एक उच्च जोखिम के साथ जुड़ा हुआ है। जीईआरडी तब होता है जब पेट का एसिड एसोफेगस में लीक हो जाता है। इसके अलावा, मोटापे से पित्ताशय में पथरी का खतरा भी बढ़ जाता है। यह तब होता है, जब पित्त का निर्माण होता है और पित्ताशय कठोर हो जाता है। इसके लिए सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।
मोटापे की वजह से वसा जिगर के आसपास बढ़ सकती है और जिगर की क्षति, निशान ऊतकों और यहां तक कि जिगर की विफलता का कारण बन सकती है।
मोटापे से ग्रस्त लोगों में, हृदय को शरीर के चारों ओर रक्त पंप करने के लिए कड़ी मेहनत करने पड़ती है। जिससे उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है जो स्ट्रोक का प्रमुख कारण है। साथ ही, अगर आप मोटे हैं तो टाइप 2 मधुमेह होने का खतरा बढ़ जाता है।
मधुमेह हृदय रोग, गुर्दे की बीमारी, स्ट्रोक और अंधापन सहित अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हुआ है। मधुमेह और उच्च रक्तचाप भी क्रोनिक किडनी रोग के कारण हैं।
मोटापे की वजह से महिलाओं को गर्भ धारण करने में या गर्भवती होने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इससे गर्भावस्था के दौरान महिला को गंभीर समस्याएं होने का खतरा भी बढ़ सकता है। साथ ही उनके हॉर्मोन में भी उतार-चढ़ाव हो सकता है, जिसकी वजह से इर्रेगुलर पीरियड्स हो सकते हैं।
मोटापा हड्डियों के घनत्व और मांसपेशियों को खराब कर सकता है। इसे ओस्टियो सार्कोपेनिक ओबेसिटी कहा जाता है। ओस्टियो सार्कोपेनिक मोटापा, फ्रैक्चर, शारीरिक विकलांगता, इंसुलिन प्रतिरोध और समग्र स्वास्थ्य के जोखिम का कारण बन सकता है। अतिरिक्त वजन भी जोड़ों पर बहुत अधिक दबाव डाल सकता है, जिससे दर्द और कठोरता महसूस हो सकती है।
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कस्टमाइज़ करेंअगर आपकी त्वचा में वसा की मात्रा अधिक होगी, तो चर्म रोग का खतरा बढ़ सकता है। मोटापे की वजह से आपकी त्वचा पर एक्ने, पिंपल्स और रिंकल्स की समस्या आ सकती है क्योंकि आपकी त्वचा में ऑयल ज्यादा प्रोड्यूस होगा।
इसलिए लेडीज, इन सब समस्याओं से बचने के लिए जरूरी है कि आप अपने वजन को नियंत्रण में रखें। हेल्दी लाइफस्टाइल और हेल्दी डाइट इसमें मददगार हो सकती है। जिसके बारे में हम आपको लगातार अपडेट करते रहते हैं।
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