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जानिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ क्यों दे रहे हैं कोविड रिकवरी के बाद वैक्सीन न लेने का सुझाव

कोविड -19 वैक्सीनेशन: विशेषज्ञों के अनुसार, उन लोगों पर टीकों की प्रभावशीलता का पता लगाने के लिए और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है, जिन्होंने एक बार संक्रमित होने के बाद कोविड -19 संक्रमण के खिलाफ प्राकृतिक सुरक्षा विकसित की है।
विशेषज्ञों का मानना है कि संक्रमित हो चुके लोगों में दस महीने तक एंटीबॉडीज सक्रिय रहती हैं. चित्र : शटरस्टाॅक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 26 Apr 2022, 15:23 pm IST
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नये दिशानिर्देशों के अनुसार जो लोग कोविड पॉजिटिव हुए हैं, उन्हें टीकाकरण के लिए तीन महीने तक इंतजार करना चाहिए, क्योंकि उनके पास प्राकृतिक एंटीबॉडी मौजूद हैं।

हालांकि, सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के एक समूह, जिसमें एम्स के डॉक्टर और कोविड -19 राष्ट्रीय टास्क फोर्स के सदस्य शामिल हैं, ने सुझाव दिया है कि उन लोगों को टीका लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है जिन्हें कोविड -19 संक्रमण हो चुका है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि बड़े पैमाने पर, टीकाकरण करने से कोरोना के नये स्ट्रेन उभर सकते हैं।

भारत के प्रख्यात सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की संयुक्त कार्यबल का गठन अप्रैल 2020 में इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन (IPHA) और इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (IAPSM) द्वारा कोविड-19 की रोकथाम के लिए किया गया था।

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IPHA और IAPSM ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य संस्थानों के लिए सुझाव

IPHA और IAPSM ने कहा है कि ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य संस्थानों को वैक्सीन की आपूर्ति को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने यह भी सिफारिश की है कि बच्चों सहित बड़े पैमाने पर व्यापक टीकाकरण के बजाय कमजोर और जोखिम वाले लोगों को टीकाकरण की प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसके वर्तमान चरण में यही हमारा लक्ष्य होना चाहिए।

रिपोर्ट में कहा गया है, “कोरोनावायरस के खिलाफ वैक्सीन एक मजबूत और शक्तिशाली हथियार है। सभी मजबूत हथियारों की तरह इसे न तो रोका जाना चाहिए और न ही अंधाधुंध इस्तेमाल किया जाना चाहिए, बल्कि लागत प्रभावी तरीके से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए रणनीतिक रूप से नियोजित किया जाना चाहिए।”

क्या कोविड से संक्रमित लोगों को टीकाकरण की आवश्यकता नहीं है?

संक्रमण पर लैंसेट के एक अध्ययन में कहा गया है कि पहले संक्रमण के बाद 10 महीने तक दोबारा संक्रमण का जोखिम कम हो जाता है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया अध्ययन उन लोगों के एंटीबॉडी परीक्षण पर आधारित है जो पहले संक्रमित हैं।

विशेषज्ञ वैक्सीन के संयमित इस्तेमाल की सलाह दे रहे हैं. चित्र : शटरस्टॉक

भारतीय विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार, इस बात के पर्याप्त प्रमाण नहीं हैं कि प्राकृतिक संक्रमण के बाद टीका फायदेमंद है। रिपोर्ट में कहा गया है, “उन लोगों को टीका लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है जिन्हें कोविड -19 संक्रमण हो चुका है।”

इसलिए, हेल्थ एक्सपर्ट्स सुझाव देते हैं कि ”जो लोग कोविड ​​​​-19 संक्रमण से उबर चुके हैं, उन्हें टीकाकरण के लिए प्राथमिकता कम दी जानी चाहिए।”

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