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दिल्ली में हर तीसरा व्यक्ति खांस रहा है, जानिए क्यों इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं सर्दी, जुकाम और संक्रमण के मामले

ज्यादातर मरीजों को सांस फूलने और छाती में दर्द की शिकायत है। आखिर वायरल संक्रमण (Coughing causes and remedies) के ये लक्षण इतनी तेजी से क्यों बढ़ रहे हैं? कहीं इसका संबंध वायु प्रदूषण से तो नहीं!
AQI का नंबर 100 से जितना ज्यादा बढ़ाता है, वायु उतनी ही ज्यादा प्रदूषित होती है, और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है। एयर क्वालिटी देखने के बाद आप यह तो समझ गए होंगे कि वायु कितनी ज्यादा प्रदूषित है। चित्र : अडॉबीस्टॉक
Updated On: 24 Oct 2024, 07:19 pm IST
मेडिकली रिव्यूड

दिल्ली में गिरते तापमान के साथ वायु प्रदूषण भी तेजी से बढ़ रहा है। ऑफिस, स्कूल कॉलेज, मेट्रो यहां तक की सड़कों पर हर तीसरा व्यक्ति खांसता हुआ नजर आ रहा है। खांसी के साथ जुकाम और बंद नाक से लोग परेशान हैं। वहीं अस्पताल में रेस्पिरेटरी संबंधी समस्याओं के मामले भी बढ़ रहे हैं। ज्यादातर मरीजों को सांस फूलने और छाती में दर्द की शिकायत है। आखिर वायरल संक्रमण (Coughing causes and remedies) के ये लक्षण इतनी तेजी से क्यों बढ़ रहे हैं? कहीं इसका संबंध वायु प्रदूषण से तो नहीं!

इस विषय को अधिक गंभीरता से समझने के लिए हेल्थ शॉट्स ने मैक्स हॉस्पिटल गुड़गांव के सीनियर डायरेक्टर और एचओडी – इंटरनल मेडिसिन और मेडिकल डायरेक्टर डॉ राजीव डांग से बात की। तो चलिए जानते हैं, बढ़ते वायरल संक्रमण के कारण, साथ ही जानेंगे बचाव के कुछ जरूरी उपाय (Coughing causes and remedies)।

जानें दिल्ली में क्यों बढ़ रहे हैं सर्दी-खांसी जैसे संक्रमण (causes of coughing, cold and flu)

1. बढ़ता एयर पॉल्यूशन

इस समय दिल्ली में वायु प्रदूषण 185 (AQI) बताया जा रहा है। एक सामान्य AQI वैल्यू 100 के अंदर होनी चाहिए। AQI का नंबर 100 से जितना ज्यादा बढ़ाता है, वायु उतनी ही ज्यादा प्रदूषित होती है, और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है। एयर क्वालिटी देखने के बाद आप यह तो समझ गए होंगे कि वायु कितनी ज्यादा प्रदूषित है।

सर्दी खांसी और फ्लू के बढ़ते लक्षण का यह एक सबसे बड़ा कारण है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

हवा में मौजूद डस्ट पार्टिकल्स, केमिकल्स, स्मोक और अन्य प्रदूषक सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं और बॉडी में टॉक्सिंस बनाते हैं। साथ ही साथ यह बॉडी के अंदर प्रवेश कर शरीर को इरिटेट और इनफेक्टेड कर देते हैं। सर्दी खांसी और फ्लू के बढ़ते लक्षण का यह एक सबसे बड़ा कारण है।

2. गिरता तापमान

दिल्ली में तापमान गिरना शुरू हो गया है। बदलते मौसम में तापमान के गिरने से हवाएं शुष्क हो जाती हैं और वातावरण में ह्यूमिडिटी की कमी आ जाती है। जिसकी वजह से कोल्ड वायरस लोगों को आसानी से संक्रमित कर सकता है। सर्दी खांसी जुकाम के लिए बदलता मौसम जिम्मेदार हो सकता है।

3. बढ़ता वायरस का आक्रमण

दिल्ली एनसीआर में इनफ्लुएंजा, स्वाइन फ्लू, डेंगू, हैजा के मामले बढ़ रहे हैं। यह सभी समस्याएं एक प्रकार की वायरल इंफेक्शन हैं, जिनके लक्षण बिल्कुल सामान्य फ्लू जैसे हो सकते हैं। यह सभी संक्रामक वायरस लोगों को कई रूपों में संक्रमित कर सकते हैं।

ये कुछ अन्य फैक्टर्स भी बन सकते हैं फ्लू का कारण (Common causes of flu)

भारत में पापुलेशन डेंसिटी अधिक होने की वजह से पब्लिक प्लेस पर सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करना बहुत मुश्किल है। जिसकी वजह से एक दूसरे में संक्रमण आसानी से ट्रांसफर हो सकता है। इसके अलावा हाइजीन के प्रति सचेत न रहना भी संक्रमण का एक सामान्य कारण है।

प्रेगनेंट महिलाओं में बदलते मौसम और बढ़ते प्रदूषण की स्थिति में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

भारत में जागरूकता की कमी है, और लोग रूल्स को पूरी तरह से फॉलो नहीं करते हैं, जैसे कि मास्क पहनना। मास्क न पहनने से शरीर में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

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भारत में वैक्सीनेशन रेट भी कम है। बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्होंने इनफ्लुएंजा वैक्सीन नहीं लगवाई होगी, वैक्सीनेशन के प्रति लापरवाही बरतना भी आपको संक्रमण का शिकार बना सकता है।

लाइफस्टाइल डिसऑर्डर जैसे कि मोटापा डायबिटीज ऑटोइम्यून डिजीज आदि से ग्रसित लोगों में संक्रमण का अधिक खतरा होता है। जैसे ही पॉल्यूशन बढ़ता है इन समस्याओं से पीड़ित लोग जल्दी संक्रमित होते हैं।

प्रेगनेंट महिलाओं में बदलते मौसम और बढ़ते प्रदूषण की स्थिति में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

जो लोग स्मोकिंग करते हैं, उनके अंदर अधिक टॉक्सिंस जाता है, जिसकी वजह से वायरल इंफेक्शन उन्हें जल्दी प्रभावित कर सकता है।

जानें बचाव के लिए क्या किया जा सकता है (Preventive measures to avoid cough and cold in increasing pollution)

1. बाहर खुले वातावरण से वापस लौटने के बाद अपनी त्वचा को अच्छी तरह से क्लीन कर लें। कई बार प्रदूषण और वायरस त्वचा पर चिपके रह जाते हैं, जिसकी वजह से भी आप संक्रमित हो सकती हैं।
2. डस्ट से जितना हो सके बचने का प्रयास करें। कहीं बाहर कार से ट्रेवल कर रही हैं, तो कार की खिड़की बंद रखें। कंस्ट्रक्शन एरिया में जाने से बचें। जितना हो सके उतना कम प्रदूषित रास्तों का प्रयोग करें।

दिल्ली एनसीआर में इनफ्लुएंजा, स्वाइन फ्लू, डेंगू, हैजा के मामले बढ़ रहे हैं। चित्र : अडॉबीस्टॉक

3. कहीं भी बाहर जाने से पहले मास्क लगाना बहुत जरूरी है, यह हवा को फिल्टर करता है। इसके अलावा डस्ट पार्टिकल्स को सांस के मध्य में शरीर में प्रवेश करने से रोकता है।
4. घर की डस्टिंग और साफ-सफाई के लिए वैक्यूम क्लीनर का इस्तेमाल करें। कपड़ों से डस्ट साफ करने से उनके पार्टिकल्स आपके कमरों में भर जाते हैं और सांस के माध्यम से आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
5. टेंपरेचर गिरने से निमोनिया और इन्फ्लूएंजा के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, इसलिए सभी को इनके वैक्सीन लगवा लेने चाहिए। विशेष रूप से डायबीटिक पेशेंट, स्मोकर्स और लो इम्यूनिटी से पीड़ित लोगों के लिए वैक्सीनेशन जरूरी है।
6. यदि मुमकिन हो तो अपने घर में एक एयर प्यूरीफायर जरूर रखें। ताकि बाहरी प्रदूषित वातावरण से घर लौटने के बाद आपको स्वस्थ हवा प्राप्त हो सके।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं।

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