कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) और कोरोना वैक्सीन बूस्टर डोज (Corona Booster Dose) लगाने के बावजूद कोरोना वायरस (coronavirus) का भय समाप्त नहीं हुआ है। हर थोड़े अंतराल पर कोरोना के नये वैरिएंट (new variant of corona) के आने की सूचना विश्व के किसी न किसी कोने से मिलती ही रहती है। साउदी अरब में कोरोनोवायरस के घातक वैरिएंट के संपर्क में आने से इस साल की शुरुआत में दो लोगों की मृत्यु हो गई। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है। जानते हैं इस नये वैरिएंट के बारे में वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO about MERS) क्या कहता है?
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस के कारण अब तक वैश्विक स्तर पर 1 करोड़ 49 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह चेतावनी दी है कि मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोना वायरस (MERS) कोरोना का नया वैरिएंट है। यह अत्यधिक घातक प्रकार का कोरोना वायरस है, जिससे संक्रमित होने के बाद 3 में से दो लोगों की मौत हो गई। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, 42 और 85 वर्ष की उम्र के दो पुरुषों की क्रमशः नवंबर 2022 और जनवरी 2023 में सऊदी अरब में मृत्यु हो गयी। इन दोनों के अलावा, 3 और लोगों में बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ लक्षण देखे गए, लेकिन इन लोगों को बचा लिया गया।
यह वायरस ज़ूनोटिक है। इसका मतलब है कि संक्रमण जानवरों से फैला है। इससे संक्रमित लगभग 35 प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती है। यह घातक वायरस आमतौर पर ड्रोमेडरी ऊंट (Camel) जैसे संक्रमित जानवरों से फैलता है। संक्रमित हुए लोगों ने 14 दिन पहले ऊंटनी के कच्चे दूध का सेवन किया था।
मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोना वायरस की पहचान पहली बार 2012 में जॉर्डन में हुई थी। तब से इससे 2605 संक्रमण और 936 मौतें हुई हैं। अधिकांश मामले अरब प्रायद्वीप में दर्ज किए गए हैं, कुछ ब्रिटेन सहित अन्य जगहों पर पाए गए हैं। ज़ूनोटिक रोग कोरोनोवायरस परिवार का हिस्सा है, जो सामान्य सर्दी से लेकर गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम (एसएआरएस) तक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। मर्स कोविड 19 की तुलना में कम संक्रामक है।
ऊंटों या संक्रमित ऊंटों को छूने से यह फ़ैल सकता है। उनके शरीर के तरल पदार्थ (दूध, मल, मूत्र, पेशाब, लार, थूक आदि से संक्रमण फ़ैल सकता है । इसके आसपास रहने से किसी व्यक्ति के मर्स- से संक्रमित होने की संभावना बढ़ सकती है।
इसके ज्यादातर लक्षण कोरोना वायरस के लक्षण से मिलते हैं। एमईआरएस के सामान्य लक्षणों में बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं। कुछ लोगों को दस्त, मतली और उल्टी भी हो सकती है। जब कोई व्यक्ति मर्स-कोव के संपर्क में आता है, तो इसके लक्षण प्रकट होने लगते हैं। 2 से 14 दिन यह रह सकता है। जीनोम मेटा विश्लेषण से पता चला है कि सार्स-कोव 2 बीटाकोरोनावायरस जीनस से संबंधित है, जिसमें बैट सार्स जैसे कोरोनावायरस, सार्स-कोव और मेर्स-कोव शामिल हैं। सार्स-कोव 2 में एक जीनोमिक संरचना होती है, जो अन्य बीटाकोरोनावायरस से अलग होती है।
वर्तमान में, कई वैक्सीन ऊंटों में मर्स-कोव संक्रमण के खिलाफ प्रभाव दिखा रहे हैं। कुछ का क्लिनिकल टेस्ट किया गया है। लेकिन किसी भी वैक्सीन को पूरी तरह कारगर नहीं माना जा रहा है।
डब्ल्यूएचओ मध्य पूर्व जाने वाले सभी यात्रियों को नियमित रूप से अपने हाथ साबुन और पानी से धोने की सलाह देता है। खासकर खेतों, खलिहानों या बाजार क्षेत्रों में जाने के बाद और अच्छी तरह हाथों को सैनिटेट करना चाहिए।
यात्रियों को ऊंटनी का कच्चा दूध, ऊंटनी का मूत्र पीने या बिना अच्छी तरह पकाया गया मांस खाने से भी बचना चाहिए।
यह भी पढ़ें :- World Sepsis Day : दुनिया भर में एक करोड़ लोगों की जान ले लेता है सेप्सिस, एक्सपर्ट बता रहे हैं इससे बचने के उपाय