बीमारियों से दूर रहने के साथ-साथ शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषण मिले, यह भी जरूरी है। इसके लिए पोषक तत्वों से भरपूर और संतुलित आहार लेना जरूरी है। यदि आप नॉनवेज की शौकीन हैं, तो आपको कभी-कभी सी फूड भी ट्राय करना चाहिए। सी फूड (Sea food benefits) न केवल बेहतरीन डाइट है, बल्कि कई तरह की बीमारियों के उपचार की दवाइयों में भी इसका प्रयोग किया जाता है। यही वजह है कि विशेषज्ञ हृदय स्वास्थ्य के लिए आहार में सी फूड (Sea food for heart health) शामिल करने की सलाह देते हैं।
मिनरल्स और विटामिन से भरपूर सी फूड हमारी आंखों और पाचन तंत्र के लिए स्वास्थ्यकर माना जाता है। इनमें ओमेगा फैटी 3 एसिड भी पाया जाता है। यह जमी हुई वसा नहीं होती है। इसलिए कई शोध बताते हैं कि सी फूड हमारे दिल के लिए भी फायदेमंद होता है। यदि हम सप्ताह में 2 दिन भी संतुलित मात्रा में सी फूड का सेवन करते हैं, तो अपने दिल को स्वस्थ रख सकते हैं।
केरल, गोवा, पश्चिम बंगाल को सीफूड के लिए सबसे बेहतर स्थान माना जाता है। हालांकि कैन्ड सी फूड के रूप में अब देश भर में यह उपलब्ध है। भारत में फिश, क्रैब और प्रॉन्स सबसे पसंदीदा सी फूड है।
एनकोवी, अटलांटिक मैकरेल, ट्राउट, कैट फिश, क्लेम, क्रॉफिश, लोब्सटर, ओयस्टर, पोलॉक, साल्मन, सार्डिन, किपरेड हेरिंग, स्कैलॉप, श्रिम्प, टूना, टिलापिया आद भी उपयोगी सी फूड हैं।
इंडियन जर्नल ऑफ एंडोक्रोनोलॉजी ऐंड मेटाबॉलिज्म द्वारा वर्ष 2013 में कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ पर सी फूड के पड़ने वाले प्रभाव पर स्टडी की गई। सौमिया पीटर, संदीप चोपड़ा और जुबीन जे जैकब की टीम ने यह निष्कर्ष निकाला कि यदि संतुलित मात्रा में फिश या फिश ऑयल का सेवन किया जाए, तो कार्डियोवैस्कुलर डिजीज खासकर हार्ट फेल्योर के जोखिम से बचा जा सकता है।
फिश में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड ब्लोकेज बनने से बचाव कर सकता है।
पबमेड सेंट्रल की स्टडी यह चेतावनी भी देती है कि कुछ मछलियों में मौजूद मिथाइल मरकरी हार्ट हेल्थ के लिए नुकसानदायक होती है। यह ओमेगा 3 फैटी एसिड के फायदों को खत्म कर सकती है। इसलिए स्टडी में इस बात का जोर दिया गया है कि फार्म में पोषित समुद्री मछलियां सैल्मन, टूना, सार्डिन, किपरेड हेरिंग मछलियों में मरकरी नहीं पाया जाता है।
इनमें ओमेगा 3 फैटी एसिड की मौजूदगी के कारण ये समुद्रों में पली-बढ़ी मछलियों की अपेक्षा अधिक स्वास्थ्यकर होती हैं। स्टडी यह भी बताती है कि फिश में पारे की मौजूदगी होती है, लेकिन फिश ऑयल में यह नहीं होता।
हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ स्टडी के अनुसार, ओमेगा 3 फैटी एसिड एंटी हाइपरटेंसिव, एंटी थ्रॉम्बॉटिक, एंटी इन्फ्लामेटरी भी होता है। यह ट्राइग्लिसराइड लेवल को भी घटाता है। यह बैड कॉलेस्ट्रॉल को कम कर गुड कॉलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। इन्हीं गुणों के कारण हृदय रोगियों को सी फूड खाने की सलाह दी जाती है।
कई प्रकार के सी फूड में कम मात्रा में ओमेगा -3 फैटी एसिड होता है। लेकिन सबसे अधिक ओमेगा 3 फैटी एसिड वसायुक्त मछलियों में पाया जाता है। ओमेगा 3 से भरपूर मछली के अच्छे विकल्पों में से एक है सैल्मन।
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कस्टमाइज़ करेंयह मछली प्रोटीन का एक बड़ा स्रोत है और यह हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद ओमेगा -3 फैटी एसिड से भी भरी होती है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन इन लाभों की वजह से सप्ताह में दो बार सैल्मन और अन्य ओमेगा 3 से भरपूर खाद्य पदार्थ, फिश ऑयल सप्लीमेंट चिकित्सकीय रणनीति के तहत खाने की सलाह देता है।
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