अनलॉक 2.0 इस लिहाज से ज्यादा संवेदनशील है कि लोग अब पहले से ज्यादा लापरवाह हो गए हैं। उसके साथ ही माहौल में बढ़ती आर्द्रता कोरोनावायरस के साथ-साथ कई अन्य मौसमी संक्रमणों को भी जन्म दे रही है। डराने वाली इन खबरों के बीच ही एक राहत देनी वाली खबर भी है। साइलेंट इम्यूनिटी की यह खबर एक शोध के बाद सामने आई है।
शोध में सामने आया है कि कुछ लोगों को उनकी साइलेंट इम्यूनिटी ने इस खतरनाक वायरस से बचाया। इस शोध के वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोनावायरस से संक्रतिम व्यक्ति के साथ रहने वाले लोगों में साइलेंट इम्यूनिटी डेवलप हो जाती है, जो इन लोगों को इस महामारी से बचा सकती है। देश में अब तक 7,93,802 लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हो चुके हैं। जबकि उनमें से 21,604 लोगों की इस खतरनाक बीमारी के कारण मौत हो चुकी है।
इस बारे में फ्रांस के वैज्ञानिकों ने लंबा अध्ययन किया और उसके बाद यह दावा किया है कि यदि आपके परिवार का कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव हो जाता है, तो उसी घर में रहने वाले अन्य तीन चौथाई सदस्यों के शरीर में साइलेंट इम्यूनिटी विकसित हो जाती है। इस साइलेंट इम्यूनिटी का फायदा यह होता है कि अगर वे संक्रमण की चपेट में आते भी हैं, तो यह साइलेंट इम्यूनिटी उनकी रक्षा करती है।
अभी तक हर्ड इम्यूनिटी (Herd immunity) की चर्चा हो रही थी। पर इसे बड़े सामुदायिक स्तर पर देखने की बात की जा रही थी। अब यही बात पारीवारिक स्तर पर साइलेंट इम्यूनिटी के बारे में कही जा रही है। हालांकि विशेषज्ञ इसे बहुत सुरक्षित तरीका नहीं मानते।
फ्रांस के स्ट्रासबर्ग यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने इसे ‘साइलेंट इम्यूनिटी’ नाम दिया है। ब्लड की एंटीबॉडी जांच में यह पता नहीं चल पाया कि उनके शरीर में इम्यूनिटी विकसित हो चुकी है। वैज्ञानिक मानते हैं कि एंटीबॉडी के विकसित होने पर आप इस बीमारी से बच सकते हैं।
इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने कोरोना से संक्रमित एक परिवार के आठ लोगों में विशेष तरह की एंटीबॉडी का पता लगाया। परिवार के आठ में से छह सदस्यों यानी एक चौथाई सदस्यों का एंटीबॉडी टेस्ट नेेगेटिव निकला, जिससे वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया कि ये संक्रमित नहीं हुए थे।
लेकिन उनके बोन मैरो में टी-कोशिकाओं की जांच करने पर पाया कि उनमें कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी मौजूद हैं। इसका मतलब है कि उनके शरीर में साइलेंट इम्यूनिटी विकसित हो चुकी थी।
वैज्ञानिकों की मानें तो दुनिया भर के 10 फीसदी लोगों में साइलेंट इम्यूनिटी विकसित हो चुकी है। इन लोगों में कोरोना वायरस के हल्के लक्षण नजर आते हैं और वे ठीक हो जाते हैं। अब तक हुए शोध भी यही बता रहे हैं कि कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या उपलब्ध आंकड़ों से कही ज्यादा है।
तो ऐसे में यह जरूरी है कि आप अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें। साइलेंट इम्यूनिटी डेवलप होने का यह मतलब नहीं है कि आप अपनी सुरक्षा के प्रति लापरवाह हो जाएं।
यदि परिवार में कोई कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है, तो आपको उनकी सेहत के साथ-साथ अपनी सुरक्षा का भी ख्याल रखना है। इसके लिए मास्क, ग्लव्स, पर्सनल हाइजीन और शारीरिक दूरी का उसी तरह पालन करना है, जैसे अब तक करते आए हैं।
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