scorecardresearch

जापान में फैल रहा है 48 घंटे में जान ले लेने वाला बैक्टीरिया, डायबिटीज और कमजोर इम्युनिटी वालों को है ज्यादा खतरा

जापान में एक दुर्लभ लेकिन खतरनाक जीवाणु संक्रमण रिकॉर्ड दर से फैल रहा है। जिसमें त्वचा संक्रमण जैसे मामूली लक्षण के साथ ऑर्गन फेलियर जैसे गंभीर लक्षण भी हो सकते हैं।
Published On: 17 Jun 2024, 02:04 pm IST
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
इस बैक्टीरिया के बारे में हंगकॉग से ये जानकारी मिल रही है कि ये एक दुर्लभ मांस खाने वाला बैक्टीरिया है। चित्र- अडोबी स्टॉक

कोरोना वायरस से अभी लोगों को छुटकारा मिला ही था कि एक और बैक्टीरियल इंफेक्शन तेजी से अपने पैर पसारने लगा है। जी हां जापान में एक दुर्लभ बैक्टीरिया तेजी से फैल रहा है जिससे संक्रमित होने के कारण कई लोगों की जान जा चुकी है। इस बैक्टीरिया के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है। अधिकारी इस बैक्टिरिया के बारे में जानने के लिए संघर्ष कर रहें है और इसका पता लगाने की कोशिश कर रहें है।

इस बैक्टीरिया के बारे में हंगकॉग से ये जानकारी मिल रही है कि ये एक दुर्लभ मांस खाने वाला बैक्टीरिया है जो संक्रमित व्यक्ति को 48 घंटों में मार सकता है, ये बैक्टीरिया जापान में तेज़ी से फैल रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, देश में कुल संक्रमितो के 977 मामले हैं, जो पिछले सप्ताह तेजी से बढ़े हैं। इस बैक्टीरिया संक्रमण का नाम स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (streptococcal toxic shock syndrome) यानी एसटीएसएस (STSS) बताया गया है। ये बैक्टीरिया किसी भी मनुष्य के संपर्क में आकर उसे संक्रमित करके गंभीर रूप से बीमार कर सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं मात्र दो दिन अर्थात 48 घंटे के अंदर किसी व्यक्ति की जान भी ले सकता है।

हांगकांग वासियों से व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने और चोटों की सही से केयर करने का निवेदन किया है। चित्र- अडोबी स्टॉक

बताया जा रहा है कि ये बैक्टीरिया मांस खाता है अगर कोई व्यक्ति इससे संक्रमित हो जाए तो ये ऊतक को नष्ट और तेजी से शरीर के अंगो को फेल कर सकता है। इस ‘मांस खाने वाले बैक्टीरिया’ का तेजी से फैलना जापान और दुनिया भर में डॉक्टरों के लिए चिंता का कारण बना हुआ है।

क्या है यह घातक फ्लश ईटिंग बैक्टीरिया

संक्रामक रोग विशेषज्ञों ने जापान की यात्रा करने वाले हांगकांग वासियों से व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने और चोटों की सही से केयर करने का निवेदन किया है।

जापान के राष्ट्रीय संक्रामक रोग संस्थान ने मंगलवार को कहा कि इस साल अब तक स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम के 977 मामले सामने आए हैं। यह आंकड़ा पूरे 2023 में दर्ज किए गए 941 मामलों को पार कर गया, जो रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से एक साल में दर्ज किए गए मामलों की सबसे अधिक संख्या थी।

जानिए एसटीएसएस के लक्षण

“मांस खाने वाले” बैक्टीरिया (flesh eating bacteria) स्ट्रेप्टोकोकस पाइोजेन्स, या ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकस के संक्रमण से गले में खराश और इम्पेटिगो (impetigo skin infection) जैसे त्वचा संक्रमण सहित हल्की और सामान्य बीमारियां हो सकती हैं।

दुर्लभ मामलों में, बैक्टीरिया अधिक गंभीर और यहाँ तक कि जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकता है। स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम के मामलों में, कम समय में गंभीर लक्षण विकसित हो सकते हैं। इनमें ब्लड प्रेशर का कम होना, सामान्य से अधिक तेज़ हृदय गति, तेज़ सांस लेना और बॉडी ऑर्गन का फेल होना शामिल है।

Pollपोल
प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

हांगकांग सोसाइटी फॉर इन्फेक्शियस डिजीज़ के उपाध्यक्ष डॉ. विल्सन लैम ने शुक्रवार को कहा कि बैक्टीरिया आम हैं, हालांकि उन्होंने कहा कि एक नया स्ट्रेन, M1UK, जो ब्रिटेन में उत्पन्न हुआ और धीरे-धीरे जापान सहित एशिया में फैल रहा है।

क्या वाकई बरसात के मौसम में कोरोनावायरस का जोखिम बढ़ने वाला है? चित्र: शटरस्टॉक
नमक वाले पानी और सार्वजनिक स्नान से बचना चाहिए। चित्र: शटरस्टॉक

क्या है इस बैक्टीरिया से बचने के उपाय

जापान में हेल्थ एडवाइजरी जारी करके लोगों से जापान में रहते हुए पर्सनल हाइजीन, जिसमें हाथ धोना और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना, साथ ही संक्रमण से खुद को बेहतर तरीके से बचाने के लिए घावों की उचित देखभाल करना शामिल है।

उन्होंने कहा कि इन्फ्लूएंजा और कोविड-19 जैसे ऊपरी श्वसन पथ के संक्रमणों के खिलाफ टीके भी वायरल बीमारियों को रोकने और स्ट्रेप्टोकोकस पाइोजेन्स के संक्रमण से होने वाली बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।

इस बैक्टीरिया से सबसे ज्यादा जोखिम डायबिटीज वाले लोग जैसे गंभीर रूप से बीमार रोगी और विशेष रूप से वे लोग शामिल हैं जिन्हें एथलीट फुट और सोरायसिस जैसी त्वचा संबंधी बीमारियां हैं।

नमक वाले पानी और सार्वजनिक स्नान से बचना चाहिए, बुजुर्गों और छोटे बच्चों के साथ-साथ मधुमेह जैसी पुरानी बीमारियों वाले लोगों या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को संक्रमण का अधिक खतरा हो सकता है।

ये भी पढ़े- Side effects of leftover foods : कितनी भी बिज़ी हों, इन समस्याओं से बचना है, तो हरगिज न खाएं बासी खाना

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
संध्या सिंह
संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं।

अगला लेख