मधुमेह वाले लोगों में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने का एक नया और दिलचस्प तरीका प्रतीत होता है। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि जिस क्रम में विभिन्न प्रकार के भोजन का सेवन किया जाता है, वह भोजन के बाद के ग्लूकोज और मोटापे में इंसुलिन के स्तर पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है।
संतुलित आहार लोगों के समग्र स्वास्थ्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मधुमेह रोगी अक्सर अपने रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए सही भोजन विकल्प चुनने में संघर्ष करते हैं।
न्यूट्रिशनिस्ट पूजा महिजा ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट पर खाने के क्रम को लेकर एक अध्ययन का जिक्र किया है। न्यू यॉर्क सिटी में वेइल कॉर्नेल मेडिकल कॉलेज के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक नए अध्ययन के हवाले से भोजन का क्रम आपके शुगर स्पाइक्स को प्रभावित करता है।
मखीजा ने अध्ययन का हवाला देते हुए कहा, “जब सब्जियों और प्रोटीन को कार्बोहाइड्रेट से पहले खाया गया था, तो शोधकर्ताओं ने पाया कि 30, 60 और 120 मिनट की जांच में ग्लूकोज का स्तर 29%, 37% और 17% कम था। इसके विपरित जब पहले कार्बोहाइड्रेट का सेवन किया गया था। इसके अलावा, जब प्रतिभागियों ने पहले सब्जियां और प्रोटीन खाया तो इंसुलिन काफी कम पाया गया”
मखीजा कहती हैं, “जिस क्रम में आप इन खाद्य पदार्थों को खाते हैं या जिस तरह से आप उनका सेवन करते हैं, वास्तव में आपकी उम्र बढ़ने, आपके शरीर के वजन के साथ-साथ आपके हार्मोन पर भी फर्क पड़ सकता है। तो, यहां सिद्धांत यह है कि यदि आप अपने कार्ब्स खाने से पहले अपनी सब्जियां और प्रोटीन खाते हैं, तो इंसुलिन के साथ-साथ ग्लूकोज स्पाइक्स में 30-40% की कमी होती है।”
वह कहती हैं कि मुख्य रूप से यह होता है कि आप थोड़ी देर के लिए कार्ब्स के सेवन को रोकते हैं। फिर फाइबर का उपयोग करके गैस्ट्रिक नलीको खाली करने की प्रक्रिया को धीमा करने के लिए इंसुलिन और ग्लूकोज का इस्तेमाल करते हैं। यह उनके स्तर को संतुलित कर देता है। इसलिए चीनी के स्पाइक्स कम हो जाते हैं।
पोषण विशेषज्ञ का कहना है कि इस तरह से खाने से हमें संतुलित हार्मोन, बेहतर प्रजनन क्षमता, कम लालसा, बेहतर त्वचा, सूजन में कमी, धीमी एजिंग प्रक्रिया के जोखिम को कम करने जैसे लाभ मिल सकते हैं।
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