खुद को रिलैक्स रखने के लिए लोग बॉडी स्पा समेत कई तरह के उपायों का सहारा लेते है। मौसम में आई तब्दीली के चलते इन दिनों हॉट स्टोन मसाज (Hot stone massage) लोगों की पहली पंसद बनी हुई है। इस पांरपरिक मसाज के ज़रिए शरीर के चक्रों को शांत कर मसल्स को तनाव मुक्त रखने का प्रयास किया जाता है। आइए जानते हैं, इसका महत्व, लाभ और इसे करने का तरीका।
स्टोन मसाज में 36 पत्थरों का इस्तेमाल किया जाता है। शरीर के वो अंग, जो दर्द से परेशान है, उसी जगह पर स्टोन को प्लेस किया जाता है। 15 मिनट तक स्टोन रखने के बाद उसे वहां से हटा दिया जाता है। पीठ, लोअर बैक, गर्दन, पेट, कमर, हाथ, पांव और कंधों पर भी रखा जाता है। इन पत्थरों को शरीर पर टिकाने के साथ साथ सर्कुलर मोशन में घुमाया जाता है। इससे स्टोन की एनर्जी बॉडी में जाती है। इसके अवाला पत्थरों को नीचे से उपर की ओर लग जाया जाता है। हॉट स्टोन के अलावा सूजन में कोल्ड स्टोन्स प्रयोग में लाए जाते है।
इससे शरीर के अंगों में होने वाले दर्द से राहत मिल जाती है। आमतौर पर लगातार बैठने से कमर, पीठ और गर्दन के दर्द के लिए स्टोन मसाज का सहारा लिया जाता है। इसके लिए नुकीले पत्थरों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। प्रयोग में लाने से पहले पत्थरों को बैक्टिरिया मुक्त करने के बाद उसे स्टोन मसाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
रिसर्च गेट के मुताबिक मसाज के लिए इस्तेमाल होने वाले ये वॉल्कैनिक रॉक धरती पर लावा के ठंडे होने के बाद बनने वाली चट्टानें हैं। हॉट स्टोन मसाज एक तरह की हीट थेरेपी है। इस थेरेपी का इस्तेमाल मांसपेशियों को तनावमुक्त करने के लिए किया जाता है। मालिश के दौरान इस्तेमाल होने वाले चिकने और गर्म पत्थरों को शरीर के विभिन्न भागों पर रखा जाता है। पत्थर आमतौर पर बेसाल्ट से बने होते हैं। इन स्टोन्स को 60.75 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर हीटअप किया जा सकता है।
इस मसाज की मदद से आप बिना गोलियां खाए रात को भरपूर नींद ले सकती है। इससे शरीर के अंगों को आराम का अनुभव होने लगता है और आंखे भारी होने लगती है। दरअसल, शरीर में समाज के बाद मिलने वाला आराम नींद आने का महत्वपूर्ण कारण साबित होता है।
एक रिसर्च की मानें, तो 10 मिनट की हॉ स्टोन मसाज आपके दिलों दिमाग पर गहरा प्रभाव डालती है। इससे आप चिंता मुक्त होने लगते हैं। दरअसल, इससे शरीर में ब्लड फ्लो नियमित होने लगता है, जिसके चलते दर्द और टेंशन दूर होने लगते हैं।
हॉट स्टोन मसाज से मांसपेशियों में आने वाला खिंचाव दूर होने लगता है। साथ ही बॉडी फलैक्सिबल बनने लगती है। वहीं दूसरी ओर कोल्ड मसाज स्वैलिंग को दूर काने का काम करती है। शारीरिक परेशानी के मुताबिक शरीर में गर्म और ठंडे पत्थरों का प्रयोग किया जाता है।
स्टोन मसाज को और कारगर बनाने के लिए अलग अलग प्रकार के एसेंशियल ऑयल्स का इस्तेमाल कर सकते है। इससे तन और मन में ताज़गी का अनुभव होने लगता है। पत्थरों से होने वाली एनर्जी का संचार शरीर में पहुंचने लगता है। इससे बॉडी एक्टिव महसूस करने लगती है। इसके अलावा शरीर को सुकून मिल जाता है। 15 मिनट से लेकर 30 मिनट तक की जाने वाली इस मसाज के लिए लवेंडर, जोजोबा, एलमंड, ऑलिव और कोकोनट ऑयल का प्रयोग किया जाता है।
अगर आप हृदय रोग से ग्रस्त हैं, तो स्टोन मसाज से बचकर रहें।
स्किन संबधी एलर्जी, सन बर्न या एक्जिमा से पीडित है, तो स्टोन मसाज आपके लिए हानिकारक साबित हो सकती है।
प्रेग्नेंट महिलाएं और स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को इस मसाज से दूर रहना चाहिए।
अगर आप हाल ही में किसी सर्जरी से होकर गुज़रे हैं, तो डॉक्टरी सलाह के बाद ही मसाज लें।
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