मल्टीपल स्केलेरोसिस (Multiple Sclerosis) एक गंभीर बीमारी है, जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है। ये समस्या एक प्रकार की ऑटोइम्यून डिजीज (Autoimmune disease) है, जो तब उत्पन्न होती है जब आपका इम्यून सिस्टम आपके शरीर पर हमला कर देता है। जागरुकता के अभाव में ज्यादातर लोग इसे पहचान नहीं पाते और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के शिकार हो जाते हैं। मल्टीपल स्केलेरोसिस डे (Multiple Sclerosis Day 30 May) पर आइए जानते हैं इस ऑटोइम्यून डिजीज के लक्षण, कारण और बचाव (Multiple Sclerosis symptoms, causes and treatment) के उपाय।
माल्टीपल स्केलेरोसिस में नजर आने वाले लक्षण अप्रत्याशित होते हैं। जो कुछ लोगों में लंबे समय तक बने रह सकते हैं। जबकि कुछ लोगों में ये लक्षण नजर आने के तुरंत बाद ही खत्म हो जाते हैं।
इसे इसलिए अधिक गंभीर माना जाता है, क्योंकि इसमें व्यक्ति की चलने, बोलने यहां तक कि देखने की क्षमता भी कमजोर हो जाती है। व्यक्ति किसी भी कार्य को स्पष्ट रूप से नहीं कर पाता। इस बीमारी के खतरे को कम करने और इसके इलाज के प्रति जागरूकता को बढ़ाने के लिए हर साल 30 मई को मल्टीपल स्केलेरोसिस डे या विश्व एमएस दिवस मनाया जाता है।
आज इसी बात को ध्यान में रखते हुए हेल्थ शॉट्स ने मेट्रो ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल की सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट और कंसल्टेंट डॉ. सोनिया लाल गुप्ता से बात की।
विश्व एमएस दिवस की शुरुआत 2009 में मल्टीपल स्केलेरोसिस इंटरनेशनल फेडरेशन (MSIF) और इसके वैश्विक सदस्यों द्वारा की गई थी, जिसमें नेशनल एमएस सोसाइटी भी शामिल है। यह जागरूकता बढ़ाने और हमें एमएस से मुक्त दुनिया के करीब ले जाने की एक वैश्विक कोशिश है। विश्व एमएस दिवस 2024-2025 का विषय डायग्नोसिस है।
अभियान का नाम ‘माई मल्टीपल स्केलेरोसिस डायग्नोसिस’ और स्लोगन ‘नेविगेटिंग मल्टीपल स्केलेरोसिस टुगेदर’ निश्चित किया गया है। ताकि इसके निदान के बारे में जागरुकता बढ़ाकर उपचार के प्रयास किए जा सकें।
माई एमएस डायग्नोसिस कैंपेन एमएस से पीड़ित हर व्यक्ति के लिए शीघ्र और सटीक निदान की ओर एक पहल है। यह एमएस के निदान में ग्लोबल बैरियर्स के प्रति ध्यान दें, वास्तविक कहानियों और डेटा को साझा करके जागरूकता बढ़ाता है। इसके तहत सभी मेडिकल एडवाइज़र्स तक मल्टीपल स्केलेरोसिस के निदान के लिए एक बेहतर एमएस प्रशिक्षण, नए शोध लाये जा रहे हैं। हम मिलकर ऐसे सूचित, केयरिंग कम्युनिटी और सिस्टम बना रहे हैं, जो एमएस से पीड़ित लोगों का समर्थन करते हैं।
जब किसी व्यक्ति का सेंट्रल नर्वस सिस्टम दीर्घकालिक ऑटोइम्यून डिजीज से प्रभावित होता है, तो उसे मल्टीपल स्केलेरोसिस (MS) के रूप में जाना जाता है। नर्व फाइबर्स के प्रोटेक्टिव कवर को माइलिन कहते हैं, जो आवरण (sheath) को नुकसान पहुंचाता है। इसके परिणामस्वरूप सूजन बढ़ जाती है। साथ ही मस्तिष्क और शरीर के बीच संचार भी बाधित हो जाता है।
हालांकि, मल्टीपल स्केलेरोसिस (MS) का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन इसके लिए इम्युनोलॉजिकल, पर्यावरणीय और जेनेटिक वेरिएबल की भूमिका जिम्मेदार मानी जा रही है। ऐसा माना जाता है कि संक्रमण, धूम्रपान, विटामिन डी की कमी, हेरेडिटी और स्पेसिफिक इन्फ्लेमेटरी रिएक्शन सहित कई कारक मल्टीपल स्केलेरोसिस (MS) का कारण बन सकते हैं।
मल्टीपल स्केलेरोसिस (MS) में कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं, जिनकी तीव्रता अलग-अलग होती है और समय के साथ इनके बदलने की संभावना होती है।
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कस्टमाइज़ करेंथकान
मांसपेशियों में कमजोरी
शारीरिक अंगों में सुन्नता या झुनझुनी महसूस होना
असंतुलन या चलने में परेशानी
दोहरी या धुंधली दृष्टि
बोलने में परेशानी होना
संज्ञानात्मक हानि (cognitive impairment)
अवसाद या मूड स्विंग जैसी भावनात्मक समस्या
उपरोक्त सभी संकेत इस समस्या में नजर आने वाले सामान्य लक्षण हैं। जबकि कुछ लोगों में अन्य लक्षण भी नजर आ सकते हैं। जैसे –
बेचैनी महसूस होना
कंपन होना
आंत्र या मूत्राशय की समस्या
कुछ प्रकार के सेक्सुअल डिजीज
सेंट्रल नर्वस सिस्टम में नर्व इंजरी का स्थान और डिग्री लक्षणों को प्रभावित कर सकती है। एमएस (MS) बहुत अनिश्चित है और अलग-अलग लोगों में अलग-अलग लक्षण संयोजन हो सकते हैं, इसलिए निदान और उपचार चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
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इसके निदान के लिए ब्लड टेस्ट, स्पाइनल टैब, एमआराई (MRI), आदि जैसे टेस्ट के प्रति लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही है। वहीं इन जांचों को लेकर सभी हॉस्पिटल, लैब जैसी जगहों पर सुविधा बढ़ाई जा रही है।
मल्टीपल स्केलेरोसिस (MS) उपचार का लक्ष्य लक्षणों को नियंत्रित करना, बीमारी की प्रगति को रोकना और जीवन की समग्र गुणवत्ता को बढ़ाना है। सूजन को कम करने और बीमारी को दोबारा होने से रोकने वाली दवाओं में इम्यूनोसप्रेसेंट (immunosuppressants), रोग-संशोधित उपचार (disease-modifying treatments) और कॉर्टिकोस्टेरॉइड शामिल हैं।
दर्द, थकावट और मांसपेशियों की अकड़न जैसे विशिष्ट लक्षणों का इलाज सिंपटोमेटिक थेरेपी से किया जाता है। स्पीच, ऑक्यूपेशनल और फिजिकल थेरेपी कार्य और गतिशीलता में सकारात्मक सुधार कर सकते हैं। संतुलित आहार, स्ट्रेस मैनेजमेंट और नियमित व्यायाम करने जैसे जीवनशैली की गतिविधियों में सुधार कर सथिति में सुधार देखने को मिल सकता है।
अधिक गंभीर स्थितियों में सर्जरी या स्टेम सेल थेरेपी जैसे टेक्निकल ट्रीटमेंट पर विचार किया जा सकता है। एमएस प्रबंधन के लिए अनुकूलित उपचार व्यवस्था आवश्यक है।
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