सीबीडी अर्थात भांग पर आधारित विभिन्न उत्पाद तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। कुछ देशों में इनका सेवन वैध है। जबकि भारत में भी दवा के तौर पर सीबीडी उत्पादों का डॉक्टर की सलाह पर इस्तेमाल किया जा सकता है। भांग अथवा सीबीडी के समर्थन में यह तर्क दिया जाता है कि ये क्रोनिक पेन में राहत देने में मददगार है। पर डेनमार्क में हुई एक महत्वपूर्ण रिसर्च में यह सामने आया है कि यंग एज में भांग का अत्यधिक सेवन हार्ट अटैक ( CBD and heart attack) को बुलावा दे सकता है। आइए जानते हैं इस शोध के बारे में विस्तार से।
ईएससी कांग्रेस 2022 में की गयी रिसर्च के अनुसार, पुराने दर्द के लिए निर्धारित कैनबिस (cannabis) दिल की धड़कनों के असंतुलित होने के जोखिम को बढ़ा सकती है।
डेनमार्क के जेंटोफ्ट यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल की शोधकर्ता डॉ नीना नौहरवेश ने कहा: “गंभीर दर्द एक बढ़ती हुई परेशानी है। डेनिश स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, 16 वर्ष से अधिक उम्र के 29% डेनिश वयस्कों ने 2017 में लंबे समय तक चलने वाले दर्द की जानकारी दी, जो 2000 में 19% से ज्यादा है।
भांग को जनवरी 2018 में डेनमार्क में टेस्टिंग के तौर पर स्वीकृत किया गया था, जिसका अर्थ है कि यदि ओपिओइड सहित अन्य सभी उपाय अपर्याप्त साबित हो रहे हैं, तो चिकित्सक इसे क्रोनिक दर्द (Chronic pain) के लिए लिख सकते हैं।
इसलिए यह रिसर्च डाटा असामान्य (Rare) हैं, इसलिए इस रिसर्च में भांग के हृदय संबंधी दुष्प्रभावों और विशेष रूप से अतालता (अनियमित दिल की धड़कन को अतालता के रूप में जाना जाता है) की जांच की, क्योंकि भांग के उपयोगकर्ताओं में दिल की धड़कन के विकार पाए गए हैं।”
भांग टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल (THC) और कैनबिडिओल (CBD) स्तरों के आधार पर विभिन्न योगों में आती है। डेनमार्क में ड्रोनबिनोल (High THC), कैनाबिनोइड (CBD से अधिक THC), और कैनबिडिओल (High CBD) निर्धारित किए जा सकते हैं। अलग-अलग इस्तेमाल में इसकी दवा को सांस के साथ लिया जा सकता है, खाया जा सकता है या मुंह में छिड़का जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने 2018 और 2021 के बीच डेनमार्क में पुराने दर्द से पीड़ित कुल 1.6 मिलियन रोगियों की पहचान की। उनमें से, 4,931 रोगियों (0.31%) ने भांग के कम से कम एक नुस्खे को जरूर ट्राई किया था (ड्रोनबिनोल 29%, कैनबिनोइड्स 46%, कैनबिडिओल 25%)। प्रत्येक उपयोगकर्ता के डाटा का उम्र, लिंग और दर्द निदान से पांच गैर-उपयोगकर्ताओं के साथ मिलान किया गया था, जिन्होंने नियंत्रण के रूप में कार्य किया था। 180 दिनों तक उपयोगकर्ताओं और नियंत्रणों का पालन किया गया और नई हृदय स्थितियों के उनके जोखिमों की तुलना की गई।
प्रतिभागियों की औसत आयु 60 साल थी और इनमें 63% महिलाएं थीं। स्टडी रिपोर्ट, पहली बार, डेनमार्क में भांग उपयोगकर्ताओं की पुरानी दर्द की स्थिति को मापने के लिए की गई थी। इनमें से कुछ को 17.8% कैंसर, 17.1% गठिया, 14.9% पीठ दर्द, 9.8% तंत्रिका संबंधी रोग, 4.4% सिरदर्द, 3.0% जटिल फ्रैक्चर, और 33.1% अन्य निदान (अधिकतर पुराने दर्द) थे। गैर-उपयोगकर्ताओं में 0.49% की तुलना में भांग उपयोगकर्ताओं में नए-शुरुआत अतालता का पूर्ण जोखिम 0.86% था।
जेंटोफ्ट यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल, डेनमार्क की डॉ नीना नौहरवेश कहती हैं, “हमारी स्टडी में पाया गया है कि गैर-उपयोगकर्ताओं की तुलना में भांग उपयोगकर्ताओं में दिल की धड़कन के विकार का जोखिम 74% अधिक था। हालांकि, पूर्ण जोखिम अंतर मामूली था। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि भांग समूह में उन लोगों का एक बड़ा समूह था, जो अन्य दर्द की दवाएं ले रहा था, अर्थात् गैर-स्टेरायडल एंटी इंफ्लेमेटरी दवाएं (एनएसएआईडी), ओपिओइड और एंटी-मिरगी। हम इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि यह हृदय की धड़कनों के आसामान्य हाने की व्याख्या कर सकता है।”
डॉ नौहरवेश आगे कहती हैं, “क्योंकि भांग पुराने दर्द वाले रोगियों के लिए नई दवा है, इसलिए गंभीर दुष्प्रभावों की जांच और रिपोर्ट का अभी और विश्लेषण किया जाना महत्वपूर्ण है। यह स्टडी संकेत करती है कि भांग के इस्तेमाल के बाद अतालता का पहले से अप्रतिबंधित जोखिम हो सकता है। भले ही पूर्ण जोखिम का अंतर छोटा है, लेकिन रोगियों और चिकित्सकों दोनों को किसी भी उपचार के समय अधिक से अधिक जानकारी होनी चाहिए।”
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