स्वास्थ्य के लिहाज से महिला और पुरुष दोनों के लिए शराब की लत बुरी है। बायोलॉजिकल रूप से दोनों का बॉडी स्ट्रक्चर अलग होने के कारण शराब महिलाओं के लिए अधिक खतरनाक है। इससे महिलाओं के मस्कुलोस्केलेटल और नर्वस सिस्टम में बड़ी गड़बड़ियां हो सकती हैं। इस बारे में विस्तार से बता रही हैं फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. एस. मोहनाप्रिया (पीटी)।
महिलाओं की अपेक्षा पुरुष ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन करते हैं। पर यह पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करती है। जैविकीय दृष्टिकोण से महिला और पुरुष की शारीरिक संरचना और केमिस्ट्री भी अलग होती हैं। महिलाएं शराब को अपनी बॉडी में अधिक एब्जॉर्ब कर लेती हैं। फिर इसे मेटाबोलाइज करने में भी उन्हें अधिक समय लगता है। यदि महिला और पुरुष समान मात्रा में एल्कोहल लें, तो पुरुषों की तुलना में महिलाओं के ब्लड में एल्कोहल की मात्रा अधिक पाई जाएगी। शराब महिलाओं पर जल्दी असर करती है और बहुत लंबे समय तक उनकी सेहत को प्रभावित करती रहती है।
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टीनएज में ज्यादा शराब पीने से एल्कोहलिक मायोपैथी हो सकती है। एल्कोहलिक मायोपैथी वास्तव में एक ऐसी स्थिति है, जिसमें यदि लंबे समय तक या बहुत अधिक मात्रा में शराब पी जाए, तो यह हड्डियों और मांसपेशियों की कार्यक्षमता और मजबूती को नुकसान पहुंचा सकती है।
इससे रबडोमायोलिसिस, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (नेचुरल कंपाउंड्स का खात्मा) होने की संभावना होती है। साथ ही, ग्लाइकोजन और लिपिड स्टोर करने वाली कोशिकाओं के कार्य में भी रूकावट पैदा हो जाती है। गलत तरीके से मांसपेशियों के संकुचन से व्यक्ति कमजोरी अनुभव करने लगता है।
कोई शराबी या रात में बहुत अधिक शराब का सेवन करने के बाद कोई सामान्य व्यक्ति भी मांसपेशियों में दिक्कत या बेचैनी महसूस कर सकता है। शराब के सेवन के बाद मांसपेशियों में निम्न परेशानियां महसूस हो सकती हैं –
. दर्द या ऐंठन
.कमज़ोरी
. खराब एथलेटिक परफॉर्मेंस
. सहनशक्ति का घटना
. देरी से किसी बीमारी का ठीक होना
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शराब पीने से मांसपेशियों की कोशिकाओं में कैल्शियम फ्लो बाधित हो जाता है। कैल्शियम मांसपेशियों को सिकुड़ने में मदद करता है। इसलिए फिजियोथेरेपिस्ट मानते हैं कि शराब के अत्यधिक सेवन से मांसपेशियों की कोशिकाओं में मौजूद कैल्शियम की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। व्यक्ति की कार्यक्षमता घट जाती है।
शराब या एल्कोहल से ऐसी मांसपेशियां बुरी तरह प्रभावित हो जाती हैं, जो क्रिएटिन काइनेज (CK) रिलीज करती हैं। शरीर में कहीं भी चोट लगने पर यह मांसपेशियों की कोशिकाओं से निकलता है। सीके की ज्यादातार मात्रा मांसपेशियों की कोशिकाओं के अंदर मौजूद रहती है, जहां यह मांसपेशियों को काम करने के लिए एनर्जी देता है।
यदि आपका डॉक्टर आपसे ब्लड टेस्ट कराने के लिए कहता है और आपकी बॉडी में सीके लेवल हाई है, तो इसका साफ मतलब है कि मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा है। एल्कोहल मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाता है।
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लिवर का मुख्य कार्य हानिकारक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना है। लिवर शराब को शरीर के लिए हानिकारक मानता है। इसलिए वह सबसे पहले ब्लड स्ट्रीम को एल्कोहल से मुक्त करने में लग जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि पहले व्यक्ति जब शराब नहीं पीता था, तो उस समय लिवर यह काम जल्दी कर लेता था।
व्यक्ति के शराब के सेवन के कारण लीवर को ज्यादा समय देना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर, जब आप एक्सरसाइज करते हैं, तो आपके शरीर से लैक्टिक एसिड निकलता है। इससे मांसपेशियों में क्रैंप हो सकता है।
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आमतौर पर आपका लीवर लैक्टिक एसिड से छुटकारा पाने की कोशिश करता है। जब आप शराब पी रहे होते हैं, तो लैक्टिक एसिड आपके शरीर से निकलने में अधिक समय ले सकता है, क्योंकि इस समय आपका लिवर शराब से छुटकारा पाने की कोशिश कर रहा होता है। तब शरीर में लैक्टिक एसिड सामान्य से अधिक समय तक रह सकता है। इससे मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन की समस्या हो सकती है।
दुर्भाग्य से जब आप शराब पीते हैं, तो आपके शरीर में मौजूद रसायन के कारण आपके शरीर में मांसपेशियों का टूटना आसान हो जाता है, लेकिन मांसपेशियों का बनना कठिन हो जाता है। यही मांसपेशियों का ब्रेकडाउन है।
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