scorecardresearch

गट माइक्रोब्स ब्रेन स्ट्रोक और गाउट से भी सुरक्षा करते हैं, इन्हें मेंटेन करने के लिए फॉलो करें ये 4 अच्छी

हमारा शरीर बहुत सारे तंत्रों के ठीक तरह से काम करने पर ही स्वस्थ रह पाता है। ये सभी एक-दूसरे इतनी गहनता से जुड़े हैं कि एक में गड़बड़ी होने पर शरीर के दूसरे तंत्र भी प्रभावित होने लगते हैं।
Published On: 30 Mar 2024, 08:00 pm IST
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
सभी चित्र देखे Gut microbes kaise shareer ko rakhte hain swasth
रिसर्च के मुताबिक आंत में बैक्टीरिया से स्ट्रोक के जोखिम को कम किया जा सकता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

शरीर को हेल्दी बनाए रखने के लिए गट का हेल्दी होना ज़रूरी है। इसमें मौजूद गुड बैक्टीरिया डाइजेशन और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के साथ इम्यून सिस्टम को भी मज़बूत करते हैं। गट माइक्रोबस कहे जाने वाले ये बैक्टीरिया शरीर के अन्य अंगों के साथ ब्रेन स्ट्रोक से भी शरीर को बचाते हैं। इस बात का खुलासा हाल ही में आई एक रिसर्च के माध्यम से किया गया है। जानते हैं गट हेल्थ को हेल्दी बनाए रखने से कैसे शरीर को ब्रेन स्ट्रोक के खतरे से बचाया जा सकता है (benefits of gut microbes)।

जानते हैं क्या कहती है रिसर्च

मेमोरियल स्लोन केटरिंग कैंसर सेंटर के शोधकर्ताओं के अनुसार एंटीबायोटिक दवाएं देने के दो सप्ताह बाद चूहों में इस्केमिक स्ट्रोक को प्रेरित किया गया। वे चूहे जिन्हें एंटीबायोटिक दवाएं दी गई, उनपर इसका प्रभाव 60 फीसदी कम रहा, जब भी अन्य चूहों पर इस्केमिक स्ट्रोक का प्रभाव देखने को मिला। आंत में मौजूद माइक्रोबियल एनवायरमेंट की मदद से मौजूद प्रतिरक्षा कोशिकाओं को ब्रेन को प्रोटेक्ट करने का सिग्नल मिलता है। इसकी मदद से शरीर को स्ट्रोक से बचाने में मदद मिलती है।

जर्नल ऑफ वर्ल्ड हेल्थ के अनुसार स्ट्रोक दुनिया भर में मौत का दूसरा प्रमुख कारण है। तीन प्रकार के स्ट्रोक में से इस्केमिक स्ट्रोक सबसे आम है। जिसमें ब्लड वेसल्स ब्लड को ब्रेन तक पहुंचाने में बाधा उत्पन्न करती हैं। विस्कॉन्सिन.मैडिसन युनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने चूहों पर एक रिसर्च किया है, जिसमें गट माइक्रोबायोम में ऐसे बैक्टीरिया की पहचान की है जो इंफ्लामेशन पैदा करने वाले यूरिक एसिड को तोड़ने में पूरी तरह से सक्षम है।

gut health ko bnaye rakhna jaruri hai
आंत माइक्रोबायोम को बेहतर बनाए रखने के लिए खान पान का ख्याल रखना बेहद ज़रूरी है। चित्र : अडोबी स्टॉक

गट माइक्रोब्स कैसे हृदय रोग और गाउट के जोखिम को करते हैं कम

वैज्ञानिकों की मानें, तो ये बैक्टीरिया शरीर को हृदय रोग और गाउट से बचाने में मदद कर सकता है। दरअसल, यूरिक एसिड के क्रिस्टल शरीर में सूजन पैदा करने लगते हैं। ये न केवल किडनी में पथरी का रूप ले लेते हैं बल्कि गठिया का कारण भी साबित होते हैं। शरीर में यूरिक एसिड का उच्च स्तर हृदय से जुड़ी समस्याओं के जोखिम को भी बढ़ा देता है। इसमें हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक शामिल हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार आंतों के बैक्टीरिया न्यूरोएक्टिव कंपाउड को प्रोडयूस करते हैं, जो न्यूरोनल फ़ंक्शन को प्रभावित करते हैं।

नई रिसर्च के मुताबिक आंत में बैक्टीरिया से स्ट्रोक के जोखिम को कम किया जा सकता है। खासतौर से वे रोगी, जो कार्डियक सर्जरी करवा रहे हैं। उनके लिए ये तकनीक बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है। एक अन्य रिसर्च के अनुसार शरीर की मज़बूत प्रतिरक्षा प्रणाली मस्तिष्क के बाहर रहकर स्ट्रोक को छोटा करने में मदद करती है।

jaane kab hoti hai gut health par dhyaan dene ki jarurat.
आंतों के बैक्टीरिया न्यूरोएक्टिव कंपाउड को प्रोडयूस करते हैं, जो न्यूरोनल फ़ंक्शन को प्रभावित करते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

हॉपकिन्स मेडिसिन के अनुसार गट हेल्थ को मेंटेन रखने के लिए इन टिप्स को करें फॉलो

1. हाथों की स्वच्छता बनाए रखें

शरीर को हार्मफुल बैक्टीरिया से बचाने के लिए हाथों को पानी से धोना आवश्यक है। पानी न मिल पाने के चलते 60 फीसदी अल्कोहल से भरपूर सेनीटाइज़र से हाथों को साफ करना चाहिए। इससे शरीर में हानिकारक बैक्टीरिया के प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है।

2. प्रोबायोटिक्स का सेवन बढ़ाएं

आहार में योगर्ट और किमची समेत प्रोबायोटिक्स को शामिल करें। इससे शरीर को हेल्दी माइक्रोऑर्गेनिज्म की प्राप्ति होती है। डॉक्टर की सलाह से प्रोबोयाटिक सप्लीमेंट का सेवन फायदेमंद साबित होता है।

Pollपोल
प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?
Jaanein kaise gut health ko kaise majboot karte hain probiotics
आहार में योगर्ट और किमची समेत प्रोबायोटिक्स को शामिल करें। इससे शरीर को हेल्दी माइक्रोऑर्गेनिज्म की प्राप्ति होती है। चित्र : शटरस्टॉक

3. फाइबर से भरपूर आहार लें

आहार में फाइबर की मात्रा बढ़ाने से गट हेल्थ को मज़बूती मिलती है। फाइबर की उचित मात्रा आंतों में जीवाणुओं को हेल्दी बनाते है और उनकी मात्रा में वृद्धि होती है। इससे शरीर का पाचनतंत्र मज़बूत बनता है और शरीर को इंफ्लामेशन से राहत मिल जाती है।

4. डॉक्टर की सलाह से एंटीबायोटिक लें

शरीर को बैक्टीरियल इंफै्क्शन से बचाने वाली एंटीबायोटिक्स आंत में मौजूद हेल्दी बैक्टीरिया को भी मार सकती है। डॉक्टर से परामर्श के बाद ही दवाएं लें और एक नियमित अवधि तक ही उसका सेवन करें। अन्यथा वो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है।

ये भी पढ़ें- Double kidney transplant : 78 साल की महिला ने 51 वर्ष की महिला को दान कीं अपनी दोनों किडनियां, एम्स में हुआ ये दुर्लभ किडनी ट्रांसप्लांट

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

अगला लेख