मूड खराब कर, मेमोरी लॉस का जोखिम भी बढ़ा देता है खराब लिवर, जानिए कैसे

आपके मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित कर सकता है अस्वस्थ लीवर, जानें इसे स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने के कुछ हेल्दी टिप्स।
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अस्वस्थ लिवर मेंटल हेल्थ (mental health) से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं खड़ी कर सकता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
Updated On: 31 Jul 2024, 10:45 am IST
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मेडिकली रिव्यूड

जीवन के हर चरण में हमारा मानसिक स्वास्थ्य ज़रूरी है। यह हमारे कार्य करने, महसूस करने और सोचने के तरीके को प्रभावित करता है। वहीं लीवर सभी कामों में माहिर है, यह 500 से अधिक महत्वपूर्ण कार्य करता है, जैसे शरीर को साफ करना और शराब, ड्रग्स और टॉक्सिक पदार्थों को पचाना। अब आप सोच रही होंगी आखिर यहां लिवर और मस्तिष्क की बात क्यों हो रही है! क्या आपको मालूम है आपका लिवर (liver) आपकी मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है? यदि नहीं, तो आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि एक अस्वस्थ लीवर आपके लिए मेंटल हेल्थ (mental health) से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं खड़ी कर सकता है।

मेंटल हेल्थ पर लीवर के प्रभाव को समझने के लिए हेल्थ शॉट्स ने सनर इंटरनेशनल हॉस्पिटल, HPB सर्जरी और लिवर ट्रांसप्लांट के सीनियर कंसल्टेंट और हेड ऑफ डिपार्मेंट डॉक्टर अंकुर गर्ग से बात की। डॉक्टर ने मेंटल हेल्थ पर लीवर स्वास्थ्य के कुछ नकारात्मक प्रभाव बताए हैं, साथ ही उन्होंने बताया है कि किस तरह से मानसिक स्वास्थ्य को स्थापित किया जा सकता है (how liver affects your mental health)।

जानें मेंटल हेल्थ को कैसे प्रभावित करता है अस्वस्थ लीवर (how liver affects your mental health)

डॉक्टर अंकुर गर्ग के अनुसार “लीवर का स्वास्थ्य इसके जाने-माने डिटॉक्सिफाइंग कार्यों से परे है, यह मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लीवर टॉक्सिक पदार्थों को मेटाबोलाइज करता है, हार्मोन को नियंत्रित करता है और ऊर्जा के स्तर को बनाए रखता है, जो मस्तिष्क के इष्टतम कार्य के लिए आवश्यक होते हैं। यदि आपका लिवर अस्वस्थ है, तो टॉक्सिक पदार्थ ब्लूडस्ट्रीम में जमा हो सकते हैं, जिससे यादाश्त, एकाग्रता और निर्णय लेने जैसी संज्ञानात्मक क्षमताएं खराब हो सकती हैं।”

how liver affects your mental health
जानें मेंटल हेल्थ को कैसे प्रभावित करता है अस्वस्थ लीवर। चित्र: शटरस्टॉक

“इसके अतिरिक्त, लीवर न्यूरोट्रांसमीटर के सिंथेसिस और रेगुलेशन को प्रभावित करता है, जो मूड और भावनात्मक स्थिरता के लिए आवश्यक हैं। लिवर डिस्फंक्शन से उत्पन्न होने वाली हेपेटिक एन्सेफैलोपैथी जैसी स्थितियां भ्रम, मूड में उतार-चढ़ाव और अवसाद का कारण बनती हैं, जो बताता है कि लीवर आपके मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है।”

जानें लिवर को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने के कुछ हेल्दी टिप्स (how to boost your liver health)

1. आहार और पोषण

लीवर की सेहत काफी हद तक हमारे द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों से प्रभावित होती है। लीवर स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए पौष्टिक और संतुलित आहार सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। प्रोसेस्ड और रिफाइंड फूड्स और शराब पर नियंत्रण सामान्य लीवर स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण रूप से आपकी मदद कर सकते हैं। फैट से भरपूर खाद्य स्रोत की अधिकता से लीवर में फैट जमा हो सकती है, जिससे फैटी लीवर की समस्या आपको परेशान कर सकती है। फल, सब्जियों और लीन प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार से लीवर लंबे समय तक स्वस्थ रहता है।

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2. हाइड्रेशन

एक स्वस्थ लिवर सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त हाइड्रेशन की आवश्यकता होती है। हाइड्रेशन बॉडी से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, यदि इन्हे बाहर न निकाला जाए तो लीवर के कार्य को नुकसान हो सकता है। दूसरी ओर, पानी का सेवन न करने से शरीर में संभावित रूप से खतरनाक टॉक्सिन्स जमा हो सकते हैं, जो समग्र सेहत पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

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डिटॉक्सिफिकेशन है जरुरी। चित्र : एडॉबीस्टॉक

3. लीवर को डिटॉक्स करें

लिवर की सफाई और डिटॉक्सिफिकेशन के माध्यम से शरीर से टॉक्सिन्स को खत्म करना लीवर के स्वास्थ्य को बनाए रखने में फायदेमंद साबित हो सकता है। कई नेचुरल लिवर क्लींजिंग प्रोसेस हैं, जो बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के प्रभावी रूप से कार्य करते हैं। ऐसी ही एक सरल विधि है नींबू पानी का नियमित सेवन, जिसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो लीवर को डिटॉक्स करने में आपकी मदद करते हैं। सीमित मात्रा में कॉफी का सेवन आपके लीवर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।

4. लीवर की समस्यायों पर ध्यान दें

लीवर की समस्याओं की गंभीरता कई तरह की होती है और अगर उन्हें अनदेखा किया जाए तो इसके भयावह परिणाम हो सकते हैं। फैटी लीवर डिजीज लीवर में अतिरिक्त फैट के जमा होने से होता है, जिससे सूजन और फाइब्रोसिस होता है। इसके होने के कारणों में मोटापा, उच्च कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज सहित इनएक्टिव लाइफस्टाइल शामिल हो सकते हैं, इन सभी पर नियंत्रण रखना ज़रूरी है ताकि इस समस्या से बचा जा सके या इसका समाधान किया जा सके।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं।

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