निमोनिया एक सामान्य समस्या है, जो बच्चों और बड़ों किसी को भी परेशान कर सकती है। इस स्थिति में बैक्टीरियल, वायरल और फंगल इन्फेक्शन की वजह से लंग्स में इन्फ्लेमेशन के साथ ही फ्लूइड जमा हो जाती है। ऐसे में व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होती है। इसके साथ हाई फीवर, पीले, हरे और खूनी म्यूकस भरी खांसी जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि आपकी पुअर ओरल हाइजीन या मुंह में मौजूद कीटाणु भी निमोनिया का कारण बन सकते हैं! जी हां, यह सच है। हाल ही में सामने आई एक स्टडी बताती है कि ठीक तरह से ब्रश करके निमोनिया के जोखिम को कम किया जा सकता है।
आमतौर पर लोग जल्दबाजी में ब्रश करते हैं और अच्छी तरह से दांतों को साफ नहीं कर पाते। खासकर बच्चों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। जिससे अन्य परेशानियों के साथ-साथ निमोनिया का जोखिम भी बढ़ जाता है। तो चलिए जानते हैं, क्या है ओरल हाइजीन और निमोनिया का कनैक्शन।
जामा (JAMA) इंटरनल मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार एचएपी मुख्य रूप से ओरल माइक्रोबायोम से माइक्रोफ्लोरा एस्पिरेशन के कारण होता है। जो बैक्टीरिया, फंगी, वायरस और प्रोटोजोआ की अनुमानित 700 प्रजातियों के साथ एक कॉम्प्लेक्स और हाइली डाइवर्स इकोसिस्टम है।
एपिडेमोलोजीकल, माइक्रोबायोलॉजिकल और मॉलेक्युलर स्टडी के डेटा ने ओरल माइक्रोबायोम, ओरल हेल्थ, डेंटल प्लाक, और पेरियोडोंटल डिजीज और निमोनिया के विकास के बीच एक लिंक बताया है। तदनुसार, एचएपी को रोकने के उचित ओरल केयर की सिफारिश की है।
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क्लोरहेक्सिडाइन ग्लूकोनेट बैक्टीरिया, फंगी और घिरे हुए वायरस के खिलाफ व्यापक स्पेक्ट्रम गतिविधि वाला एक सक्रीय एंटीसेप्टिक है। जो सेल मेम्ब्रेन पारगम्यता को बदल देता है और बायोफिल्म निर्माण को रोकता है। ऐतिहासिक रूप से, क्लोरहेक्सिडाइन ग्लूकोनेट ओरल रिंस को मेटा-विश्लेषण के आधार पर वीएपी रोकथाम बंडलों में शामिल किया गया था, जिसमें वीएपी में 30% से 40% की कमी देखी गई थी।
निमोनिया सेप्सिस का प्रमुख कारण है। आपके मुंह में कीटाणु 24 घंटों में पांच बार दोहराते हैं। ऐसे में अपने दांतों को नियमित रूप से ब्रश करने से निमोनिया और सेप्सिस को रोकने में मदद मिल सकती है।
फ्लॉसिंग एक ऐसी चीज़ है, जो आपको हर दिन करनी चाहिए। ऐसी कुछ चीजें हैं, जिनका ध्यान ब्रश करने से नहीं रखा जा सकता है और यहीं पर फ्लॉसिंग की आवश्यकता पड़ती है।
दिन में दो बार अपने दांतों को ब्रश करने से सुबह की सांस और आपके मुंह में लंबे समय तक रहने वाले गंदे स्वाद से लड़ने में मदद मिलती है, बल्कि इससे आपके मसूड़ों की बीमारी का खतरा भी कम हो जाता है। इसलिए हर नियमित रूप से सुबह और रात दो मिनट तक ब्रश करें।
ब्रश करने और फ्लॉस करने के बाद नियमित रूप से माउथवॉश का इस्तेमाल करें। इसके लिए आपको केमिकल युक्त माउथवॉश खरीदने की आवश्यकता नहीं है, आप घर पर आसानी से माउथवॉश तैयार कर सकती हैं। यह एंटीबैक्टीरियल कुल्ला आपके मुंह को साफ रखने में मदद करेगा और आपकी सांसों को तरोताजा रखेगा।
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