scorecardresearch

तनाव थोड़ा हो तो फायदेमंद हो सकता है, जानिए कब तनाव आपके लिए हो सकता है पॉजिटिव

कभी-कभी आपका स्ट्रेस आपको बेहतर परफाॅर्म करने के लिए तैयार करता है।  पर यही जब एक सीमा से अधिक बढ़ जाता है तो आपको नुकसान पहुंचाने लगता है।  
Updated On: 2 Aug 2022, 10:29 pm IST
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
pata karen ki samasya ki vajah kya hai
पता करें कि तनाव की असल वजह क्या है। चित्र: शटरस्टॉक।

तनाव की एक निश्चित मात्रा हमारे विकास के लिए फायदेमंद हो सकती है। तनाव के इन लाभकारी स्तरों के कुछ उदाहरणों में परीक्षा के लिए अध्ययन करना, प्रोफेशनल मीटिंग की तैयारी करना, या अंतिम समय सीमा को पूरा करने के लिए कुछ अतिरिक्त समय निकालना शामिल है। हाल ही में हुए कुछ शोध बताते हैं कि तनाव अगर सीमित अवधि के लिए हो तो यह आपके लिए सकारात्मक रूप से काम करता है। आइए जानते हैं तनाव के कुछ सकारात्मक लाभ (Positive effect of stress)। 

इस विषय में बात करते हुए मनोवैज्ञानिक डॉ. बिंदा सिंह का कहना है कि स्ट्रेस भी दो तरह के होते हैं एक यूस्ट्रेस ‘eustress’ जिसे पॉजिटिव स्ट्रेस माना जाता है और दूसरा डीस्ट्रेस जिसे सेहत के लिए बुरा समझा जाता है। साइंटिस्ट्स का कहना है कि थोड़ा बहुत शॉर्ट पीरियड का स्ट्रेस हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है। ये आपको मेंटली स्ट्रॉन्ग बनाता है और ब्रेन की एक्टिविटी इम्प्रूव करता है। आइए जानते हैं शॉर्ट टर्म स्ट्रेस क्या है और यह कैसे आपके लिए फायदेमंद है। 

यहां हैं पॉजिटिव स्ट्रेस के कुछ फायदे  (positive effect of stress)

1 यह आपकी इम्युनिटी बूस्ट कर सकता है 

जानकर हैरानी होगी कि स्ट्रेस आपको संक्रमण से बचा सकता है। थोड़ा-सा तनाव शरीर में इंटरल्यूकिन का उत्पादन करता है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और आपको बीमारियों से बचाता है। 

स्ट्रेस आपकी इम्नियूटी को भी मजबूत कर सकता है। चित्र: शटरस्टॉक

2012 के एक स्टैनफोर्ड शोध में पाया गया कि कम मानसिक तनाव के लिए लैब में मौजूद चूहों ने अपने ब्लड स्ट्रीम में कई प्रकार की इम्यून सेल्स का उत्पादन किया। हालांकि, क्रोनिक स्ट्रेस का मानव शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। 

2013 के एनसीबीआई के शोध की मानें तो थोड़ा तनाव लेने से शरीर में कोर्टिकोस्टेरोन नामक स्ट्रेस हार्मोन बनता है जो मानसिक क्षमता बढ़ाता है और इससे सीखने में आसानी होती है।

2 डीएनए और आरएनए का बचाव

शोधों की मानें तो सीमित मात्रा में तनाव से शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स बढ़ते हैं जिससे डीएनए और आरएनए का बचाव होता है। मगर तनाव अधिक होने पर इसका नकारात्मक प्रभाव भी कोशिकाओं को झेलना पड़ सकता है।

 2013 में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय सैन फ्रांसिस्को के एक अध्ययन में पाया गया कि क्रोनिक स्ट्रेस हमारे डीएनए और आरएनए के ऑक्सीडेटिव लॉस को बढ़ावा देता है। वहीं, रोजमर्रा की जिंदगी में होने वाले तनाव का मध्यम स्तर वास्तव में इसकी रक्षा करता है और “मनोवैज्ञानिक आत्मीयता यानी साइकोबायोलॉजिकल रेसिलिएंस” को बढ़ाता है। 

Pollपोल
प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

3 बढ़ती है एकाग्रता 

यूस्ट्रेस यानि कम समय का तनाव अच्‍छा है, जो ‘न्यूरोट्रॉफिन’ को उत्तेजित करता है। यह मस्तिष्क रसायन हैं, जो मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ाते हैं। इससे आपकी एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है, जो इस प्रकार, रचनात्मकता और उत्पादकता को बढ़ाता है। 

ye food boost kar sakte hai aapki memory
मेमोरी बूस्टर भी है स्ट्रेस। चित्र : शटरस्टॉक

इस कारण आपको अपने काम को करने में मदद मिलती है। इसलिए, जब आपके पास काम की समय सीमा होती है, तो ऐसे में स्‍ट्रेस लेने से आप अपने काम को कर सकते हैं।

4 आप ज्यादा फ्लेक्सिबल होते हैं

साइंस ऑफ रेसिलिएंस की स्टडी की मानें तो तनावपूर्ण स्थितियों से निपटने के लिए सीखना, भविष्य में किसी चीज को मैनेज करने की एबिलिटी को आसान बना सकता है। तनावपूर्ण स्थितियों के बार-बार संपर्क में आने से शारीरिक और मनोवैज्ञानिक नियंत्रण की भावना डेवलप करने का मौका मिलता है।

यह भी पढ़ें: ब्लड प्रेशर अचानक लो हो गया है, तो पिएं एक गिलास मीठा ठंडा दूध, जानिए ये कैसे काम करता है

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
अगला लेख