तनाव की एक निश्चित मात्रा हमारे विकास के लिए फायदेमंद हो सकती है। तनाव के इन लाभकारी स्तरों के कुछ उदाहरणों में परीक्षा के लिए अध्ययन करना, प्रोफेशनल मीटिंग की तैयारी करना, या अंतिम समय सीमा को पूरा करने के लिए कुछ अतिरिक्त समय निकालना शामिल है। हाल ही में हुए कुछ शोध बताते हैं कि तनाव अगर सीमित अवधि के लिए हो तो यह आपके लिए सकारात्मक रूप से काम करता है। आइए जानते हैं तनाव के कुछ सकारात्मक लाभ (Positive effect of stress)।
इस विषय में बात करते हुए मनोवैज्ञानिक डॉ. बिंदा सिंह का कहना है कि स्ट्रेस भी दो तरह के होते हैं एक यूस्ट्रेस ‘eustress’ जिसे पॉजिटिव स्ट्रेस माना जाता है और दूसरा डीस्ट्रेस जिसे सेहत के लिए बुरा समझा जाता है। साइंटिस्ट्स का कहना है कि थोड़ा बहुत शॉर्ट पीरियड का स्ट्रेस हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है। ये आपको मेंटली स्ट्रॉन्ग बनाता है और ब्रेन की एक्टिविटी इम्प्रूव करता है। आइए जानते हैं शॉर्ट टर्म स्ट्रेस क्या है और यह कैसे आपके लिए फायदेमंद है।
जानकर हैरानी होगी कि स्ट्रेस आपको संक्रमण से बचा सकता है। थोड़ा-सा तनाव शरीर में इंटरल्यूकिन का उत्पादन करता है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और आपको बीमारियों से बचाता है।
2012 के एक स्टैनफोर्ड शोध में पाया गया कि कम मानसिक तनाव के लिए लैब में मौजूद चूहों ने अपने ब्लड स्ट्रीम में कई प्रकार की इम्यून सेल्स का उत्पादन किया। हालांकि, क्रोनिक स्ट्रेस का मानव शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
2013 के एनसीबीआई के शोध की मानें तो थोड़ा तनाव लेने से शरीर में कोर्टिकोस्टेरोन नामक स्ट्रेस हार्मोन बनता है जो मानसिक क्षमता बढ़ाता है और इससे सीखने में आसानी होती है।
शोधों की मानें तो सीमित मात्रा में तनाव से शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स बढ़ते हैं जिससे डीएनए और आरएनए का बचाव होता है। मगर तनाव अधिक होने पर इसका नकारात्मक प्रभाव भी कोशिकाओं को झेलना पड़ सकता है।
2013 में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय सैन फ्रांसिस्को के एक अध्ययन में पाया गया कि क्रोनिक स्ट्रेस हमारे डीएनए और आरएनए के ऑक्सीडेटिव लॉस को बढ़ावा देता है। वहीं, रोजमर्रा की जिंदगी में होने वाले तनाव का मध्यम स्तर वास्तव में इसकी रक्षा करता है और “मनोवैज्ञानिक आत्मीयता यानी साइकोबायोलॉजिकल रेसिलिएंस” को बढ़ाता है।
यूस्ट्रेस यानि कम समय का तनाव अच्छा है, जो ‘न्यूरोट्रॉफिन’ को उत्तेजित करता है। यह मस्तिष्क रसायन हैं, जो मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ाते हैं। इससे आपकी एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है, जो इस प्रकार, रचनात्मकता और उत्पादकता को बढ़ाता है।
इस कारण आपको अपने काम को करने में मदद मिलती है। इसलिए, जब आपके पास काम की समय सीमा होती है, तो ऐसे में स्ट्रेस लेने से आप अपने काम को कर सकते हैं।
साइंस ऑफ रेसिलिएंस की स्टडी की मानें तो तनावपूर्ण स्थितियों से निपटने के लिए सीखना, भविष्य में किसी चीज को मैनेज करने की एबिलिटी को आसान बना सकता है। तनावपूर्ण स्थितियों के बार-बार संपर्क में आने से शारीरिक और मनोवैज्ञानिक नियंत्रण की भावना डेवलप करने का मौका मिलता है।
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