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क्या फ्रेंच फ्राइज़ खाने से वास्तव में आपके अवसाद और चिंता का खतरा बढ़ सकता है? जानिए क्या कहते हैं शोध

बर्गर किंग जाकर बर्गर खाना और उसके साथ फ्रेंच फ्राइस का मजा भी हम बड़े मजे से लेते है लेकिन क्या आपको पता है कि फ्रेंंच फ्राइस का नियमित सेवन आप में डिप्रेशन और एंग्जाइटी का कारण बन सकता है।
Updated On: 23 Oct 2023, 09:24 am IST
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FRENCH FRIES KHANE SE HO SKATA HAI APKO DEPRESSION
एक स्टडी में दावा किया गया है कि जंक फूड खाने से आपकी मानसिक स्थिति कराब हो सकती है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

एक स्टडी सामने आई है जिसमें इस बात का खुलासा किया गया है कि ज्यादा फ्रेंच फ्राइस का सेवन करने से आपको मानसिक स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। नए शोध से पता चलता है कि बार-बार तले हुए खाद्य पदार्थ खाने से विशेष रूप से तले हुए आलू, जैसे फ्रेंच फ्राइज़ डिप्रेशन और चिंता (Processed food effect on mental health) दोनों के बढ़ते जोखिम से जुड़े हो सकते हैं।

नया दावा प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित एक अप्रैल के अध्ययन से आया है, जिसमें तले हुए भोजन की खपत को चिंता और अवसाद के जोखिम के बीच संबंध को देखा गया था।

स्टडी में क्या सामने आया

शोधकर्ताओं ने पाया कि तले हुए खाद्य पदार्थों का लगातार सेवन, “विशेष रूप से तले हुए आलू का सेवन”, चिंता के 12% अधिक जोखिम और अवसाद के 7% अधिक जोखिम से जुड़ा था। शोधकर्ताओं ने बताया कि पुरुष और युवा उपभोक्ता सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।

अध्ययन के लेखकों के अनुसार, तलने, भूनने या पकाने से उच्च तापमान पर खाद्य पदार्थों को पकाने का रासायनिक उप-उत्पाद एक्रिलामाइड- चिंता और अवसाद के जोखिम को बढ़ा सकता है।

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आलू तलने पर कम और आलू को पकाने या भूनने पर अधिक ध्यान दें। चित्र शटरस्टॉक।

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क्या तले हुए खाने से मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है

पश्चिमी सभ्यता का खाना खाने वाले लोगों में तला हुआ भोजन खाना आम है। पहले भी कई शोधों से पता चला है कि तला हुआ भोजन खाने से मोटापे, हृदय रोग और यहां तक कि कैंसर जैसे स्वास्थ्य जाेखिमों का खतरा बढ़ जाता है।

कम लोग जानते हैं कि तला हुआ भोजन मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है- जिसे चीन के झेजियांग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने नए अध्ययन में जानने की कोशिश की

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तले हुए भोजन के सेवन और चिंता और अवसाद के लक्षणों के बीच के संबंध को करीब से देखने के लिए, शोधकर्ताओं ने यू.के. बायोबैंक अध्ययन के 140,728 लोगों के डेटा को देखा। जिस पर लगभग 11 वर्षों से नजर रखी गई। कार्रवाई के दौरान, चिंता के लक्षणों के कुल 8,294 मामलों और अवसाद के लक्षणों के 12,735 मामलों की पहचान की गई।

उम्र और लिंग को देखने के बाद, शोधकर्ताओं ने पाया कि तले हुए भोजन का सेवन विशेष रूप से तले हुए आलू और तले हुए सफेद मांस का संबंध चिंता और अवसाद के लक्षणों के उच्च जोखिम से था। यह निष्कर्ष पुरुष और युवा उपभोक्ताओं में भी अधिक स्पष्ट थे।

शोधकर्ताओं ने तले हुए खाद्य पदार्थों से चिंता और अवसाद के बढ़ते जोखिम का कारण एक्रिलामाइड नामक रसायन को बताया, जो मुख्य रूप से पौधों से बने खाद्य पदार्थों में बन सकता है, जिनमें आलू और कॉफी शामिल हैं।

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कैसे आप जंक फूड से होने वाली समस्या को कम कर सकते है। चित्र : शटरस्टॉक

तले हुए खाने से एक्रिलामाइड एक्सपोजर को कैसे कम करें

यदि आपको तले हुए खाद्य पदार्थ बहुत अधिक पसंद है और आप अपने एक्रिलामाइड सेवन के बारे में परेशान हैं, तो आपके पसंदीदा व्यंजनों में इस रसायन की मात्रा को कम करने के कुछ आसान तरीके हैं।

1 उन खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें जो एक्रिलामाइड के बड़े स्रोत हैं, जिनमें फ्रेंच फ्राइज़, आलू के चिप्स, कॉफी और कुछ प्रोसेस्ड फूड जैसे कुकीज और टोस्ट शामिल हैं।

2 आलू तलने पर कम और आलू को पकाने या भूनने पर अधिक ध्यान दें। आलू को अधिक बार उबालें या माइक्रोवेव करें। ये प्रक्रियाएँ एक्रिलामाइड का उत्पादन नहीं करती हैं।

3 आलू या ब्रेड के टोस्ट को तब तक पकाने से बचें जब तक कि ये बहुत ज्यादा ब्राइन न हो जाए (“गोल्डन” खाद्य पदार्थों में एक्रिलामाइड कम होता है, “ब्राउन” खाद्य पदार्थों में अधिक एक्रिलामाइड होता है)।

4 कच्चे आलू को तलने या भूनने से पहले 15-20 मिनट के लिए पानी में भिगो दें।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
संध्या सिंह
संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं।

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