इन दिनों सर्जरी के दौरान मरीज को सम्मोहित करने या हिप्नोटाइज करने का प्रयोग तेज़ी से बढ़ा है। दरअसल, सर्जरी से पहले मरीज में एंग्जाइटी बढ़ी हुई पाई गई है। इसे कंट्रोल करने के लिए ही उन्हें हिप्नोटाइज किया जाता है। हिप्नोसिस ट्रीटमेंट से फोकस और एकाग्रता बेहतर बनाने में मदद मिलती है। इसे हिप्नोटिक या हिप्नोसिस ट्रीटमेंट (hypnosis treatment) भी कहते हैं। सम्मोहन के दौरान ज्यादातर लोग शांत और तनावमुक्त महसूस करते हैं।
मेंटल हेल्थ और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में हिप्नोटिक ट्रीटमेंट (hypnotic treatment) किस तरह कारगर है, इसके लिए हमने बात की मनस्थली की फाउंडर और सीनियर साइकोलॉजिस्ट डॉ. ज्योति कपूर से।
डॉ. ज्योति कपूर कहती हैं, ‘सम्मोहन उन व्यवहारों पर नियंत्रण पाने में मदद कर सकता है, जिन्हें आप बदलना चाहते हैं। यह एंग्जाइटी या दर्द से बेहतर तरीके से निपटने में मदद कर सकता है। हिप्नोटिज्म सेशन के दौरान व्यक्ति अपने व्यवहार पर नियंत्रण नहीं खोते हैं। यह तनाव दूर करने भी एक प्रभावी तरीका हो सकता है। ब्रेस्ट बायोप्सी के दौरान यह प्रयोग किया जाता है। यह चिकित्सा प्रक्रिया से पहले तनाव और चिंता को कम कर सकता है ।’
मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति से निपटने के अलावा, दर्द नियंत्रण, जलने, कैंसर, बच्चे के जन्म, इरिटेबल बावेल सिंड्रोम , फाइब्रोमायल्गिया, जबड़े की समस्याओं, दंत चिकित्सा, सिरदर्द में हिप्नोटाइज करना मददगार हो सकता है।
अचानक बुखार से गर्मी महसूस करने और हॉट फ्लेशेज के प्रभाव को कम करने के लिए भी इसका प्रयोग किया जा सकता है।
नींद की समस्याओं, बिस्तर गीला करने, धूम्रपान और ईटिंग डिसआर्डर का इलाज भी इसके साथ किया जा सकता है।
कैंसर उपचार के दुष्प्रभाव, कीमोथेरेपी से होने वाले दुष्प्रभावों को कम करने के लिए सम्मोहन का उपयोग किया जाता है।
हिप्नोटाइज का लाभ लेने के लिए किसी विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं होती है। सिर्फ आरामदायक कपड़े पहन कर मरीज को आराम की मुद्रा में आना है। सत्र के दौरान सो जाने की संभावना बनी रहती है, क्योंकि यह आराम करने के लिए होता है।
शुरू करने से पहले चिकित्सक सम्मोहन की प्रक्रिया के बारे में बताते हैं। वे मरीज के उपचार के लक्ष्यों की समीक्षा करते हैं। फिर वे आमतौर पर कोमल, रिलैक्स करने वाले स्वर में बात करना शुरू करते हैं। वे उन इमेज का वर्णन करते हैं, जो विश्राम, सुरक्षा और वेलनेस की भावना पैदा करते हैं।जब सत्र समाप्त हो जाता है, तो मरीज अपने दम पर खुद को सम्मोहन से बाहर लाने में सक्षम होता है।
एक प्रशिक्षित हेल्थ केयर प्रदाता की देखरेख में ही इस चिकित्सा का लाभ लेना चाहिए। यह एक वैकल्पिक चिकित्सा उपचार है। ध्यान रखें कि गंभीर मानसिक बीमारी वाले कुछ लोगों के लिए सम्मोहन सुरक्षित नहीं भी हो सकता है।
सम्मोहन हर किसी के लिए सही नहीं हो सकता है। सभी लोग सम्मोहन की स्थिति में पूरी तरह से प्रवेश करने में सक्षम नहीं होते हैं, ताकि यह अच्छी तरह से काम कर सके। सामान्य तौर पर एक सत्र के दौरान लोग जितनी जल्दी और आसानी से विश्राम और शांत अवस्था में पहुंच जाते हैं, उतनी ही अधिक सम्मोहन से लाभान्वित होने की संभावना बढ़ती है।
आमतौर पर सर्जरी के दौरान लोगों को सम्मोहित करने या हिप्नोटाइज करने का विचार लोगों को एक मेडिकल स्टंट की तरह लग सकता है। लेकिन यह अब कई देशों के अस्पतालों में आजमाया जा रहा है। गंभीर बीमारी और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के निदान के लिए इसका खूब प्रयोग किया जा रहा है। मरीज को सिर्फ यह ध्यान देना है कि हिप्नोटाइज करने वाले चिकित्सक अच्छी तरह इस वैकल्पिक चिकित्सा में प्रशिक्षित हों।
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