अगर आपका वजन अधि है, तो यह आपके लिए खतरे की घंटी है। शरीर का ज्यादा बहुत सारी समस्याओं के लिए जिम्मेदार हो सकता है। जिनमें हृदय रोग, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर शामिल है। एक नए अध्ययन में यह सामने आया है कि वजन कंट्रोल करके आप हार्ट अटैक का जोखिम कम कर सकते हैं। जबकि ज्यादातर हार्ट अटैक शरीर में अतिरिक्त फैट के साथ जुड़े होते हैं।
अमेरिकी एडल्ट पॉपुलेशन का क्रॉस-सेक्शनल अध्ययन यूरोपीय एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज (ईएएसडी) की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत किया गया था, जो इस साल 27 सितंबर से 1 अक्टूबर तक ऑनलाइन आयोजित किया जा रहा है।
इस अध्ययन के अनुसार हाई ब्लड प्रेशर और डिस्लिपिडेमिया (dyslipidemia) का जोखिम, वजन घटा चुके और स्वस्थ वजन वाले लोगों में समान था। हालांकि वजन घटाने के साथ टाइप 2 मधुमेह का जोखिम भी कम हो गया था। स्वस्थ वजन वाले लोगों की तुलना में इसका जोखिम पहले से मोटे रहे लोगों में ज्यादा था।
40 प्रतिशत से अधिक नौजवान अमेरिकियों में मोटापे का खतरा है और दस में से एक गंभीर मोटापे से ग्रस्त है। बॉडीवेट लगभग सभी कार्डियोवैस्कुलर जोखिम से सीधे जुड़ा हुआ है।
जैसे-जैसे बीएमआई (BMI) बढ़ता है, वैसे ही ब्लड प्रेशर, लो डेन्सिटी वाले लिपोप्रोटीन (liprotin) कोलेस्ट्रॉल, अन्य फैट , ब्लड शुगर और सूजन में वृद्धि होती है। इन परिवर्तनों से हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हृदय रोग से मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।
हालांकि, इस बारे में बहुत कम जानकारी है कि क्या मोटापे का प्रभाव उन लोगों पर बना रहता है जो बाद में स्वस्थ वजन हासिल करते हैं और बनाए रखते हैं।
इसके बारे में जानने के लिए, शोधकर्ताओं ने 20,271 नौजवान अमेरिकी ऐडल्ट (20-69 वर्ष की आयु) में हृदय संबंधी जोखिम के कारणों का विश्लेषण किया। इस अध्ययन में 326 लोग मोटे थे, लेकिन एक साल से उन्होंने स्वस्थ वजन बरकरार रखा था। 6235 लोग हमेशा से स्वस्थ थे और 13710 लोगों को ओबेसिटी थी।
उन्होंने उच्च रक्तचाप, डिस्लिपिडेमिया (dyslipidemia) और टाइप 2 मधुमेह के स्तर की तुलना इन लोगों के बीच की।
उम्र, लिंग, धूम्रपान और जातीयता के समायोजन के बाद, शोधकर्ताओं ने पाया कि उच्च रक्तचाप और डिस्लिपिडेमिया का जोखिम उन लोगों में समान था, जिन्हें पहले मोटापा था और जो हमेशा स्वस्थ वजन बनाए रखते थे।
हमेशा स्वस्थ वजन वाले लोगों की तुलना में, पहले से मोटे लोगों को मधुमेह का खतरा तीन गुना ज्यादा था। मौजूदा मोटापे से ग्रस्त लोगों में मधुमेह होने की संभावना सात गुना अधिक थी। जिन लोगों को वर्तमान में मोटापा था, उनमें भी वर्तमान उच्च रक्तचाप और डिस्लिपिडेमिया की संभावना तीन गुना अधिक थी।
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कस्टमाइज़ करेंग्रेनाडा में सेंट जॉर्ज विश्वविद्यालय के प्रमुख लेखक प्रोफेसर माया स्मिथ ने कहा, “इस अध्ययन की मुख्य बात यह है कि वजन कम करना कठिन है, लेकिन हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।”
स्मिथ ने कहा, “सबसे पहले, इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि वजन कम करना और इसे बरकरार रखना कठिन है। लेकिन निराश न हों। यदि आप अपना वजन कम करने का निश्चय करते हैं, तो यह न केवल स्वास्थ्य समस्याओं को रोक सकता है बल्कि उन्हें खत्म भी कर सकता है।”
अंत में, यह बहुत जरूरी है कि हृदय संबंधी जोखिमों से बचने के लिए आपको एक स्वस्थ वजन बनाए रखना पड़ेगा।