क्‍या वैक्‍सीनेशन के बाद भी हो सकता है कोरोना का पुन: संक्रमण, जानिए इस बारे में एक्‍सपर्ट की राय

एक तरफ कोविड की रोकथाम के लिए टीकाकरण अभियान में तेजी लाई जा रही है, वहीं कोरोना संक्रमण के मामलों में अचानक उछाल आ गया है। ऐसे में जरूरी है कि संदेह और अफवाहों से इस लड़ाई को कमजोर न किया जाए।
वैक्‍सीनेशन के बाद लोगों में अलग-अलग प्रतिक्रिया हो सकती है। चित्र: शटरस्‍टॉक
वैक्‍सीनेशन के बाद लोगों में अलग-अलग प्रतिक्रिया हो सकती है। चित्र: शटरस्‍टॉक
Dr. Manoj Sharma Updated: 26 Mar 2021, 19:26 pm IST
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फरवरी के मध्‍य में कोविड 19 की जो दूसरी लहर शुरू हुई थी, उसके चलते कोविड मामलों की संख्‍या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है और पीक मामलों के पचास फीसदी का आंकड़ा प्रतिदिन पार हो रहा है। इस साल की शुरुआत में लग रहा था जैसे हालातों पर कुछ नियंत्रण होने लगा है, ऐसे में लोगों ने ढिलाई शुरू कर दी और सावधानियां बरतने में लापरवाही का ही नतीजा है कि आज फिर हालात गंभीर होने लगे हैं।

मामलों में हो रही तेज़ी पर नियंत्रण करने के लिए हमें फिर उन सभी बातों का पालन करना होगा जिनकी सलाह शुरू से दी जा रही है।

सही ढंग से मास्‍क पहनना, सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन और हाथों की सफाई। इस महामारी से लड़ने के लिए हमारे पास अब वैक्‍सीन रूपी हथियार भी है। पर जैसा कि हमेशा होता है कि युद्ध के हथियार हमें सशक्‍त जरूर बनाते हैं, लेकिन जीत के लिए सिर्फ वे ही काफी नहीं होते, अन्‍य उपाय भी उतने ही महत्‍वपूर्ण होते हैं।

1 अप्रैल से सरकार अपना अलग टीकाकरण अभियान शुरु कर रही है। चित्र-शटरस्टॉक।

कोविड टीकाकरण अभियान

वैक्‍सीनेशन अभियान जिसकी शुरुआत करीब दो महीने पहले भारत में हुई थी और जिसके तहत्, जुलाई के अंत तक 30 करोड़ लोगों के वैक्‍सीनेशन की योजना है। इसमें हमने अब तक 8.5% आबादी का टीकाकरण कर लिया है। इस लिहाज़ से हमें वांछित लक्ष्‍यों को हासिल करने के लिए वैक्‍सीनेशन की रफ्तार बढ़ानी होगी।

न करें अफवाहों पर भरोसा

इस मामले में कई गलत और भ्रामक बातों का प्रसार किया जा रहा है। खासतौर से सोशल मीडिया पर वैक्‍सीन को लेकर कुछ अफवाहें चल रही हैं। इनमें यहां तक सवाल किया जा रहा है कि क्‍या टीका लगवाना फायदेमंद भी है या नहीं।

अमरीका, ब्रिटेन और इजरायल जैसे देशों में साल के शुरू से ही मामले बढ़ने की समस्‍या सिर उठाने लगी थी। अब तक इन देशों में काफी बड़ी आबादी को वैक्‍सीन दी जा चुकी है। ये देश संक्रमण को नियंत्रित करने तथा मामलों के रुझान उलटने में काफी हद तक सफल रहे हैं।

कोविड वैक्‍सीन यूके वेरिएंट पर पूरी तरह प्रभावशाली है। चित्र: शटरस्‍टॉक
कोविड वैक्‍सीन यूके वेरिएंट पर पूरी तरह प्रभावशाली है। चित्र: शटरस्‍टॉक

इनके उलट, ब्राजील में जहां केवल 5% आबादी का ही वैक्‍सीनेशन किया गया है, वहां लगातार मामलों में बढ़ोतरी जारी है।

वैक्‍सीन और साइड इफैक्‍ट

जहां तक टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रतिक्रिया का सवाल है, ऐसे मामले अत्‍यंत दुर्लभ हैं। टीके वाली जगह पर मामूली दर्द या हल्‍का बुखार उसी तरह से हो सकता है जैसा कि अन्‍य किसी बीमारी की रोकथाम के लिए दी जाने वाली वैक्‍सीन के मामले में देखा जाता है।

कोविड के नए वेरिएंट

इन दिनों म्‍यूटेंट वेरिएंट्स को लेकर भी काफी चर्चाएं हैं और यह भी सवाल उठने लगा है कि क्‍या मौजूदा वैक्‍सीन इन नए वेरिएंट्स के मामले में भी कारगर होंगी। अब तक सबसे ज्‍यादा चिंताएं मुख्‍य रूप से यूके वेरिएंट, दक्षिण अफ्रीका वेरिएंट, ब्राजील वेरिएंट और नोवेल वेरिएंट (कैलिफोर्निया) वेरिएंट को लेकर सामने आयी हैं।

अब तक हमारे देश में जिन म्‍यूटेंट वेरिएंट्स की पहचान की गई है, उनमें 95% से ज्‍यादा यूके वेरिएंट्स हैं और इनके मामले में वैक्‍सीन पूरी तरह से प्रभावी है। उधर, दक्षिण अफ्रीका वेरिएंट से संक्रमण का खतरा है, लेकिन इससे रोग काफी हल्‍का (माइल्‍ड) रहता है।

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यदि वायरस की संख्‍या बढ़ रही है, तो उसमें म्‍युटेशन एक स्‍वाभाविेक प्रक्रिया है और उसे रोकने के लिए वैक्‍सीन काफी कारगर उपाय हैं। जैसे-जैसे अधिकाधिक लोगों का टीकाकरण हो जाएगा और वे इम्‍यून हो जाएंगे, संक्रमण के प्रसार पर अपने आप रोक लग जाएगी और वायरस की संख्‍या वृद्धि भी रुकेगी।

वैक्सीन लगवाने से पहले आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखने की जरूरत है। चित्र-शटरस्टॉक।

क्‍या वैक्‍सीनेशन के बाद भी हो सकता है संक्रमण

एक और बड़ी चिंता वैक्‍सीन के बाद भी संक्रमण होने को लेकर है। इस मामले में सलाह दी जाती है कि सभी प्रकार की सावधानियां बरतते रहें। जैसे कि मास्‍क पहनें, सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन करें और हाथों की सुरक्षा पर पहले की तरह ध्‍यान दें।

वैक्‍सीन की दूसरी खुराक लेने के करीब दो हफ्ते बाद शरीर में वे एंटीबॉडीज पैदा होती हैं जो कोरोना संक्रमण से बचाव करती हैं।

स्‍वाभाविक रूप से संक्रमण हुआ हो या वैक्सीनेशन के बाद, हमारे सामने एंटीबॉडीज के स्‍तर के आधार पर तीन तरह के लोग होते हैं। करीब एक-तिहाई लोगों में एंटीबॉडीज का स्‍तर तीन महीने बाद खत्‍म हो जाता है।

कोविड वैक्‍सीन लेने के बाद भी आपको कुछ सुरक्षा मानकों का पालन करना जरूरी है। चित्र: शटरस्‍टॉक
कोविड वैक्‍सीन लेने के बाद भी आपको कुछ सुरक्षा मानकों का पालन करना जरूरी है। चित्र: शटरस्‍टॉक

जबकि कुछ में यह छह माह बाद होता है और कुछ लोगों में छह माह के बाद भी बना रहता है। लेकिन जिन लोगों में एंटीबॉडीज खत्‍म हो जाती हैं, उनके शरीर में भी T कोशिकाएं या मेमोरी कोशिकाएं इम्‍युनिटी प्रदान करती हैं और इस तरह रोग से सुरक्षा मिलती रहती है।

न करें किसी तरह की चिंता

फिलहाल देश में उपलब्‍ध कोविशील्‍ड और कोवैक्‍सीन काफी प्रभावी तथा सुरक्षित हैं और हमें वैक्‍सीनेशन से पीछे नहीं हटना चाहिए । ये हमारे शरीर का सुरक्षा कवच हैं और संक्रमण के प्रसार को तोड़ती हैं तथा महामारी पर काबू पाकर हालातों को सामान्‍य बनाने में काफी कारगर हैं।

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Dr. Manoj Sharma is Senior Consultant, Internal Medicine at Fortis Hospital, Vasant Kunj ...और पढ़ें

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