प्रेगनेंट होने के बाद हर महिला नये बच्चे के आगमन की तैयारी करने लगती है। गर्भवती स्त्री के दिमाग में बच्चे के लिए ख़ास तैयारी की बात दिन रात चलने लगती है। आपने महसूस किया होगा कि कुछ महिलाएं प्रेगनेंट होने पर कुछ ज्यादा ही सक्रिय हो जाती हैं। वे घर सफाई से लेकर कई अलग-अलग तरह के कामों में खुद को एंगेज करने लग जाती हैं। विशेषज्ञ इसे नेस्टिंग इंस्टिंक्ट का नाम देते हैं। जरूरी नहीं है कि सभी गर्भवती स्त्रियों में इस तरह की प्रवृत्ति का अनुभव हो। यह पूरी तरह से गर्भावस्था का एक सामान्य हिस्सा है। विशेषज्ञ से जानते हैं क्या है नेस्टिंग इंस्टिंक्ट (Nesting instinct during pregnancy) और इसे कैसे मैनेज किया जा सकता है।
गायनेकोलोजिस्ट और सेक्सोलोजिस्ट डॉ. अंजलि कुमार अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं, ‘ गर्भावस्था के दौरान महिला को नेस्टिंग इंस्टिंक्ट होना स्वाभाविक प्रक्रिया है। पर इस इच्छा को संतुलित करना और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना भी महत्वपूर्ण है। इसकी अधिकता दैनिक जीवन में हस्तक्षेप कर सकती है। इसमें प्रेगनेंसी के दौरान महिला में अचानक परिवर्तन होने लगता है। प्रेगनेंट लेडी अचानक बहुत एनरजेटिक हो जाती हैं। वे नये बच्चे के स्वागत की तैयारी के लिए घर को ऑर्गेनाइज़ करने के साथ-साथ दूसरे तरह की तैयारी में भी जुट जाती है।
नेस्टिंग इंस्टिंक्ट का अनुभव प्रेगनेंसी के लास्ट फेज में अधिक किया जा सकता है। इसके प्रभाव के कारण प्रेगनेंट लेडी कई अलग-अलग तरह की एक्टिविटी करने लग जाती हैं। वे घर के कोने-कोने की साफ़-सफाई करती हैं। घर को नवजात बच्चे के अनुकूल सजाना-संवारना, जन्म से पहले बच्चे का कमरा टी करना, उसे डेकोरेट करना, जरूरी सामान खरीद कर जमा करना जैसे काम वे जल्दी-जल्दी पूरा कर लेना चाहती हैं।
यहां तक कि वे तरह-तरह की कुकिंग और बेकिंग भी करने लग जाती हैं। नेस्टिंग इंस्टिंक्ट नई मां को इवोलूशन एडेप्टेशन (evolution adaptation) सिखाता है, ताकि बच्चे के जन्म के बाद वह खुद को नई मां के दायित्व में ढाल सके। यह अजन्मे बच्चे की सुरक्षा और उसका ख्याल रखने का भाव भी विकसित करता है।
नेस्टिंग इंस्टिंक्ट को किसी भी तरह नकारात्मक रूप में नहीं देखा जा सकता है। जरूरी नहीं है कि यह हर प्रेगनेंट लेडी में मौजूद हो। पर इसकी अधिकता फिजिकल हेल्थ और मेंटल हेल्थ, दोनों के लिए सही नहीं है। इसलिए इसे मैनेज करना जरूरी है।
बच्चे के आने से पहले सभी चीजों की तैयारी अच्छी चीज है। टू-डू सूची के बारे में चिंतित होना जरूरी है, पर इसके लिए रातों की नींद खराब करना स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। यदि आपकी नींद बाधित होने लगी है, तो पार्टनर से इसके बारे में बात करें। दोस्तों या परिवार के सदस्यों से मदद मांगें। सक्रिय रहें और एंग्जाइटी दूर करने के लिए कुछ हल्की एक्सरसाइज करें। डॉक्टर से भी बात करें।
यह याद रखें कि आप गर्भावस्था के अंतिम चरण में हैं। इसलिए अपने शरीर को आराम देना आपकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। इसलिए आराम करें। अपनी देखभाल को अपनी टू-डू सूची में रखें और इसे हर दिन चेक करें।
घर की विशेष रूप से सफाई वास्तव में कुछ महिलाओं को उनकी चिंता और तनाव का प्रबंधन करने में मदद कर सकता है। लेकिन सफाई और उसके लिए किये जाने वाले काम को अपनी एंग्जाइटी और तनाव का कारण नहीं बननें दें। यह चेक करें कि नेस्टिंग इंस्टिंक्ट आपको रिलैक्स कर रहा है या एंग्जाइटी दे रहा है।
थर्ड ट्रिमस्टर शुरू होने के बाद अपना हॉस्पिटल बैग पैक करना शुरू करें। इस महत्वपूर्ण कार्य को पूरा करने के लिए नेस्टिंग एनर्जी का लाभ उठाएं।
अपना हॉस्पिटल बैग पैक करते समय, उन प्यारे छोटे कपड़ों को पैक करना भी याद रखें, जो पहले दिन अपने बच्चे को पहनाना चाहती हैं। यदि आपके पास घर लौटने के लिए कोई विशेष पोशाक है, तो उसे हॉस्पिटल बैग में रखना न भूलें।
यह सुनने में जितना अजीब लगता है, नेस्टिंग प्लान बनाना वास्तव में मददगार हो सकता है। एक दिन में सब कुछ करने की कोशिश करने की बजाय हर दिन एक या दो घंटे इस योजना पर खर्च करें। प्राथमिकताओं की सूची बना कर काम करें।
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