क्या गर्भवती महिलाओं को नहीं रखना चाहिए निर्जला उपवास, जानिए क्या कहती हैं एक्सपर्ट

प्रेगनेंसी के दौरान डॉक्टर होने वाली मां को हेल्दी भोजन करने की और कुछ-कुछ समय के अंतर पर तरल पदार्थ या फल लेने की सलाह देते हैं। जिससे गर्भ में पल रहे शिशु को पोषण मिलता रहे।
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प्रेगनेंसी में अपनी सेहत का ख्याल रखना जरूरी है। चित्र शटरस्टॉक
निशा कपूर Published: 12 Oct 2022, 08:32 pm IST
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करवा चौथ की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखने वाली महिलाओं ने व्रत और सरगी संबंधी तैयारियां भी पूरी कर ली हैं। पर अब भी व्रत को लेकर कुछ आशंकाएं हैं। इनमें जो महिलाएं पहली बार करवा चौथ का व्रत रख रहीं हैं, वे तो इसे लेकर आशंकित हैं ही। साथ ही उनके मन में भी कुछ सवाल हैं, जो गर्भवती हैं और करवा चौथ का निर्जला उपवास रख रहीं हैं। यकीनन गर्भावस्था का समय चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसे में किसी भी तरह की लापरवाही परेशानी खड़ी कर सकती है। इसलिए आइए एक्सपर्ट से ही जानते हैं कि प्रेगनेंसी में निर्जला व्रत (Karwa chauth fast in pregnancy) रखना चाहिए या नहीं!

अगर आप भी प्रेगनेंट हैं और इस व्रत को रखना चाह रहीं हैं, तो जरूरी है कि डॉक्टर से इस बारे में जरूर परामर्श करें। प्रेगनेंसी के दौरान डॉक्टर होने वाली मां को हेल्दी भोजन करने की और कुछ-कुछ समय के अंतर पर तरल पदार्थ या फल लेने की सलाह देते हैं। जिससे गर्भ में पल रहे शिशु को पोषण मिलता रहे।

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गर्भवती हैं तो व्रत के दौरान रखें इन बातों का खास ध्यान, चित्र:शटरस्टॉक

द ऑरा क्लिनिक की निदेशक एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रितु सेठी कहती हैं कि प्रेगनेंसी का समय बेहद नाजुक होता है और इसमें अपनी सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। यदि प्रेगनेंसी में महिलाएं उपवास रखना भी चाहती हैं, तो उन्हें निर्जला व्रत नहीं रखना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से उन्हें एसिडिटी हो सकती है। जिसके कारण उन्हें उल्टी और चक्कर आ सकते हैं। इसलिए उन्हें फल और जूस का सेवन करते रहना चाहिए। जिससे वह अपना और अपने बच्चे का ख्याल रखें।

प्रेगनेंसी में व्रत के दौरान याद रखें ये जरूरी बातें

1 डॉक्टर से सलाह लें

यदि कोई भी प्रेगनेंट महिला व्रत रखना चाहती है, तो उन्हें सबसे पहले अपने डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। क्योंकि डॉक्टर मरीज के हाल मरीज से बेहतर जानता है। कुछ लोगों की प्रेग्नेंसी में हालत गंभीर या बहुत नाजुक होती है। ऐसे में निर्जला उपवास करना उनके और होने वाले बच्चे के लिए जोखिम बढ़ा सकता है। इसलिए उन्हें सबसे ज्यादा अपनी डाइट पर ख्याल देने को कहा जाता है।

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2 सरगी में प्रोटीन को दें पर्याप्त स्थान

सूर्योदय से पहले जो भोजन (सरगी) खाए उसमें स्लो कार्ब लें। जिससे आपको लम्बे समय तक भूख और प्यास का एहसास नहीं होता है और शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। इसके लिए आप क्विनोआ, दाल, अंकुरित दाल, हरी सब्जियां, फल, हाई प्रोटीन डाइट, ड्राई फ्रूट्स का सेवन कर सकती हैं क्योंकि ये पचने में लम्बा समय लगाते है और आप भरा हुआ महसूस करती हैं।

इसके साथ ही फ़ास्ट कार्ब वाले फ़ूड जैसे- मिठाई, जूस, बेकरी आइटम और तली भुनी चीजों का सेवन न करें। क्योंकि ऐसा करने से आपको बहुत जल्दी भुख और प्यास लगेगी।

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अपना प्रोटीन इंटेक बढ़ाएं। चित्र : शटरस्टॉक

3 आराम है जरूरी

प्रेगनेंसी में डॉक्टर आराम करने की सलाह भी देते हैं, क्योंकि व्रत में कुछ न खाने की वजह से महिलाओं में कमजोरी होने लगती है। कमजोरी से बचने के लिए उन्हें दिन में 3-4 घंटे के लिए सो जाना चाहिए और इसके साथ ही उन्हें अधिक बातचीत करने से, घूमने से और अधिक काम करने से बचने की सलाह ही जाती है। जिससे उनकी एनर्जी बनी रहे।

4 तनाव न लें

गर्भवती महिलाओं को करवाचौथ व्रत में खुश रहना चाहिए और तनाव से दूरी बनाये रखनी चाहिए। क्योंकि तनाव व्यक्ति की ऊर्जा को कम कर देता है। यदि आप तनाव लेती है तो ये आपके और आपके बच्चे दोनों के लिए खतरा पैदा कर सकता है।

5 गर्भस्थ शिशु पर भी दें ध्यान

करवाचौथ के व्रत में कभी-कभी शिशु की हरकते बहुत ही कम या बहुत ज्यादा महसूस होती है तो ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

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कभी-कभी उपवास के दौरान चक्कर आना, पेट दर्द होना, उल्टी आना जैसे लक्षण महसूस होने लगते है ये सभी शरीर में होने वाली पानी की कमी के कारण होता है। इसलिए थोड़ी-थोड़ी देर में तरल पदार्थ लेती रहें।

कैसे खोलें उपवास

इस बात का ख्याल रखें कि व्रत को खोलते समय आपको एक साथ ज्यादा खाना नहीं खाना है। पहले पानी, फ्रेश जूस से व्रत खोलें। चाय और कॉफ़ी जैसी चीज़े आपको नहीं लेनी है क्योंकि इससे आपको एसिडिटी (acidity) हो सकती है। आप थोड़ा थोड़ा तरल पदार्थ का सेवन करती रहें और इसके बाद थोड़ा खाना खाए।

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