हर्बल टी मन और शरीर को तरोताज़ा करती हैं। ये वजन घटाने में भी मददगार होती हैं। ऐसी ही एक चाय है एलिक्सिर टी। इसे अमृत चाय भी कहा जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से लड़ते हैं। ये शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को प्राकृतिक रूप से मजबूती देते हैं। इसलिए हर घूंट के साथ इसके स्वाद का न केवल आनंद लिया जाता है, बल्कि शरीर को पावरफुल कंपाउंड से पोषण भी दिया जाता है। विशेषज्ञ इसे सीमित मात्रा में लेने की सलाह देते हैं। इसकी अधिकता व्यक्ति को नशे की ओर धकेल (elixir tea) सकती है।
एलिक्सिर टी क्रैटोम हर्ब (Kratom Herb) से तैयार किया जाता है। इस हर्ब को क्रश कर, सुखाकर चाय की पत्ती तैयार की जाती है। आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह पर इसे हर्बल सप्लीमेंट के रूप में लिया जाता है। क्रैटोम (Mitragyna speciosa) एक पौधा है, जो दक्षिणी एशिया में उगता है। यह कॉफी परिवार का सदस्य है।
ओपिऑड ड्रग्स की तरह यह पेन रिलीविंग इफेक्ट वाला है। इसकी कच्ची पत्तियों का उपयोग चबाने या स्मोकिंग के लिए भी किया जाता है। पाउडर या तरल एक्सट्रैक्ट को भोजन या पेय पदार्थों में मिलाया जाता है।
अमेरिका सहित कई देशों में क्रैटोम के उपयोग पर रोक लगी हुई है। यहां किसी भी मात्रा में क्रैटोम का उपयोग करना सुरक्षित नहीं माना जाता है। क्योंकि यह मस्तिष्क रिसेप्टर्स के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है। मगर भारत में इस पर बैन नहीं है। इसका प्रयोग कई औषधियों को तैयार करने में किया जाता है। भारत में इसे ज्यादातर लोग ऑनलाइन खरीदते हैं।
हालांकि इसे ऑनलाइन मंगाने में भी दिक्कत होती है, क्योंकि कुछ राज्यों में इसकी खरीद को लेकर कुछ ख़ास रूल्स और रेगुलेशन बने हुए हैं। इसे एंग्जाइटी की दवा (Kratom for Anxiety) माना जाता है। इसलिए हर हाल में बिना डॉक्टर की सलाह के इसे लेना खतरनाक माना जाता है।
एशिया में सौ सालों से भी अधिक समय से क्रैटोम का उपयोग किया जा रहा है। इसे सूजनरोधी प्रभाव वाला माना जाता है। क्रैटोम वैस्कुलर परमीबिलिटी को कम करता है और प्रतिरक्षा को बढ़ाने में भी मददगार माना जा सकता है। यह दस्त को रोक सकता है। दर्द को कम कर सकता है।
क्रैटोम ओपिओइड रिसेप्टर्स से जुड़कर पुराने दर्द के लिए प्रभावी राहत देने वाला हो सकता है। क्रैटोम में पाया जाने वाला एक कंपाउंड 7-हाइड्रॉक्सीमिट्रागिनिन मॉर्फिन से 13 गुना अधिक शक्तिशाली माना जाता है। क्रैटोम मॉर्फिन और कोडीन की तरह ओपिओइड रिसेप्टर्स पर प्रभाव डालता है।
क्रैटोम में मूड-बढ़ाने वाले प्रभाव हो सकते हैं। कुछ स्टडी निष्कर्ष बताते हैं कि ओपिओइड की लत के लिए क्रैटोम एक प्रभावी उपचार हो सकता है। कुछ लोग इसका उपयोग मॉर्फिन और इथेनॉल के लत को कम करने में मदद के लिए करते हैं।
न्यूट्रिएंट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन बताते हैं कि क्रैटोम में अवसादरोधी (kratom for depression) और भूख दबाने की क्षमता हो सकती है। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने निर्धारित किया कि क्रैटोम चूहों में कॉर्टिकोस्टेरोन के स्तर को कम करता है। कॉर्टिकोस्टेरोन का बढ़ा हुआ स्तर ब्रेन केमिकल में होने वाले परिवर्तनों में से एक है, जो अवसाद में देखा जा सकता है। क्रैटोम हाइपोथैलेमस को रोककर भूख को दबा देता है। यह मस्तिष्क का वह हिस्सा है, जो भूख और क्रेविंग के लिए जिम्मेदार होता है।
क्रैटोम को कैफीन, शराब या नशीली दवाओं – जिसमें ओपिओइड भी शामिल है, के साथ मिलाना घातक साबित हो सकता है।
अधिक मात्रा में क्रैटोम लेने पर पसीना आना, ड्राई माउथ, तेज धड़कन, खुजली, पेशाब का बढ़ जाना, कब्ज़, उल्टी, भूख में कमी, वजन घटना, अनिद्रा, भ्रम
दौरे पड़ना यहां तक कि मौत भी हो सकती है। इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के इसकी कोई भी मात्रा लेना खतरनाक हो सकता है।
क्रैटोम चाय की पत्तियां खुली या टी बैग में भी उपलब्ध होती हैं। क्रैटोम पाउडर या क्रैटोम एक्सट्रैक्ट का भी उपयोग किया जा सकता है।
खुली पत्ती वाली क्रैटोम चाय का इस्तेमाल करने के लिए उसे गर्म पानी के साथ मिक्स किया जा सकता है।
चाय को 15 से 20 मिनट तक पानी में भिगो कर रखा जा सकता है। इसके बाद इसे छननी से छान लिया जाता है। कड़वे या स्ट्रांग स्वाद को छुपाने के लिए चाय में नींबू और शहद भी मिलाते हैं।
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