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Diphtheria symptoms : खांसी और वायरल इंफेक्शन के समय में जरूरी है डिप्थीरिया से सावधान रहना

नाइजीरिया के कई राज्यों में डिप्थीरिया से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। क्या भारत में भी इसके फैलने के आसार हैं? इस आलेख में किस तरह यह रोग फैलता है और क्या ट्रीटमेंट है, जानते हैं सब कुछ।
Published On: 5 Nov 2023, 03:30 pm IST
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diptheria se throat me infection ho sakta hai.
डिप्थीरिया मुख्य रूप से बैक्टीरिया कोरिनेबैक्टीरियम डिप्थीरिया के कारण होती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की वेबसाइट के अनुसार, नाइजीरिया के कई राज्यों में डिप्थीरिया के मामलों में असामान्य वृद्धि दर्ज की गई है। 30 जून से 31 अगस्त 2023 तक 11 राज्यों से कुल 5898 संदिग्ध मामले सामने आए। भारत में भी अकसर डिप्थीरिया के मामले सामने आते रहे हैं। विश्व भर के आधे मामलों भारत को जिम्मेदार बताया जा रहा है। यह एक संक्रामक रोग है। इसलिए डिप्थीरिया के बारे में जानना और इसके बचाव के उपाय (diphtheria causes and treatment) करना जरूरी है।

क्या है डिप्थीरिया (Diphtheria)

डिप्थीरिया अत्यधिक संक्रामक बीमारी है। यह मुख्य रूप से बैक्टीरिया कोरिनेबैक्टीरियम डिप्थीरिया (Corynebacterium diphtheria) के कारण होती है। ये बैक्टीरिया टोक्सिन बनाते हैं। इस टोक्सिन के कारण लोग बहुत बीमार पड़ सकते हैं। इसके रोकथाम के लिए प्रभावी वैक्सीन हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 5-10% डिप्थीरिया के मामले घातक हो सकते हैं। इसके कारण छोटे बच्चों में मृत्यु दर अधिक होती है।

कैसे फैलता है संक्रमण (Diphtheria Infection)

डिप्थीरिया बैक्टीरिया एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सांस की बूंदों, जैसे खांसने या छींकने से फैलता है। डिप्थीरिया शरीर में टॉन्सिल, नाक, गले या त्वचा को संक्रमित कर सकता है। प्रभावित शारीरिक अंगों में ऊपरी ब्रीदिंग वेज (नाक, एयर वेज, टॉन्सिल, वोकल कोर्ड और श्वासनली हो सकती है। यह स्किन (Skin Diphtheria) या कभी-कभी आंख, कान, वल्वा के प्रभावित होने का भी कारण बनता है। .

कुछ नाम और हैं (Diphtheria another name)

समय के साथ डिप्थीरिया को माइक्रोस्पोरोन डिप्थीरिकम, बैसिलस डिप्थीरिया और माइकोबैक्टीरियम डिप्थीरिया भी कहा जाने लगा। अभी इसे कोरिनेबैक्टीरियम डिप्थीरिया कहा जाने लगा।

गले में घरघराहट हो सकता है लक्षण (Diphtheria Symptoms)

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की वेबसाइट के अनुसार, इसके कारण टॉन्सिल को ढकने वाली एक मोटी भूरे रंग की झिल्ली बन सकती है। इससे घोंटने में दिक्कत हो सकती है। गले में ख़राश और घरघराहट हो सकती है। इनके अलावा, गर्दन में सूजे हुए ग्लैंड (बढ़े हुए लिम्फ नोड्स), सांस लेने में कठिनाई या तेजी से सांस लेना, नाक बहना, बुखार और ठंड लगना हो सकता है। थकान भी हो सकती है।

Dephtheria se bachaw ke liye vaccine len.
डिप्थीरियासंक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबायोटिक्स दिया जाता है। चित्र : अडोबी स्टॉक  

क्या है भारत में स्थिति (Diphtheria cases in India)

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, 2001 से 2015 तक वैश्विक स्तर पर दर्ज डिप्थीरिया के आधे मामले भारत से दर्ज किये गये। भारत में 2005 से 2014 तक सालाना औसतन 4167 मामले और 92 मौतें दर्ज की गईं। 2018 में भारत में डिप्थीरिया के 8788 मामले दर्ज किए।

इलाज कैसे किया जाता है (Diphtheria Treatment) ?

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की वेबसाइट के अनुसार, डिप्थीरिया का उपचार तुरंत शुरू हो जाता है। हेल्थकेयर एक्सपर्ट अंगों को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए डिप्थीरिया एंटीटॉक्सिन बताते हैं। संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबायोटिक्स, आमतौर पर पेनिसिलिन या एरिथ्रोमाइसिन दिया जाता है।

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संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीन (Vaccine for Diphtheria) 

दूसरों को संक्रमित होने से बचाने के लिए डिप्थीरिया से पीड़ित लोगों को अलग-थलग रखा जाता है। संक्रमित व्यक्ति एंटीबायोटिक्स लेने के लगभग 48 घंटों बाद संक्रामक नहीं रह सकता है। ट्रीटमेंट खत्म होने के बाद बैक्टीरिया समाप्त हुए हैं या नहीं, यह सुनिश्चित करने के लिए दुबारा परीक्षण किया जाता है। एक बार जब बैक्टीरिया ख़त्म हो जाते हैं, तो भविष्य में संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीन दिया जाता है

diptheria ka vaccine hai
अंगों को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए डिप्थीरिया एंटीटॉक्सिन बताते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

बचाव के उपाय (Diphtheria Prevention)

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की वेबसाइट के अनुसार, डिपथीरिया शॉट्स वैक्सीन इस रोग से बचाव कर सकते हैं। इनमें टीकाकरण के बाद बूस्टर शॉट्स भी शामिल हैं। टीके के कारण बुखार, दर्द या सुई वाली जगह पर रेडनेस हो सकती है। कभी-कभी कुछ लोगों में टीके से एलर्जी भी देखे जा सकते हैं।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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