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जानिए उस गंभीर और दुर्लभ बीमारी के बारे में जिसके लिए दीपिका पादुकोण और फराह खान ने खेला केबीसी

दुनिया की सबसे खर्चीली और दुर्लभ बीमारियों में शामिल है स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी।
अमेरिका में लगभग 10,000 से 25,000 बच्चे और वयस्क स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से ग्रसित हैं। चित्र : शटरस्टॉक
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कौन बनेगा करोड़पति तो आपने देखा ही होगा! यहां लोग अपने ज्ञान के बलबूते धनराशि जीतते हैं। कल शुक्रवार के विशेष एपिसोड में दीपिका पादुकोण और फराह खान दोनों नें अमिताभ बच्चन के साथ इस गेम में शिरकत की और दर्शकों का भरपूर मानोरंजन किया।

परंतु, जब अमिताभ बच्चन नें फराह से सवाल किया कि आज की जीती हुई धनराशि आप किस चैरिटी को देना चाहेंगी, तो उन्होनें एक 17 महीने के बच्चे ‘अयांश’ का जिक्र किया। अयांश, स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy) नामक गंभीर बीमारी से ग्रसित है। यह बीमारी सेंट्रल नर्वस सिस्टम को अफेक्ट करती है, जिसमें बच्चा हाथ-पैर चलाने में भी असमर्थ होता है।

अमेरिका में लगभग 10,000 से 25,000 बच्चे और वयस्क स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से ग्रसित हैं। यह एक दुर्लभ बीमारी है जो 6,000 से 10,000 बच्चों में से एक को प्रभावित करती है।

जानिए क्या है स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy)

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) एक विरासत में मिली बीमारी है, जो नसों और मांसपेशियों को प्रभावित करती है। जिससे मांसपेशियां तेजी से कमजोर होती जाती हैं। यह ज्यादातर शिशुओं और बच्चों को प्रभावित करती है, लेकिन वयस्कों में भी विकसित हो सकती है।

इस बीमारी के प्रकार के आधार पर लक्षण और रोग का निदान भिन्न होता है। जीन रिप्लेसमेंट (Gene replacement)और डिजीज मॉडिफाइंग थेरेपी (disease-modifying therapies) से इसका इलाज संभव है।

एसएमए वाले लोग रीढ़ की हड्डी (मोटर न्यूरॉन्स कहा जाता है) में एक विशिष्ट प्रकार की तंत्रिका कोशिका खो देते हैं, जो मांसपेशियों की गति को नियंत्रित करती है। इन मोटर न्यूरॉन्स के बिना, मांसपेशियों को तंत्रिका संकेत प्राप्त नहीं होते, जिससे शरीर के संचालन में दिक्कत आती है।

क्या हैं स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी के लक्षण?

इस बीमारी के लक्षण इसके प्रकार के आधार पर भिन्न होते हैं। सामान्य तौर पर, एसएमए वाले लोग मांसपेशियों के नियंत्रण, गति और ताकत की कमी का अनुभव करते हैं। उम्र के साथ मांसपेशियां खराब होती जाती है।

यह रोग धड़ और गर्दन के सबसे निकट की मांसपेशियों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। एसएमए वाले कुछ लोग कभी नहीं चलते, बैठते या खड़े नहीं हो पाते हैं। तथा धीरे-धीरे इन कार्यों को करने की क्षमता खो देते हैं।

यह बीमारी सेंट्रल नर्वस सिस्टम को अफेक्ट करती है, जिसमें बच्चा हाथ-पैर चलाने में भी असमर्थ होता है। चित्र : शटरस्टॉक

यह लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

सांस लेने में कठिनाई, खांसी या निमोनिया के अन्य लक्षण।
बुखार
घबराहट, उल्टी या दस्त।
डिहाइड्रेशन के लक्षण, जैसे कि गहरे रंग का मूत्र या अत्यधिक थकान।

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किसी बच्चे या व्यक्ति में स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी की पहचान कैसे की जाती है?

ब्लड टेस्ट – एक एंजाइम और प्रोटीन ब्लड टेस्ट, क्रिएटिन किनेज (creatine kinase) के उच्च स्तर की जांच कर सकता है। बिगड़ती मांसपेशियां इस एंजाइम को रक्तप्रवाह में छोड़ती हैं।

जिनेटिक टेस्ट – यह रक्त परीक्षण SMN1 जीन के साथ समस्याओं की पहचान करता है। नैदानिक ​​उपकरण के रूप में, एक जिनेटिक टेस्ट SMN1 जीन को खोजने में 95% प्रभावी है। कुछ राज्य नवजात शिशु के जन्म पर ही एसएमए के लिए परीक्षण करते हैं।

दुनिया के सबसे खर्चीले उपचारों में शामिल है यह बीमारी

केबीसी शो की बात करें, तो फराह खान ने यह बताया कि इस बीमारी का इलाज एक इंजेक्शन ज़ोलगेन्स्मा (Zolgensma), से संभव है, जो दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन है। इस इंजेक्शन की कीमत ₹16 करोड़ है। इसके अलावा, यह सिर्फ 2 साल की उम्र तक ही कारगर है।

ज़ोलगेन्स्मा (Zolgensma), दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन है। इस इंजेक्शन की कीमत ₹16 करोड़ है। चित्र : शटरस्टॉक

जीन रिप्लेसमेंट थेरेपी: दो साल से कम उम्र के बच्चों को एक बार के इंट्रावेनस (IV) इंजेक्शन से लाभ हो सकता है, जिसे ओनासेमनोजीन एबेपार्वोवेक-xioi (ज़ोलगेन्स्मा®) कहा जाता है। यह थेरेपी एक लापता या दोषपूर्ण SMN1 जीन को एक कार्यशील जीन से बदल देती है।

इस बीमारी का इलाज कुछ अन्य तरीकों से भी किया जाता है जैसे

डिजीज मॉडिफाइंग थेरेपी: ये दवाएं एसएमएन प्रोटीन के उत्पादन को प्रोत्साहित करती हैं। Nusinersen (Spinraza®) 2 से 12 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए है। आपका डॉक्टर रीढ़ की हड्डी के आसपास के स्थान में दवा को इंजेक्ट करता है। एक अलग दवा, रिसडापलम है जो, दो महीने से अधिक उम्र के वयस्कों और बच्चों की मदद करती है।

ध्यान रखें

क्लीवलैंड क्लीनिक के अनुसार एसएमए एक ऐसी न्यूरोमस्कुलर बीमारी है जो जीवन की गुणवत्ता और जीवन प्रत्याशा को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती है। यह बीमारी समय के साथ खराब होती जाती है। इसलिए, इलाज करने में देरी न करें!

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ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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