टेलीविजन एक्ट्रेस जैस्मिन भसीन (actress Jasmine bhasin) ने अपने फैंस को बताया कि वे अपनी आखों में असहनीय दर्द का अनुभव कर रही हैं और इसका कारण कॉर्नियल डैमेज (corneal damage) है। जैस्मिन भसीन बिग बॉस की कंटेस्टेंट रह चुकी हैं, साथ ही वे ‘दिल से दिल तक’ जैसे कई फेमस टेलिविजन शोज में लीड रोल पर नजर आई हैं। जैस्मिन ने अपने एक इवेंट के दौरान रेडी होते हुए काॅन्टेक्ट लेंस (contact lens) लगाने के बाद इस समस्या का अनुभव किया। धीरे-धीरे उनकी आंखों का दर्द बढ़ता गया और आखिर में उन्हें नजर आना बंद हो गया (Jasmine bhasin vision loss)।
जैस्मिन अपने एक इवेंट के लिए तैयार हो रहीं थीं। इस दौरान कॉन्टैक्ट लेंस लगाने के बाद जैस्मिन की आंखों से पानी आने लगा और उन्हें अनकंफर्टेबल महसूस हुआ। थोड़े ही देर बाद उनकी आंखों में दर्द शुरू हो गया। पर वर्क कमिटमेंट की वजह से जैस्मिन ने सनग्लासेस लगाकर इवेंट अटेंड किया। हालांकि, एक समय के बाद उन्हें कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। इवेंट पूरा करने के बाद वे फौरन मेडिकल चेकअप के लिए गई।
उन्होंने मीडिया को बताया कि चेकअप के बाद डॉक्टर ने उन्हें कॉर्नियल डैमेज की जानकारी दी। ट्रीटमेंट के बाद उनकी आंखों पर पट्टी कर दी गई। रिकवरी टाइम 5 से 6 दिन बताया जा रहा है। हालांकि रिकवरी के बाद भी डॉक्टर ने आंखों का बेहतर ध्यान रखने की सलाह दी है। जैस्मिन कहती हैं “इस समस्या से डील करना मेरे लिए आसान नहीं था। मैं कुछ भी नहीं देख पा रही थी, यहां तक की दर्द की वजह से मैं रातों सो भी नहीं पाती थी।”
अब जबकि कॉन्टेक्ट लैंस पहनना एक फैशन स्टेटमेंट बन चुका है, तब क्या वह विजन लॉस का भी कारण बन सकता है? लेंस के प्रभाव और कॉर्नियल डैमेज (how lens causes corneal problems) के बारे में अधिक गंभीरता से समझने के लिए हेल्थ शॉट्स ने मौरिंगो एशिया हॉस्पिटल गुरुग्राम के ऑप्थाल्माेलॉजी डिपार्टमेंट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ धीरज गुप्ता से बात की। डॉ धीरज ने कॉन्टेक्ट लैंस के दुष्प्रभावों और कार्नियल डैमेज के बारे में कई चौंकाने वाली बातें बताईं।
कॉन्ट्रैक्ट लेंस कॉर्निया में स्वेलिंग का कारण बन सकते हैं। खासकर जब कोई व्यक्ति लेंस लगाकर सो जाता है। इस स्थिति में कॉर्निया तक ऑक्सीजन नहीं पहुंचता है, जिसकी वजह से दर्द होता है और सूजन आ जाता है। इस स्थिति में आईलिड के ऊपर दर्द होता है, और आंखों को खोलने मुश्किल हो जाता है।
कॉन्ट्रैक्ट लेंस पहने हुए आंखों में पानी चला जाना, खासकर यदि स्विमिंग करते वक्त ऐसा होता है, तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा कॉन्ट्रैक्ट लेंस का साफ न होना या इसे लंबे समय तक एक ही सॉल्यूशन में रखना भी संक्रमण का कारण बन सकता है। वहीं गंदे हाथों से कॉन्ट्रैक्ट लेंस लगाना और लेंस और आंखों के बीच में गंदगी के फस जाने से इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
कॉन्ट्रैक्ट लेंस पर जमी गंदगी, और इसका गलत इस्तेमाल कॉर्नियल डैमेज का कारण बन सकता है। कॉन्ट्रैक्ट लेंस को पहनते और उतारते वक्त कॉर्नियल डैमेज का खतरा सबसे अधिक होता है। खास कर जब आपके नाखून बड़े होते हैं, और आप इसको नकाकलने के लिए नई होती हैं, और नाखूनों की मदद से इसे निकालने की कोशिश करती हैं।
कॉन्ट्रैक्ट लेंस से होने वाले नुकसान से बचने के लिए लेंस को छूने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह साफ कर ले और इसे ड्राई कर लें। इसके अलावा लेंस के स्टोरेज के लिए एक्सपर्ट द्वारा रेकमेंडेड सॉल्यूशन का इस्तेमाल करें। साथ ही समय-समय पर सॉल्यूशन को बदलती रहें।
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डॉक्टर द्वारा लेंस पहने का एक उचित समय निर्धारित किया जाता है। उस समय से अधिक समय तक लेंस पहनना आपकी आंखों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए कम से कम पीरियड के लिए लेंस पहने और अपनी आंखों को सुरक्षित रखें।
रात को सोने से पहले कॉन्टैक्ट लेंस को उतारना न भूले। अन्यथा यह कॉर्नियल स्वेलिंग का कारण बन सकता है। साथ ही साथ इससे इंफेक्शन और कॉर्नियल डैमेज का खतरा भी बढ़ जाता है, इसलिए इसे पूरी तरह से अवॉइड करें।
अपने लेंस को नियमित रूप से फ्रेश सॉल्यूशन से साफ करें। इसके लिए पानी का इस्तेमाल न करें। वहीं कॉन्टेमिनेशन से बचने के लिए प्रति 3 महीने पर लेंस को बदलें।
यदि आपको कॉन्टैक्ट लेंस पहने हुए किसी भी प्रकार का इरिटेशन, इचिंग या धुंधलापन महसूस हो रहा हो, तो इसे फौरन निकाल दें। ऐसा करने से आपको कम से कम डैमेज होगा यदि आप इसे लगाए रहते हैं, तो इससे परेशानी अधिक बढ़ सकती है। इसलिए डॉक्टर से मिलें और अपनी आंखों को कुछ दिन के लिए लेंस से ब्रेक दें।
जैस्मिन ने अपने इंस्टाग्राम के जरिए अपने फैंस को अपनी हेल्थ अपडेट देते हुए बताया कि वे अब काफी बेहतर महसूस कर रही हैं, और जल्दी रिकवर कर रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपने बॉयफ्रेंड अली गोनी को मुश्किल वक्त में उनके साथ खड़े रहने के लिए धन्यवाद कहा। उन्होंने बताया कि किस तरह अली ने 24 घंटे उनके साथ उन्हें खुश करने की कोशिश की और दर्द में भी उनके चेहरे पर मुस्कान बनाए रखा।
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