मेनोपॉज में आपकी मम्‍मी के लिए सिर्फ दूध पीना ही काफी नहीं है, जानिए क्‍यों ?

मेनोपॉज में आपकी मम्‍मी को बहुत सारी भावनात्मक और शारीरिक समस्याओं को सामना करना पड़ सकता है। इन्हें आप हेल्दी डाइट और योग के माध्यम से मैनेज कर सकती हैं।
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बेटी से दोस्ताना व्यवहार रखना ही समझदारी है। चित्र: शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 10 Dec 2020, 13:19 pm IST
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मेनोपॉज का सामना हर महिला को करना पड़ता है। यह ऐसी स्थिति है जिससे वे बच नहीं सकतीं। पर इस समय में फैमिली सपोर्ट की बहुत ज्‍यादा जरूरत होती है। हो सकता है आपकी मम्‍मी भी इस समय मेनोपॉज संबंधी समस्‍याओं का सामना कर रहीं हों।

पर अगर आप उनकी डाइट और रूटीन पर ध्यान दें, तो इसमें होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है। खासतौर से बोन हेल्थ के लिए डेयरी उत्पादों के साथ-साथ अन्य पोषक आहार और व्यायाम भी जरूरी है।

सिर्फ दूध पीना ही काफी नहीं है

क्या आपकी मम्‍मी हर रोज दूध पीती हैं? हां, ये अच्छी आदत है। यह उन्‍हें कई तरह के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ दे सकती है। पर मेनोपॉज के बाद बोन हेल्थ के लिए सिर्फ दूध पीना ही काफी नहीं है। इस संदर्भ में हुए एक नए शोध में यह सामने आया है कि मेनोपॉज के दौरान बोन हेल्थ को बनाए रखने के लिए और भी कुछ चीजों पर ध्यान देना जरूरी है।

क्या कहता है शोध

शोधकर्ताओं ने पाया है कि आवश्यक पोषक तत्वों से युक्त होने के बावजूद, डेयरी उत्पाद महिलाओं में उम्र के साथ होने वाले बोन्स के नुकसान को नहीं रोक पाते। रीढ़ या गर्दन की हड्डियों के घनत्व में इससे लाभ नहीं होता है, और न ही वे महिलाओं में फ्रैक्चर जोखिम को कम कर पाते हैं।

स्टडी ऑफ वुमेन हेल्थ एको द नेशन (SWAN) के आंकड़ों के आधार पर किए गए अध्ययन से पता चलता है कि रजोनिवृत्ति के संक्रमण के दौरान, जब बोन हेल्थ में गिरावट आने लगती है, तो वे बोन मिनरल डेंसिटी कम होने या फ्रैक्चर को रोकने में कम ही लाभप्रद हो पाते हैं।

द नॉर्थ अमेरिकन मेनोपॉज सोसाइटी (NAMS) की ऑनलाइन पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा गया, महिलाओं के मेनोपॉज में एंटर करने के सथ ही बोन्स कमजोर होने लगती हैं। जिससे  ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम बढ़ जाता है।

SWAN से प्राप्‍त आंकड़ों से पता चला है कि बोन्‍स के इस नुकसान को डेयरी उत्पादों की खपत से धीमा नहीं किया जा स‍कता है और न ही फ्रैक्चर जोखिम को कम किया जाता है। निष्कर्षों के लिए, वर्तमान अध्ययन ने विशेष रूप से फीमोरल (ऑर्विक) और रीढ़ की हड्डी के खनिज घनत्व पर डेयरी सेवन के प्रभाव को देखा।

अब तक आपकी मम्‍मी ने आपका बहुत ध्‍यान रखा है, अब आपकी बारी है कि आप उनका ध्‍यान रखें। चित्र: शटरस्‍टॉक

यह उन अध्ययनों में से एक है जो विशेषतौर से महिलाओं में दुग्ध उत्पादों के सेवन के प्रभाव पर फोकस हैं। इनका उद्देश्य यह देखना भी है कि मेनोपॉज के दौरान फ्रैक्चर के जोखिम को कैसे कम किया जा सकता है।

उम्र के साथ महिलाओं को होता है ज्‍यादा नुकसान

ऑस्टियोपोरोसिस के लिए सबसे बड़े जोखिम वाले कारकों में से दो – उम्र और लिंग हैं। यह किसी भी महिला के लिए मुश्किल खड़ी कर देते हैं। क्योंकि ये अपरिवर्तनीय, उम्र से संबंधित हैं। उम्र बढ़ने के साथ-साथ महिलाओं की बोन हेल्थ प्रभावित होने लगती है। जिसके चलते ज्यादातर महिलाओं को परेशानी उठानी पड़ती है। बार-बार फ्रैक्चर या हड्डी टूटना उनके जीवन को शारीरिक और भावनात्मक रूप से प्रभावित करता है।

निष्कर्षों से पता चला है कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम ज्यादा रहता है, जो उम्र बढ़ने के साथ लगातार बढ़ता जाता है। यह अध्ययन मौजूदा आंकड़ों में बोन मिनरल डेंसिटी (हड्डी खनिज घनत्व) और फ्रैक्चर जोखिम पर डेयरी सेवन से लाभ की कमी का सुझाव देता है।

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हेल्‍दी डाइट भी है जरूरी है

NAMS के मेडिकल डायरेक्टर और इस शोध के अध्ययनकर्ता स्टेपनी फेबियन सुझाव देते हैं, “फल, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर मेडिटेरेनियन डाइट (भूमध्य प्रकार के आहार) के साथ-साथ मछली और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद लेने से कई अन्य स्वास्थ्य लाभ हैं।”

इस समय आपको अपनी मम्‍मी की डाइट पर बहुत ज्‍यादा ध्‍यान देना है। चित्र: शटरस्‍टॉक

फेबियन आगे सुझाव देते हैं, “इसके अलावा, नियमित रूप से वजन संतुलित करने वाले व्यायाम, जैसे कि चलना या टहलना, हड्डियों की ताकत को बनाए रखने में मदद कर सकता है। ऐसी गतिविधियां जो ताकत और संतुलन को बेहतर बनाती हैं, जैसे योग और ताई ची आ‍दि बोन्स के नुकसान में कमी ला सकती हैं।”

(IANS इनपुट के साथ)

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