क्या वाकई ओमिक्रोन BA.1 से ज्यादा खतरनाक है ओमिक्रोन का BA.2 स्ट्रेन?

ओमिक्रोन अपने हल्के लक्षणों के साथ भारत में एक बड़ी आबादी को संक्रमित कर चुका है। अब इसके सब स्ट्रेन चर्चा का विषय बने हुए हैं।
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ओमिक्रोन के अब तक आ चुके हैं चार सब वैरिएंट। चित्र : शटरस्टॉक
अक्षांश कुलश्रेष्ठ Published: 24 Feb 2022, 09:30 am IST
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सबसे तेजी से फैलने वाला कोरोना वायरस संक्रमण का ओमिक्रोन वैरिएंट दुनिया के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। इस नए वैरिएंट की दस्तक देने के बाद कई शोधों में यह बात सामने आई है कि यह काफी तेजी से म्यूटेट होने वाला वैरिएंट हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इसे “वैरिएंट ऑफ कंसर्न” की सूची में शामिल किया है। इसके कई सब स्ट्रेन भी देखने को मिले, जिसे ओमिक्रोन के मूल स्ट्रेन से काफी ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा था। पर क्या वाकई ऐसा है? डब्ल्यूएचओ ने इस बारे में महत्वपूर्ण खुलासा किया है। 

हाल ही में विश्व स्वास्थ संगठन द्वारा दिए गए एक बयान में कहा गया है कि ओमिक्रोन का दूसरा स्ट्रेन मूल स्ट्रेन से ज्यादा खतरनाक नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह बयान मंगलवार को जारी किया। WHO द्वारा ओमिक्रोन के जिस दूसरे स्ट्रेन की बात की गई है, वह बीए.2 संक्रमण है। यह बात विश्व स्वास्थ संगठन की वरिष्ठ अधिकारी मारिया वान केरखोव द्वारा अलग-अलग देशों के लोगों से लिए गए सैंपल के आधार पर कही गई।

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काफ़ी तेजी से फैलता है ओमिक्रोन । चित्र : शटरस्टॉक

जानिए क्या था WHO का बयान ?

मारिया वान केरखोव, विश्व स्वास्थ संगठन की वरिष्ठ अधिकारी ने ऑनलाइन प्रश्न उत्तर सत्र में एक सवाल के जवाब में कहा कि “यदि BA.2 की तुलना BA.1 से की जाए, तो हमें इसकी गंभीरता में कोई अंतर नहीं दिख रहा है।” सत्र के दौरान उन्होंने कहा कि इनकी गंभीरता का एक समान स्तर है, क्योंकि यह अस्पताल के भर्ती होने के जोखिम से संबंधित है। यह वास्तव में महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई देशों में  BA.1 और BA.2 दोनों ही काफ़ी ज्यादा फैल रहें हैं। 

जानिए कितने हैं ओमिक्रोन के सब वैरिएंट? 

अभी तक दुनिया में ओमिक्रोन वैरिएंट के चार सब वैरिएंट पाए गए हैं। जिसमें  BA.1, BA.1.1, BA.2 और BA.3  शामिल हैं। BA.1 ही कोरोना वायरस संक्रमण के ओमिक्रोन वैरिएंट का मूल वैरिएंट है। दुनिया में ज्यादातर मामले BA.1 के ही पाए जा रहे हैं।

डब्ल्यूएचओ की कोविड-19 प्रतिक्रिया टीम के तकनीकी पक्ष का नेतृत्व करने वाली वैन केरखोव वायरस के विकास पर नज़र रखने वाले विशेषज्ञों की एक समिति के निष्कर्षों को रिपोर्ट कर रहीं थी। उनके निष्कर्ष डेनमार्क जैसे देशों के लिए राहत के रूप में आए। जहां ओमिक्रोन का बीए.2 संस्करण व्यापक रूप से प्रसारित हुआ है।

BA.1 की तुलना में अधिक ट्रांसमिसिबल है BA.2

डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा कि प्रारंभिक डेटा से पता चलता है नया बीए 2 संस्करण “बीए.1 की तुलना में स्वाभाविक रूप से अधिक तेजी से फैलने वाला है। यह मूल ओमिक्रोन से तेज़ी से फैलता है, लेकिन उससे कम घातक हैं। यह पता लगाने के लिए कि ऐसा क्यों है, लगातार अध्ययन जारी हैं। 

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ओमिक्रोन का इंफेक्शन रेट पिछले वैरिएंट की तुलना में बहुत ज्यादा है। चित्र: शटरस्टॉक

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ओमिक्रोन का BA.2 वंश अपने आनुवंशिक अनुक्रम में BA.1 से भिन्न है। इसमें स्पाइक प्रोटीन और अन्य प्रोटीन में कुछ अमीनो एसिड के अंतर शामिल हैं। हालांकि, ट्रांसमिसिबिलिटी में यह अंतर BA.1 और डेल्टा के बीच के अंतर से बहुत छोटा हैं।

क्या है निष्कर्ष 

ओमिक्रोन कोरोनावायरस का सबसे ज्यादा म्यूटेट करने वाला स्ट्रेन है। यही वजह है कि इसके अब तक कई सबस्ट्रेन सामने आ चुके हैं। पिछले कुछ अध्ययनों में इनके ज्यादा खतरनाक होने का अंदेशा जताया गया था। मगर विभिन्न देशों से प्राप्त सैंपलों के आधार पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमिक्रोन के सभी वैरिएंट्स को समान रूप से खतरनाक माना है। इसलिए आपको अब भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। आखिर सेहत से बढ़कर कुछ भी नहीं है। 

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