उत्तर भारत में इस वक्त सर्दी अपने चरम पर है। इसी वक्त 13 जनवरी से यूपी के प्रयागराज में महा कुम्भ 2025 का आयोजन शुरू हो जाएगा। इसमें कोई शक नहीं कि इस आयोजन में करोड़ों लोग शामिल होने जा रहे हैं। लेकिन ठीक इसी वक्त एक वायरस ने देश में दस्तक दी है। इसका नाम है HMPV वायरस।
आम तौर पर सर्दी जुकाम जैसे लक्षण दिखाने वाला ये वायरस बच्चों और बुजुर्गों पर ज्यादा असर करता है और उन्हें निमोनिया और ब्रोन्काइटिस जैसी बीमारियां दे सकता है। अब आप अगर कुम्भ 2025 का हिस्सा बनने बच्चों और बुजुर्गों के साथ जा रहे हैं, तो इस वायरस के खतरे (HMPV virus during kumbh) आप पर भी हो सकते हैं। ऐसे में कुछ तरीके अपना कर आप बच्चों और बुजुर्गों के साथ खुद का भी ख्याल रख सकते हैं।
1. बच्चों में इम्यून सिस्टम अभी डेवलप ही हो रहा होता है और ठंड में ये और कमजोर हो सकता है जिससे जिससे HMPV के इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
2. HMPV बच्चों में सांस लेने में कठिनाई, खांसी और बुखार जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है।
3. ठंड के मौसम में बच्चों का सांस लेने वाला पूरा तंत्र सिकुड़ जाता है, जिससे HMPV के असर बढ़ कर न्यूमोनिया तक जा सकते हैं।
4. बच्चों का भीड़-भाड़ वाली जगहों पर होना, कुम्भ में HMPV (HMPV virus during kumbh) के फैलने की संभावना को बढ़ाता है और बच्चों की हालत गंभीर हो सकती है।
1.बढ़ती उम्र के साथ शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर होता चला जाता है, जिसकी वजह से बुजुर्गों पर वायरस के अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
2. HMPV वायरस बुजुर्गों में सांस लेने की समस्याएं और सर्दी खांसी जैसी दिक्कतें पैदा कर सकता है। उन बुजुर्गों के लिए ये और खतरनाक हो सकता है जिन्हें पहले से ही सांस की समस्या हो।
3.ठंड के मौसम में हमारा सांस लेने का तंत्र सिकुड़ता है जिससे HMPV जैसे वायरस का असर और बढ़ता चला जाता है। बुजुर्गों में ये असर और घातक होता जाता है।
4.भीड़- भाड़ वाली कुम्भ जैसी जगहों पर (HMPV virus during kumbh) HMPV वायरस फैलने की संभावना और ज्यादा होती है। बुजुर्गों में कुम्भ जैसी जगहों पर वायरस के शिकार होने के चांसेस इसलिए भी ज्यादा होते हैं क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है।
वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर ईश्वर पी गिलादा के अनुसार, ठंड और ऐसे वायरस जो सांसों से संबंधित तकलीफ देते हैं, उनका सीधा संबंध है। इसका कारण ये है कि सर्दियों में हमारे ब्रीदिंग सिस्टम पर प्रेशर पड़ता है। और जब हमारा शरीर ठंड से निपटने की कोशिश कर रहा होता है तो ज्यादा सर्दी की वजह से हमारा इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो सकता है।
कुम्भ जैसी जगहों पर (HMPV virus during kumbh) HMPV जैसे वायरस ज्यादा आसानी से शरीर में जा सकते हैं। दूसरा कारण हैं कि ऐसे वायरस का नेचर ही ऐसा होता है कि वो सर्दियों में ज्यादा पनपते और फैलते हैं। आपने देखा होगा कि कोरोना भी सर्दियों में ही बुरी तरह से फैला था। यही वजह है कि सर्दियों में HMPV भी खतरनाक बन जाता है।
बच्चों और बुजुर्गों को ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़े पहनाना जरूरी है। ठंड के मौसम में शरीर का तापमान गिर जाता है जिससे शरीर की इम्यूनिटी भी कमजोर होती है। ऐसे में HMPV (HMPV virus during kumbh) जैसे सर्दी-जुकाम वाले तमाम वायरस के अटैक का खतरा भी ज्यादा होता है। खासकर सिर, हाथों, पैरों और गर्दन को ढकने के उपाय जरूर करें।
साफ-सफाई किसी भी वायरस या बैक्टीरिया से बचने के लिए जरूरी है। खास कर बच्चों और बुजुर्गों के हाथ जरूर साफ रखें क्योंकि उनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है।
इसके साथ ही उन्हें मास्क जरूर पहनाएं और खुद भी पहनें ताकि वायरस से प्रभावित होने का खतरा कम से कम हो।
सर्दी में हम अक्सर अपने शरीर को पानी से दूर रखते हैं ताकि सर्दी का एहसास कम हो। लेकिन ये ग़लत है और कुम्भ जैसी जगह पर तो ऐसा बिल्कुल नहीं करना है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीजिए। फलों के जूस और ताजे फलों की मदद से शरीर को हाइड्रेट रखिए ताकि शरीर में पानी की कमी ना हो और आप बीमार न पड़ें।
जितनी ज्यादा भीड़ में आप जाएंगे, आपको वायरस के अटैक का खतरा उतना ही रहेगा। भले ही HMPV के खतरे कम नुकसानदेह हैं । लेकिन बच्चों और बुजुर्गों पर इसका असर ज्यादा हो सकता है। इसलिए उन्हें भीड़ से दूर रखने की कोशिश करिए और खुद भी भीड़-भाड़ में जाने से बचिए।
कुम्भ 2025 में (HMPV virus during kumbh) हेल्थ सर्विसेस के लिए वहाँ पर हॉस्पिटल, एम्बुलेंस और मेडिकल कैंप की सुविधा है। किसी भी एमर्जेंसी की स्थिति में आप हेल्पलाइन नंबर 1920 डायल कर सकते हैं । इससे आपको वक्त पर इलाज मिल जाएगा। इसके अलावा एहतियात के लिए अपने पास भी मेडिकल किट रखें।
यूपी सरकार ने कुम्भ 2025 के लिए कुम्भ सहायक नाम का पोर्टल भी शुरू किया है। आप इसकी मदद से भी सहायता पा सकते हैं। बच्चों और बुजुर्गों में खांसी, बुखार, और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं दिखाई दें, तो तुरंत मेडिकल सर्विसेस का रुख करें।
कुम्भ मेले (HMPV virus during kumbh) जैसी जगहों में अक्सर खुले तौर पर खाने पीने की चीजें बिकती हैं। ये सब चीजें वायरस का सोर्स हो सकती हैं। बच्चों और बुजुर्गों को खासकर इनसे दूर रखें। उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और वायरस का असर उन पर ज्यादा हो सकता है।
खाली पेट होने से शरीर में एनर्जी की कमी हो जाती है। ऐसी सूरत में इम्यून सिस्टम और कमजोर हो जाता है। ऐसे में वायरस का असर तुरंत हो सकता है और लोग बीमार पड़ सकते हैं। इसलिए कुम्भ में जाने से पहले बच्चों और बुजुर्गों को यात्रा करने से पहले अच्छा भोजन और नाश्ता देना चाहिए।
कुम्भ मेले जैसी जगहों पर धूल और प्रदूषण की समस्या ज्यादा होती हैं। ऐसे में सांस की दिक्कत कॉमन है। लेकिन ये खतरा और बढ़ जाता है जब HMPV जैसे वायरस भी उसी धूल में हों। इसलिए प्रदूषित जगहों को पूरी तरह से अवॉइड करें।
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